- September 19, 2022
चीन कर रहा पाक का नुकसान : डॉ वेद प्रताप वैकिक
चीन कहता है कि पाकिस्तान और उसकी दोस्ती ‘इस्पाती’ है लेकिन मेरी समझ में चीन ही उसका सबसे ज्यादा नुकसान कर रहा है। आतंकवादियों को बचाने में चीन पाकिस्तान की मदद खम ठोक कर करता है और इसी कारण पाकिस्तान को पेरिस की अंतरराष्ट्र्रीय वित्तीय संस्था (एफएटीएफ) मदद देने में देर लगाती है। इस समय पाकिस्तान भयंकर संकट में फंसा हुआ है। अतिवर्षा के कारण डेढ़ हजार लोग मर चुके हैं और लाखों लोग बेघर-बार हो चुके हैं।
मंहगाई आसमान छू रही है। बेरोजगारी ने लोगों के हौंसले पस्त कर दिए हैं। प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ इस आपदा का सामना बड़ी मशक्कत से कर रहे हैं। वे बाढ़-पीड़ितों की मदद के लिए दुनिया के राष्ट्रों के आगे झोली फैला रहे हैं लेकिन चीन ने अभी-अभी फिर ऐसा कदम उठा लिया है, जिसके कारण पाकिस्तान बदनाम भी हो रहा है और उसे अंतरराष्ट्रीय सहायता मिलने में भी दिक्कत होगी।
संयुक्तराष्ट्र संघ ने लश्करे-तयबा के कुख्यात आतंकवादी साजिद मीर को ज्यों ही अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने की कोशिश की, चीन ने उसमें अडंगा लगा दिया। यह प्रस्ताव भारत और अमेरिका लाए थे। सुरक्षा परिषद ने जब-जब पाकिस्तान के इन लोगों को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करके इन पर तरह-तरह के प्रतिबंध लगाने की कोशिश की, चीन ने उसका विरोध कर दिया। गत माह अब्दुल रउफ अजहर और गत जून अब्दुल रहमान मक्की के मामले में भी चीन ने यही किया।
चीन यही समझ रहा है कि ऐसा करके वह पाकिस्तान का भला कर रहा है लेकिन पाकिस्तान की सरकार को पता है कि ऐसा होने से पाकिस्तान का नुकसान होने की पूरी संभावना है। इस वक्त अमेरिका ने पाकिस्तान को एफ-16 युद्धक जहाजों की मदद क्यों भेजी है? क्योंकि उसने काबुल स्थित अल-क़ायदा के आतंकवादी ईमान-अल-जवाहिरी को मारने में अमेरिका की मदद की थी।
यदि भारत पर हमला करने वाले आतंकवादियों की चीन इसी तरह रक्षा करता रहेगा तो पाकिस्तान को मदद देने में पश्चिमी राष्ट्रों का उत्साह ठंडा पड़ सकता है। पाकिस्तान के लिए यह कितनी शर्म की बात है कि चीन के उइगर मुसलमानों पर चीन इतना भयंकर अत्याचार कर रहा है और पाकिस्तान के सारे नेता उस पर चुप्पी मारे बैठे हुए हैं।
दूसरे शब्दों में चीन बहुत चालाकी से पाकिस्तान का दोतरफा नुकसान कर रहा है। एक तो पाकिस्तान को मिलनेवाली पश्चिमी मदद में चीन अडंगा लगा रहा है और दूसरा, उइगर मुसलमानों पर चुप्पी साधकर पाकिस्तान इस्लामी राष्ट्र होने के अपने नाम को धूल में मिला रहा है। साजिद मीर को मरा हुआ बताकर क्या पाकिस्तान अपने आप को झूठों का सरदार सिद्ध नहीं कर रहा है? बेहतर तो यह हो कि शाहबाज शरीफ हिम्मत करें और संयुक्त्राष्ट्र संघ का साथ दें। वे पाकिस्तान को बदनामी और कलंक से बचाएं।