• January 9, 2019

छात्रों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाए — मुख्यमंत्री

छात्रों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाए — मुख्यमंत्री

ऽ मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आपदा प्रबंधन के एमआईएस पोर्टल ‘‘सचेत’’ का शुभारम्भ किया।
ऽ आगामी जून तक मुक्तेश्वर व सुरकण्डा देवी में डाॅप्लर राडार लगा दिए जाएंगे।

ऽ आईआईटी रूड़की द्वारा राज्य में भूकम्प पूर्व चेतावनी तन्त्र को सुदृढ़ करने के

लिए 184 में से 155 सेन्सर लगा दिए गए है।

ऽ मुख्यमंत्री ने सचिवालय में उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के कार्यो की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में राज्य में घटित प्राकृतिक आपदाओं एवं सड़क दुर्घटनाओं की आॅन लाइन रिपोर्टिग, डाटा कलेक्शन व प्रवर्तन हेतु विकसित किए गए एमआईएस पोर्टल ‘‘सचेत’’ का शुभारम्भ किया।

उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के कार्यो की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने एसडीआरएफ को निर्देश दिए कि राज्य में प्राकृतिक आपदाओं एवं सड़क दुर्घटनाओं के दौरान नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से समन्वय करके वहां के प्रशिक्षार्थियों का भी सहयोग लिया जाए। मुख्यमंत्री ने औचक माॅक ड्रिल करवाने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि स्कूल व काॅलेज के बच्चों को आपदा प्रबन्ध के प्रशिक्षण से जोड़ा जाए। बैठक के दौरान उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने जानकारी दी कि विभिन्न मौसम सम्बन्धित सटीक जानकारियों के लिए आगामी जून तक मुक्तेश्वर व सुरकण्डा देवी में डाॅप्लर राडार लगा दिए जाएगे। भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा राज्यभर में 176 में से 139 मिट्रयाॅलाॅजिकल इक्वपमेन्ट लगा दिए गए है।

आईआईटी रूड़की द्वारा राज्यभर में भूकम्प पूर्व चेतावनी तन्त्र को सुदृढ़ करने के लिए 184 में से 155 सेन्सर लगा दिए गए है। भूकम्प के चेतावनी के लिए राज्यभर में 49 साइरन लग चुके है। इसके साथ ही भूकम्प की पूर्व चेतावनी के लिए हरिद्वार, देहरादून व काठगोदाम के 100 स्थानों व एसईओसी तथा डीईओसी पर साइरन लगाए जा रहे है। टीएचडीसीआईएल के सहयोग से कोटेश्वर व ऋषिकेश के मध्य गंगा किनारे 8 स्थानों पर वाॅइस मैसेज के साथ साइरन लगाए जा रहे है।

विजन 2020 के तहत एसडीआरएफ द्वारा अभी तक 5381 महिला मंगल दलों व 4995 युवा मंगल दलों तथा 87 एनजीओं को प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत व बचाव कार्यो का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। सभी जिलों में अभी तक 74 सेटेलाइट फोन दिए जा चुके है तथा अतिरिक्त 79 सेटेलाइट फोन जल्द ही उपलब्ध करवाए जाएगे। सभी जिलों में आपदा घटित होने के पश्चात सर्विलेन्स व माॅनिटरिंग के लिए ड्रोन की व्यवस्था है। आपदाओं के प्रभावी प्रबन्धन हेतु जिला स्तर पर जीआईएस सेल बनाए जा रहे है।

बैठक के दौरान जानकारी दी गई कि वेप्काॅस द्वारा 9.97 करोड़ रूपये की लागत से पूर्णागिरी मन्दिर के स्लाॅप में आ रही दरारों की मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही एसडीआरएफ द्वारा पिथौरागढ़ की ब्यांस, दारमा व चैंदास घाटी में वायरलेस इन्टरनेट संचार सुविधा स्थापित करने का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। इसी प्रकार हर की दून त्रैकिंग रूट, पिन्डारी गलेश्यिर टेªकिंग रूट, गंगोत्री/भोजबासा टेªकिंग रूट में भी इसी प्रकार की वायरलेस इन्टरनेट संचार सुविधा स्थापित करने की योजना है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा आपदा प्रबन्धन विभाग के तहत आपदा प्रबन्धन खोजबचाव दल में सराहनीय कार्यो के लिए चमोली जिले में तैनात श्री दर्शन सिंह को सम्मानित किया गया।

श्री दर्शन सिंह ने 13 अगस्त 2018 को कोटेश्वर मन्दिर रूद्रप्रयाग में अलकनन्दा नदी के तट पर डयूटी के दौरान नदी में बहती बालिका को कठिन परिस्थितियों में बचाया था। इसके साथ ही अल्मोड़ा जिला में युवा कल्याण व प्रान्तीय रक्षक दल विभाग में आउटसोर्स से तैनात श्री भुवन चन्द्र काण्डपाल को समयसमय पर किसी भी आपदा या वाहन दुर्घटना के समय खोज एवं बचाव कार्यो में सराहनीय कार्यो के लिए सम्मानित किया गया।

जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी सुश्री दीपशिखा रावत को भी उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री प्रकाश पन्त, श्री यशपाल आर्य, मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी श्री अनिल रतूड़ी, एडीजी श्री अशोक कुमार, आई जी श्री सजंय गुंज्याल, सचिव श्री मीनाक्षी सुन्दरम, अपर सचिव श्री सविन बंसल आदि उपस्थित थे।

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