• February 28, 2019

औद्योगिक विकास में सामाजिक-आर्थिक बदलावों और प्रभावों को समझना और तदनरूप बदलाव लाना आज की आवश्यकता – आर्थिक सलाहकार

औद्योगिक विकास में सामाजिक-आर्थिक बदलावों और प्रभावों को समझना और तदनरूप बदलाव लाना आज की आवश्यकता – आर्थिक सलाहकार

जयपुर———- मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार श्री अरविन्द मायाराम ने कहा है कि तेजी से औद्योगिक विकास के साथ ही हमें सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र में आ रहे बदलावों और प्रभावों को समझना और तदनरूप बदलाव लाना होगा।

उन्होंने कहा कि बदलते औद्योगिक सिनेरियों में रोजगार के अधिक से अधिक अवसरों के लिए सोच का दायरा बढ़ाते हुए विभागों की सीमाओं को अतिक्रमित कर नए सिरे से रोजगार के अवसर विकसित करने होंगे।

श्री मायाराम बुधवार को यहां होटल मेरियट में उद्योग विभाग व ई-लेट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 14 वें ई इण्डिया इनोवेशन समिट को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट ऑफ थिंग्स के चलते उत्पादकता क्षेत्र में तेजी से बदलाव आ रहा है।

औद्योगिक प्रतिष्ठानों को तकनीक में आ रहे बदलावों को अपनाना होगा। उन्होंने डिजिटल इण्डिया, मेक इन इण्डिया, स्किल इण्डिया आदि की चर्चा करते हुए कहा कि इनसे समझ और विकास की गति में तेजी आई है।

उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री गोविन्द शर्मा ने कहा कि राजस्थान एग्रो उत्पादों, खनिजों सीमेंट, सिरेमिक और हस्तशिल्प के क्षेत्र मेंअग्रणीव आज भी विपुल संभावनाओं वाला प्रदेश है।

उन्होंने कहा कि राज्य में हेल्थ केयर क्षेत्र के माध्यम से मेडिकल टूरिज्म के साथ ही एग्रो, सूचना तकनीक आदि क्षेत्र में निवेश लाने के समन्वित प्रयास किए जाने चाहिए।

अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि राज्य में नई औद्योगिक नीति, निर्यात नीति और औद्योगिक विवादों के तत्वरित निष्पादन के लिए बनाई जा रही नीति में औद्योगिक संघों सहित सभी संबंधितों के साथ मंथन किया जा रहा है ताकि कारोबार में आसानी, सहज निवेश, सीएसआर में भागीदारी, औद्योगिक विकास में वित्तदायी संस्थाओं और बैंकों की सहभागिता, स्थानीय उद्यमों का सशक्तिकरण, अरबन, रियल एस्टेट, यातायात, आधारभूत संरचनाओं राजकीय उपक्रमों की ग्रोथ और आईटी इनोवेशन आधारित उद्यमों की स्थापना और विकास संभव हो सके। उन्होंने कहा कि हम व्यवस्था में तेजी से बदलाव लाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

आयुक्त उद्योग डॉ. कृृष्णाकांत पाठक ने कहा कि प्रदेश में ऑटोमोबाइल, सीमेंट और टैक्सटाइल के क्षेत्र में रोजगार की विपुल संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि हमे कौशल विकास के साथ ही यह भी देखना है कि वह रोजगार के रुप में परिवर्तित हो। कौशल को रोजगार के रूप में रूपान्तरित करके ही हम स्वरोजगार को बढ़ावा दे सकते हैं। डॉ. पाठक ने कहा कि प्रदेश में नई प्रस्तावित औद्योगिक नीति से औद्योगिक निवेश और रोजगार के लिए अनुकूल वातावरण तैयार होगा।

पर्यटन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा ने पर्यटन को नया ग्रोथ इंजन बताया।

ईलेट्स के मुख्य कार्यकारी डॉ. रवि गुप्ता ने बताया कि संस्था द्वारा समूचे देश में पिछले 14 सालों से ई इण्डिया समिट का आयोजन कर साझा मंच उपलब्ध कराया जा रहा है।

समिट में जयपुर मैट्रो के एमडी श्री सुबीर कुमार, कौशल विकास सचिव श्री नवीन जैन, महिन्द्रा बल्र्ड सिटी के श्री अनुज बिंदल, अंबुजा सीमेंट के श्री बीसी पाण्डे सहित विशेषज्ञों ने सहभागिता दी। संचालन श्री कार्तिक ने किया।

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