पेंटावेलेंट वेक्सीन : शिशुओं को पाँच रोग से बचाव

पेंटावेलेंट वेक्सीन  : शिशुओं को पाँच रोग से बचाव

राज्य में शिशुओं को पाँच रोग से बचाव का कार्य पेंटावेलेंट वेक्सीन नाम के एक ही टीके से संभव होगा। डिप्थीरिया, काली खाँसी, टेटनस, हेपेटाइटस -बी और हिब जैसी जानलेवा बीमारियों से बच्चों की सुरक्षा के लिए यह टीका तीन बार लगाया जाएगा। पहला टीका शिशु के जन्म के डेढ़ माह बाद, दूसरा टीका ढाई माह बाद और तीसरा टीका शिशु के जन्म के साढ़े तीन माह बाद लगाने की व्यवस्था रहेगी।

मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान बुधवार, 29 अक्टूबर को समन्वय भवन, टीटी नगर, भोपाल में अपरान्ह 3 बजे पेंटावेलेंट वेक्सीन लगाए जाने के कार्य की शुरूआत करवायेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा करेंगे। राज्य मंत्री श्री शरद जैन विशेष अतिथि होंगे।

स्वास्थ्य विभाग ने पेंटावेलेंट वेक्सीन प्रारंभ करने के पूर्व वातावरण निर्माण के अंतर्गत संभाग स्तर पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जिसमें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन, डी एम सी एच ओ और बीएमओ को भी आवश्यक जानकारियाँ दी गईं। प्रदेश के आकाशवाणी केंद्र भी पेंटावेलेंट वेक्सीन के महत्व से लोगों को अवगत करवा रहे हैं। प्रदेश में पूर्व से संचालित ममता रथ ग्राम स्तर तक इस टीका के प्रचार का कार्य कर रहे हैं।

राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में बच्चों के निमोनिया, दिमागी बुखार, कान बहने की रोकथाम के लिए कोई भी टीका उपलब्ध नहीं था। पेंटावेलेंट वेक्सीन, हिब (टीका) बच्चों के लिए वरदान साबित होगा। हर वर्ष विश्व में पाँच वर्ष से कम आयु के लगभग 3 लाख 70 हजार बच्चों की मृत्यु एच इनफ्लूएन्जी टाइप बी (हिब) रोग से होती है। इनमें से लगभग 20 प्रतिशत बच्चे भारतवर्ष के होते हैं। हिब रोग के बाद जीवित बचे अधिकतर बच्चों में दीर्घकालिक दुष्प्रभाव जैसे स्थायी लकवापन, बहरापन और मस्तिष्क क्षतिग्रस्त होना भी पाए जाते हैं। हिब टीके से निमोनिया के एक तिहाई केस एवं मेनिनजाइटिस बीमारी की 90 प्रतिशत रोकथाम संभव है।

जीरो डोज के रूप में संस्थागत प्रसव पश्चात जन्में सभी शिशुओं के जन्म के 24 घंटे में बीसीजी, हिपेटाइटिस-बी के साथ पोलिया की खुराक दिया जाना जारी रहेगा। इसी तरह शिशुओं को 9 से 12 माह के प्रथम मीजल्स टीकाकरण के बाद बूस्टर खुराक 16 से 24 माह की उम्र में दी जाने वाली डीपीटी, पोलियो, मीजल्स दूसरी खुराक और 5 से 6 वर्ष की उम्र में दी जाने वाली डीपीटी की बूस्टर खुराक पूर्व की तरह जारी रहेगी

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