• November 9, 2014

स्कूली छात्रा : रहस्यमयी अपहरण का रहस्य बरकरार – जग मोहन ठाकन (मो0- 07665261963)

स्कूली छात्रा : रहस्यमयी अपहरण का रहस्य बरकरार – जग मोहन ठाकन (मो0- 07665261963)

चुरू  (राज) – राजस्थान की अपने आप को  सुशासन की मिशाल बताने वाली भाजपा सरकार में चुरू जिले के उपमंडल   मुख्यालय सादुलपुर (राजगढ़) में एक ही सप्ताह भीतर अपहरण की दो अलग अलग घटनाओं ने शहर को डर के कोहरे में धकेल दिया है .चार दिनों के अन्तराल पर हुई दूसरी घटना पर शहर वासियों में आक्रोश इस कद्र बढ़ गया है कि बाज़ार बंद करने एवं आन्दोलन करने  की चेतावनी दे दी गयी है .शनिवार को शहर के गणमान्य व्यक्ति बसपा विधायक मनोज न्यांगली के नेतृत्व में ए एस पी नितेश आर्य से मिले तथा शीघ्र अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार करने तथा भविष्य में इस प्रकार की घटना ना हो , की मांग की .

      प्रथम अपहरण की घटना तीन नवम्बर की सुबह दस बजे घटित हुई , जिसमे एक छात्र सुभम ( १६ वर्ष ) पुत्र ओमप्रकाश अग्रवाल का बेहोशी की दवा सुंघाकर अपहरण कर लिया गया . शुभम तब स्कूल जा रहा था . बाद दोपहर दो बजे जब उसे होश आया तो वह श्मशान के पास  सूनी जगह पड़ा हुआ था .

दूसरी घटना सात नवम्बर की है . मोहता स्कूल की छात्रा , तन्वी (१२ वर्ष ) पुत्री मदनलाल बैरासरिया का सुबह स्कूल के ठीक सामने से ही अपहरण कर लिया गया .जानकारी के मुताबिक जीप में सवार नकाबपोस दो युवक तथा एक महिला ने शुक्रवार सुबह स्कूल व नगरपालिका कार्यालय के सामने तन्वी को जीप में डालकर अपहृत कर लिया . बाद में तलाशी लेकर छात्रा को एक मंदिर के पीछे सुनसान क्षेत्र में छोड़ दिया गया .छात्रा ने स्कूल पहुँच कर एक शिक्षक को आप बीती बताई . मध्यान्ह भोजनावकाश के समय जब छात्रा की माँ टिफिन लेकर स्कूल आई तब परिजनों को वारदात का पता चला. पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज कर जांच प्राम्भ कर दी है . ए एस पी सादुलपुर , नितेश आर्य का कहना है कि वाहन की तलाश और आरोपियों के धरपकड़ के लिए टीम गठित की गयी है तथा प्रभावी कार्रवाई की जा रही है .

पर दोनों ही अपहरण की घटनाओं से प्रश्न उठते हैं कि आखिर अपहरण का उद्देश्य क्या था ? क्योंकि दोनों ही अपहृत विद्यार्थी थे . दोनों का स्कूल जाते समय अपहरण किया गया . एक छात्रा का अपहरण तो ठीक स्कूल के सामने उस समय किया गया जब स्कूल आने वाले बच्चों का आवागमन रहता है . घटना से इतना तो स्पष्ट है कि अपहरण कर्ताओं के होंसले कितने बुलंद हैं . दोनों ही अपहृतों को कुछ समय बाद ही छोड़ दिया गया . अगर अपहरण फिरौती के लिए किये गए थे ,तो फिरौती क्यों नहीं मांगी गयी तथा अपहृतों को बिना किसी कारण के क्यों छोड़ दिया गया ? छात्रा के ब्यान मुताबिक छात्रा की तलाशी लेकर उसे छोड़ दिया गया ,.तो क्या अपहरण कर्ता  इतने भोले तथा सरल स्वभाव के थे कि उन्हें यह तक नहीं पता था कि एक स्कूली छात्रा के पास लूट पाट के लिए कुछ नहीं मिल सकता ? या मात्र सौ –दो सौ रुपये ( जो अधिकतम एक छात्र पॉकेट मनी रखता है ) की लूट पाट के लिए ही अपहरण किया गया ?

स्कूली छात्रा तन्वी ने अपहरण के बाद स्कूल आते ही अपने अध्यापक को घटना की सूचना दे दी थी , तो अध्यापक ने तुरंत छात्रा के परिजनों एवं प्रिंसिपल को क्यों नहीं सूचित किया ? यदि प्रिंसिपल को बता दिया गया था , तो क्यों नहीं प्रिंसिपल ने परिजनों तथा पुलिस को सूचना दी ? हो सकता था कि तुरंत सूचना पाकर पुलिस त्वरित गति से कार्रवाई करती . ऐसे मामलों में विलम्ब हमेशा सबूतों को मिट जाने का मौका देता है .

अब सोचना यह है कि कहीं असली शिकार कोई और तो नहीं है ? कहीं ऐसा ना हो कि अपहरण कर्ता किसी अन्य विशिष्ट परिवार के बच्चों का अपहरण करना चाहते हों और दोनों ही बार गलत निशाने बना लिए गए हों ? अन्यथा दोनों ही अपहृत बच्चों को कुछ देर बाद ही क्यों अकारण छोड़ दिया गया ? क्या अभी और अपहरण होना बाकी है ?. इस प्रकार के  कई सवाल खड़े होते हैं , जिन्हें पुलिस को समय रहते सुलझाना होगा . गुत्थी अभी भी अनसुलझी है , रहस्य बरकरार है , सवाल अपना जवाब मांग रहे हैं .पुलिस एवं नागरिकों को और अधिक सतर्क होना होगा .

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