- September 18, 2018
पक्षपातपूर्ण कार्रवाई को गंभीरता से लिया जाएगा–मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ओमप्रकाश रावत
जयपुर——भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ओमप्रकाश रावत, चुनाव आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा और चुनाव आयुक्त श्री अशोक लवासा ने प्रदेश के सभी अधिकारियों को पूरी तरह निडर और निष्पक्ष रूप से कार्य करने की हिदायत देते हुए कहा कि किसी भी अधिकारी द्वारा किसी भी प्रकार की पक्षपात पूर्ण कार्रवाई को आयोग द्वारा पूरी गंभीरता से लिया जाएगा।
आयोग ने मुख्य सचिव को भी निर्देश दिए कि चुनाव से जुड़े हुए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की निष्पक्षता सुनिश्चित की जाए।
भारत निर्वाचन आयोग के फुल कमीशन ने प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों की गत दो दिनों में गहन समीक्षा के बाद मंगलवार को एसएमसएस कनवेंशन सेंटर में मीडिया को संबोधित करते हुए इस दौरान हुई चर्चाओं के बारे में विस्तार से निम्ने जानकारी दी।
1. समीक्षा के दौरान आयोग द्वारा राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की गई और उनसे स्वतंत्र-निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न करवाने के संदर्भ में उनकी चिंताओं की जानकारी ली गई। आयोग द्वारा निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान हेतु उनके सुझावों को भी नोट किया गया।
2. आयोग द्वारा सभी संभागीय आयुक्तों, महानिरीक्षक रेंज, पुलिस आयुक्तों, जिला निर्वाचन अधिकारी, (कलक्टर) और सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ विस्तृत चर्चा कर अब तक की गई तैयारियों की समीक्षा की गई और उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए।
3. इसके साथ ही मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, अतिरक्त मुख्य सचिव (गृह) तथा राज्य के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से भी चुनाव से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।
4. आयोग द्वारा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव संपादित करने के लिए सीपीएफ, आयकर, परिवहन, वाणिज्य कर, प्रमुख बैंकों, रेलवे, एयरपोर्ट, आबकारी, कार्मिक, परिवहन, गृह एवं वित्त विभागों के उच्च अधिकारियों एवं राज्य नोडल अधिकारियों से भी आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई।
5. सीएसओ के एक प्रतिनिधि मंडल ने भी आयोग से मिलकर मतदाता सूची के संदर्भ में जानकारी दी। सुझाव रखे। उनके सुझावों पर आवश्येक कार्यवाही करने के निर्देश आयोग ने दिए।
राजनीतिक दलों से चर्चा के दौरान मुख्य बिन्दु
मतदाता सूची
1. कुछ राजनैतिक दलों द्वारा आयोग के मतदाता सूची प्रबंधन की प्रशंसा करते हुए दोहरी प्रविष्टियों के संदर्भ में शिकायत दर्ज की एवं इनके प्रभावी समाधान की मांग की। उनके द्वारा यह भी सुझाया गया कि इस संबंध में सभी राजनैतिक दलों की बैठक करवाई जाए, जिसमें मतदाता सूची संबंधी सभी शंकाओं का समाधान हो सके।
2. कुछ राजनैतिक दलों द्वारा यह भी मांग की गई बीएलओज को कुछ दिनों के लिए पूर्णकालिक तरीके से तैनात करके नए मतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल करने के लिए निर्देशित किया जाए। कुछ राजनीतिक दलों की मांग थी कि नाम निर्देशन के अंतिम दिनांक के पश्चात कोई नया नाम नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
3. इसके अलावा यह भी मांग की गई कि आयोग द्वारा उन समस्त मतदाताओं के नाम शामिल किए जाएं, जिनके पास न्यूनतम आवश्यक दस्वावेज
उपलब्ध हों और वे उक्त पते पर लंबे समय से रह रहे हैं।
4. मतदान केंद्रों का रेशनाइलेजश इसी आधार पर किया जाए जिससे प्रत्येक मतदान केंद्र पर एक हजार मतदाताओं से अधिक नहीं हों।
5. कुछ राजनैतिक दलों द्वारा मतदान केंद्र पर लगने वाली मतदाताओं की पंक्ति को सीमित रखने एवं अन्य मतदाताओं के लिए प्रतीक्षा कक्ष की व्यवस्था करने की भी मांग की गई। इसके अलावा प्रस्तावित प्रतीक्षा कक्ष में सुझाव एवं शिकायत पेटी रखवाने की मांग की।
कानून एवं व्यवस्था
1. राजनैतिक दलों द्वारा प्रदेश भर में स्वतंत्र-निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने की मांग की गई।
2. संवेदनशीन मतदान केंद्रों के लिए विशेष व्यवस्था करने की भी मांग की गई। इसमें यह भी मांग की गई कि कमजोर तबके के लोगों के मताधिकार का किसी भी प्रकार से हनन ना हो, इसके लिए पर्याप्त सुरक्षा की व्यवस्था द्वारा सुनिश्चित की जाए।
आदर्श आचार संहिता से संबंधित
1. कुछ राजनैतिक दलों द्वारा मांग की गई कि ऐसे राजकीय कर्मचारी जो किसी राजनैतिक दल अथवा सामाजिक, सांस्कृतिक संगठन से संबधित हो, उन्हें चुनाव प्रक्रिया से पूरी तरह से दूर रखा जाए।
2. सभी राजनैतिक दलों को अपने प्रचार के लिए होर्डिंग लगाने के समान अवसर दिए जाएं और चुनाव की घोषणा होते ही ऐसे सभी सरकारी विज्ञापन हटाये जाएँ रूलिंग पार्टी का प्रचार होने की संभावना हो।
3. धरना एवं प्रदर्शन के प्रजातांत्रिक अधिकारों पर आदर्श आचार संहिता के नाम पर कोई पाबंदी नहीं लगाई जाए।
4. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सभी नियमों एवं नियामकों का सख्ती से पालन करवाया जाए।
5. खंभो/ सडकों पर राजनैतिक दलों के झंडों, बैनरों एवं अन्यर प्रचार सामग्री के डिसप्ले के लिए उपयोग होने से रोका जाए।
6. सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग ना हो और यदि ऐसा ऐसा पाया जाय तो सख्ती से कार्यवाही की जाए। ऐसे कार्यों में लिप्त सरकारी कार्मिकों के विरूद्ध कार्यवाही की जाए। कुछ राजनीतिक दलों ने सरकारी लाभार्थी सम्मेलन और जियो भामाशाह डिजिटल योजना पर पाबंदी की मांग की।
ईवीएम से जुड़े विषय
1. मतदाताओं में ईवीएम के प्रति और अधिक विश्वसनीयता बढ़ाने के उपाय की मांग की गयी। कुछ राजनैतिक दलों ने सुझाव दिया कि इसके लिए वीवीपैट से निकलने वाली पर्चियों की गिनती और मिलान का प्रतिशत बढ़ाया जाए। कुछ राजनैतिक दलों द्वारा बैलट पेपर द्वारा मतदान कराने की मांग भी की गई।
2. राजनीतिक दलों ने लोगों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र स्त र तक वीवीपैट मशीनों के प्रदर्शन की मांग की।
चुनाव व्यय निगरानी
1. कुछ राजनीतिक दलों द्वारा मांग की गई कि उम्मीदवारों के खर्चे पर प्रभावी नियंत्रण एवं शराब के वितरण पर पैनी नजर रखी जाए।
2. कुछ राजनैतिक दलों द्वारा यह भी मांग की गई कि मतदान केन्द्रों के 100 मीटर के दायरे के बाहर टेबल लगाने की व्यवस्था को सुव्यस्थित किया जाय।
3. जहां कुछ राजनैतिक दलों द्वारा वर्तमान चुनावी खर्च सीमा को बढ़ाने की मांग की गई वहीं कुछ अन्य राजनैतिक दलों द्वारा राजनैतिक दलों की फंडिंग में पारदर्शिता एवं इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे को भी उठाया गया।
अन्य प्रकरण
1. कुछ राजनैतिक दलों द्वारा मीडिया के दुरुपयोग किए जाने को रोकने की मांग करते हुए सभी को Level Playing Field उपलब्ध कराने की मांग की गई।इस संबंध में निजी मीडिया समूहों को निर्देशित करने की मांग की गई कि इनके द्वारा सभी राजनैतिक दलों को प्रचार-प्रसार के लिए समान समय उपलब्ध कराया जाय । अन्यथा ऐसे एकपक्षीय प्रचार को पेड न्यूज की श्रेणी में रखने की मांग की गई।
2. पेड न्यूज और फेक न्यूज पर प्रभावी नियंत्रण करने भी मांग की गई।
3. कुछ राजनैतिक दलों द्वारा मीडिया में धर्म एवं जाति पर आधारित कार्यक्रमों पर पांबदी लगाने की मांग की गई।
4. कुछ राजनीतिक दलों द्वारा निर्वाचन आयोग की पूर्ण स्वायत्ता सुनिश्चित करने की मांग की गई एवं आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रक्रिया की मांग की गई।
5. ज्यादा से ज्यादा महिला कार्मिकों को चुनाव प्रक्रिया में नियोजित करने की मांग भी की गई।
****** चुनावी कार्यक्रम *****************
कुछ राजनैतिक दलों द्वारा चुनाव कार्यक्रम के संबंध में भी अपने सुझाव दिए गए, जिन्हें आयोग द्वारा नोट किया गया।
1. आयोग द्वारा राजनैतिक दलों की चिंताओं और सुझावों को ध्यान मे रखते हुए उन्हें पूर्णतया आश्वस्त किया गया कि आयोग प्रदेश में स्वतंत्र-निष्पक्ष-शांतिपूर्ण एवं समावेशी चुनाव सम्पन्न करने के लिए कृत संकल्प है।
2. आयोग द्वारा राज्य की चुनावी मशीनरी को निर्देशित किया गया कि प्रभावी निगरानी एवं सर्तकता बरतते हुए सघन कार्ययोजना बनाकर प्रत्येक स्तर पर राजनैतिक दलों की चिंताओं का समाधान करते हुए आम मतदाता में पूर्ण विश्वास पैदा करते हुए चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न की जाए।
3. आयोग ने यह भी निर्देशित किया कि स्वतंत्र-निष्पक्ष-शांतिपूर्ण और पारदर्शी निर्वाचन के लिए संपूर्ण चुनाव प्रक्रिया के अंतर्गत ऐसे कदम उठाए जाएं जिससे प्रत्येक मतदाता द्वारा अपने मताधिकार का प्रयोग बिना किसी भय, दबाव अथवा प्रलोभन के प्रभाव के बिना किया जा सके।
4. आयोग द्वारा राजनैतिक दलों द्वारा ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की प्रक्रिया की जानकारी दी गई एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राजस्थान को निर्देशित किया गया कि वे राज्य में वीवीपैट जागरूकता अभियान को बूथ स्तंर तक ले जाएं।
निर्वाचन आयोग के निर्देश
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निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया है कि आयोग स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण, पारदर्शी और समावेशी निर्वाचन के लिए संकल्पबद्ध है। मतदान प्रक्रिया के सुचारू संचालन हेतु प्रभावी तंत्र की स्थापना की जा रही है।
1. मतदाता सूचियों को त्रुटिहीन बनाने के लिए चुनाव आयोग कृत संकल्पित है। जहां कहीं डुप्लीकेट नामों की शिकायत मिलेगी, उनका भौतिक सत्यापन करने के बाद नाम केवल उचित प्रक्रिया के अनुसार ही काटे जा सकेंगे और वो भी जिला निर्वाचन अधिकारी की सीधी निगरानी मे होगा। इसके साथ ही सभी काटे गए नाम पोलिंग स्टेशन पर दर्शाये जाए, राजनीतिक दलों को NOTIFY किए जाएँ और वैबसाइट पर भी दर्शाये जाए।
2. राज्य के शत-प्रतिशत पात्र मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में जोड़ने के लिए द्वितीय पुनरीक्षण-2018 के अन्तर्गत अभियान चलाकर निर्वाचन विभाग ने 12 और 19 अगस्त को प्रदेश भर में विशेष अभियान चलाकर बड़ी संख्या में नाम जोड़ने, हटाने और संशोधित करने का काम किया है।
आयोग ने मुख्य चुनाव अधिकारी को निर्देश दिये हैं कि 27 सितंबर को मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद छुट्टियों के दौरान तीन दिन तक विशेष मतदाता शिविर आयोजित किए जाएँ जिससे छूटे हुए लोग अपना नाम जुड़वा सकें अथवा सूची में पाई त्रुटियों का परिमार्जन सुनिश्चित हो सके।
3. आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिये कि मतदाता सूची की छपाई का काम यथासंभव सरकारी प्रैस से ही कराया जाए और यदि किसी प्राइवेट प्रिंटिंग प्रैस द्वारा छपी मतदाता सूची मे कोई विसंगति पाई जाए तो कड़ी पेनल्टी लगाई जाए।
4. आयोग ने जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया की पूर्ववर्ती चुनावों के अब तक बचे हुए आपराधिक मामलों को अधिकारियों के साथ बैठक करके त्व रित निराकरण हेतु कार्यवाही की जाए।
5. आयोग ने निर्देश दिये कि एसएचओ के कार्य की समीक्षा कुछ निर्धारित मानदंडो के आधार पर की जाय और तदनुसार उनकी कार्यक्षमता की समीक्षा की जाय। ये मानदंड होंगे –
– 2013 विधानसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव के मामलों में चार्जशीट दायर करने और Conviction का स्तरर।
• गड़बड़ी पैदा करने वाले तत्वों के खिलाफ Preventive action की स्थिति
• शस्त्रों के verification और जमा कराना
• शराब और ड्रग्स की बरामदगी
• NBW का एग्जेाक्यूाशन
• साम्प्र दायिक और जातिगत तनाव वाले क्षेत्रों Preventive action
6. कमीशन का पूर्ण विश्वास और पक्का यकीन है कि हमारी ईवीएम और वीवीपीएटी मशीनें non-tamperable and credible हैं और सभी तरह की कसौटियों पर खरी उतरी हैंI हमारे इस विश्वास का आधार इन मशीनों के संबंध मे अपनाए जाने वाले तकनीकी और प्रशासनिक नियम और protocol हैं जो इन्हें उत्पादन से लेकर इनके स्थानांतरण, भंडारण, मतदान और मतगणना के दौरान किसी भी बाहरी हस्तक्षेप से पूरी तरह सुरक्षित करते हैं।
7. आयोग ने ईवीएम-वीवीपैट के कामकाज के बारे में राजनैतिक दलों को बताया और मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राजस्थान को इस दिशा में सघन वीवीपैट जागरुकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। संपूर्ण प्रदेश में पहली बार सभी 200 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में वीवीपैट और ईवीएम एम-3 मशीनों के जरिए मतदान करवाया जाएगा। इस नई तकनीक से मतदान सुगम, सहज होने के साथ ही और अधिक पारदर्शी व निष्पक्षता के साथ सम्पन्न कराया जा सकेगा ताकि लोकतंत्र के इस महोत्सव के प्रति किसी के मन में कोई शंका ना रहे।
8. आयोग ने सभी अधिकारियों को पूरी तरह निडर और निष्पक्ष रूप से कार्य करने की हिदायत दी। किसी भी अधिकारी द्वारा किसी भी पक्षपात पूर्ण कारवाई को आयोग द्वारा पूरी गंभीरता से लिया जाएगा। आयोग ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि चुनाव से जुड़े हुए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की निष्पक्षता सुनिश्चित की जाए। आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि स्थानांतरण के विषय में आयोग की नीति के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित करें।
9. राज्य के विधान सभा चुनावों मे पहली बार Accessibility
Observers की नियुक्ति की जाएगी। आयोग निर्वाचन की गहन निगरानी के लिए सामान्य पर्यवेक्षकों, व्यय पर्यवेक्षकों, पुलिस पर्यवेक्षकों तथा माईक्रो पर्यवेक्षकों का विस्तार करेगा ताकि निगरानी तंत्र और अधिक मजबूती के साथ अपना कार्य कर सके।
10. आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए राज्य के प्रत्येक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम एक एक मतदान केंद्र पर सम्पूर्ण रूप से महिलाओं द्वारा संचालित मतदान दल गठित किए जाने के निर्देश दिए गए। जहां संभव हो यह संख्या बढाई जाए।
11. आदर्श आचार संहिता की कड़ी पालना सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे ताकि राजनैतिक दलों और आम मतदाता स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए आश्वस्त हो सके। इस दिशा में प्राप्त प्रत्येक शिकायत पर तत्पारता से पुख्ता कार्यवाही की जाए।
12. राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव-2018 में आदर्श आचार संहिता एवं अन्य नियमों के उल्लंघन पर कड़ी निगरानी रखने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा ‘सी विजिल‘ नाम से एक एप को लॉन्च किया गया है, जो अधिकतम सौ मिनट की समय सीमा में प्राप्त शिकायतों का समाधान करेगा। इस एप के माध्यम से कोई भी नागरिक चुनाव आचार संहिता संबंधी शिकायतें दर्ज करा सकेगा और इसका समयबद्ध तरीके से निराकरण किया जाएगा।
13. आई टी एप्लीाकेशंस समाधान, सुविधा, सुगम का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जाए ताकि शिकायतों का निराकरण 24 घंटे में होकर शिकायतकर्ता को जानकारी मिल जाए, उम्मी दवार/ पार्टी को पब्लिक मिटिंग आदि की अनुमति सिंगल विंडो प्रणाली से 24 घंटे में मिल जाए और वाहन अधिग्रहण मामलों में मालिकों को भुगतान समय पर सुनिश्चित हो जाए।
1. मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राजस्थान ने बताया कि 31 जुलाई, 2018 को प्रकाशित प्रारूप मतदाता सूची के अनुसार राज्य में कुल 4 करोड़ 75 लाख 10 हजार 434 मतदाता हैं। जिसमें 2 करोड़ 48 लाख 21 हजार 957 पुरुष, 2 करोड़ 26 लाख 88 हजार 677 महिला मतदाता हैं। वर्तमान में मतदाता सूची के द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण संदर्भ तिथि 01.01.2018 प्रगति पर है एवं इसका अंतिम प्रकाशन दिनांक 27.09.2018 में किया जाएगा।
1. 2.कुल- 14 लाख 29 हजार 869 लाख आवेदन (इनमें से 7 लाख 16 हजार 492 फार्म नं. 06 एवं 7 लाख 13 हजार 377 फार्म-07) प्राप्त हुए हैं तथा इनके सत्यापन एवं निष्पादन की कार्यवाही की जा रही है।
2. मतदाता सूची ड्राफ्ट का प्रकाशन दिनांक 31 जुलाई, 2018 किया गया था। सूची की प्रतियां सभी राजनैतिक दलों को प्रदान की गई है और
ceorajasthan.nic.in वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराई गई है।
मतदान केन्द्रः-
1. वर्तमान में 36 हजार 165 मतदान स्थानों पर कुल 51 हजार 796 मतदान केंद्र है।
2. इन मतदान केन्द्रों पर AMF आश्वासित न्यूनतम सुविधाओं की स्थिति निम्नानुसार है-
राज्य में AMF न्यूनतम सुविधाओं की अनुपालन की वर्तमान स्थिति-
रैम्प- 97.79 प्रतिशत
पेयजल- 98.09 प्रतिशत
शौचालय- 99.15 प्रतिशत
बिजली- 90.98 प्रतिशत
प्रतीक्षालय/शेड- 95.80 प्रतिशत .
राज्य सरकार को जल्द से जल्द दिव्यांगों सहित सभी मतदाताओं के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए AMFसुविधाओं को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
EVM/VVPAT
1. राजस्थान में पहली बार राज्य के सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों के 51 हजार 796 मतदान केन्द्रों पर ईवीएम के साथ वीवीपीएटी का इस्तेमाल किया जायेगा। वीवीपीएटी से मतदाता, कागज की पर्ची पर उस उम्मीदवार का नाम एवं चिन्ह देख सकते हैं, जिसे उसने वोट दिया है।इसके लिए निर्वाचन से जुड़े सभी अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
2. इसलिए आयोग ने सभी कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी को अपने नेतृत्व में ईवीएम के साथ वीवीपीएटी के उपयोग पर व्यापक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने निर्देश दिए गए हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राजस्थान ने बताया कि जागरूकता अभियान चल रहे हैं और आगे भी जारी रहेंगे।
कानून और व्यवस्था सुरक्षा प्रबंधनः-
1. राज्य प्रशासन एवं पुलिस को सुरक्षा और कानून व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा गया है। प्रदेश की जेलों के आकस्मिक निरीक्षण एन बी डबल्यू के शीघ्र निष्पादन, असामाजिक तत्वों का चिन्हीकरण करने आदि के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा गया है।
2. राज्य में विधानसभा निर्वाचन की घोषणा के पश्चात समस्त गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सामान्य एवं पुलिस पर्यवेक्षकों का विस्तार किया जाएगा तथा प्रशासन को उचित कार्यवाही करने काआदेश दिया जाएगा I इन पर्यवेक्षकों के संपर्क नम्बरों को आम जनता के लिए प्रचारित किया जाएगा।
3. सीएपीएफ़ का उपयोग कॉन्फिडेंस बिल्डिंग उपायों (CBM) के लिए किया जाएगा। CAPF वाहन उचित संकेत और GPS प्रणाली से युक्त होंगे।
4. आयोग ने सभी मतदान कर्मचारियों और चुनाव कार्य में शामिल पुलिस
बल के सर्वोत्तजम स्वा.स्य्ी सुविधा में कैशलेस उपचार हेतु निर्देश दिए हैं।
5. आयोग ने किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में त्वरित निकासी के लिए एयर एम्बुलेंस का प्रावधान करने को कहा है।
6. राज्य के सभी पुलिस जांच नाके चुनाव के दौरान 24घंटे सीसीटीवी/वीडियोग्राफी युक्त होंगे ।
7. जिला स्तरीय समिति द्वारा छूट दिए गए हथियारों को छोड़कर राज्य के सभी लाइसेंस प्राप्त हथियारों का सत्यापन कर उन्हें जमा किया जायेगा।
8. संवेदन और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं।
व्यय निगरानीः
1. आयोग ने धन/शराब और मुफ्त उपहार वितरण के दुरूपयोग को रोकने के लिए प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समीक्षा की।
2. भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार सभी कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी, चुनाव व्यय निगरानी टीमों का गठन करेंगे।व्यय पर्यवेक्षकों की पर्याप्त संख्या (व्यय की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों सहित) प्रभावी व्यय निगरानी के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त किए जाएंगे।
3. व्यय निगरानी के लिए आयकर अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा।
4. तीन प्रति निर्वाचन क्षेत्र की दर से फ्लाइंग स्वाक्ड तथा स्थैतिक निगरानी टीमों को सीमावर्ती एवं संवेदनशील क्षेत्रों में नगद, शराब और अन्य प्रलोभन सामग्री की देख-रेख के लिए परिचालित किया जाएगा।
5. इन टीमों के वाहनों पर जी.पी.एस. का उपयोग किया जाएगा ताकि उनकी स्थिति को ट्रैक किया जा सकें।
6. बैंकिंग चैनलों के माध्यम से पैसे के लेन-देन पर नजर रखी जाएगी और संदिग्ध बैंकिंग लेन-देन की निगरानी के लिये फुलप्रूफ व्यवस्था की जाएगी।
7. आई.टी अधिकारियों की निगरानी इकाई (AIU) प्रमुख विमानतलों पर स्थापित की जायेगी।
8. आयोग ने उम्मीदवारों के हल्फनामों (शपथ पत्रों) को 24 घण्टों में वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिये।
9. आयोग ने शराब वितरण को रोकने के लिये आबकारी विभाग को तैयार रहने तथा सुदृढ़ तंत्र बनाने के निर्देश दिये है।
10. वाणिज्यिक कर विभाग के सभी मोबाइल स्क्वाड मुफ्त वितरित की जाने वाली प्रलोभन सामग्रियों के प्रयास की निगरानी के लिये काम करेगें।
11. विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों द्वारा 28 लाख रुपए की व्यय सीमा तय की गई है। इससे अधिक खर्च करने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ नियमों के तहत कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। ‘एक्सपेंडीचर मॉनिटरिंग‘ के लिए चुनावी सभाओं में वीडियो सर्विलांस टीमें तैनात की जाएंगी, उनके फुटेज को भी उम्मीदवारों के खर्च का आधार बनाया जाएगा। चुनाव में उम्मीदवारों द्वारा कैश डिस्ट्रीब्यूशन के प्रयासों पर भी आयकर विभाग के सहयोग से नियंत्रण किया जाएगा।
12. आयोग के निर्देशानुसार व्यय पर्यवेक्षक अपने-अपने क्षेत्र में चुनाव खर्च पर प्रभावी नियंत्रण के लिए निर्धारित निरीक्षण करेंगे और पूरी तरह निगरानी भी रखेंगे।
एम.सी.एम.सी (मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति)
1. आयोग को जानकारी दी गयी है कि प्रत्येक जिले और राज्य की राजधानी में MCMC (मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति) गठित की जा चुकी है जो जारी किए गए निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही करेगी I
2. मीडिया में जुड़े मुद्दों पर चुनाव की घोषणा के तुरंत बाद एक प्रेस नोट जारी किया जाएगा जिसमें ज़रूरी दिशा-निर्देश और मीडिया से इन दिशानिर्देशों का पालन करने की अपेक्षा की जाएगी।
सुलभ निर्वाचन:
1. आयोग द्वारा मतदाताओं के सभी वर्गों विशेष रुप से दिव्यांग, वृद्ध और अशक्त मतदाताओं के लिए निर्वाचन प्रकिया को सुलभ बनाने पर विशेष जोर दिया है। इस उदेद्श्य के लिए सभी मतदान परिसरों को स्थायी या अस्थायी रैम्प प्रदान किया गया है जिससे बाधा रहित पहुंच हो सके।
2. फील्ड अधिकारियों को स्पेशल समरी रिविजन-2018 के दौरान डोर-टू-डोर जाकर सूचना एकत्रित करने के निर्देश दिए गए हैं।
3. शारीरिक रुप से दिव्यांग मतदाताओं का डेटाबेस बनाया गया है। ऐसे मतदाताओं को मतदान केन्द्र मे नामांकित किया जायेगा और बी.एल.ओ. को यह सूची प्रदान की जायेगी ताकि उन्हे विशेष सहायता प्रदान किया जा सकें ।
4. शारीरिक रुप से दिव्यांग मतदाताओं के लिए जहां तक संभव हो विशेष सुविधा जैसे व्हील चेयर, प्रतीक्षालय, क्यू असिसटेंस, रैंप, एस्कार्ट आदि प्रदान किया जाएगा।
5. दृष्टिहीन मतदाताओं के लिए आसानी से पढने योग्य ब्रेल मतदान पत्र प्रदान किया जायेगा।
मतदाता सुविधा:-
1. आयोग ने निर्देश दिया कि मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं की सुविधा के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं कर ली जाए ताकि मतदाताओं द्वारा सुविधाजनक एवं सुचारु मतदान अनुभव सुनिश्चित किया जा सकें।
2. राज्य के हर मतदान केन्द्र के बाहर मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदाता सुविधा बूथ होगा ।
3. मतदान केन्द्र के स्थान पर संसोधित फोटो मतदाता पर्ची, मतदाताओं को मार्गदर्शन के लिये प्रदान किया जायेगा।
4. मतदाता सुविधा पोस्टर, मतदान केन्द्र के बाहर प्रदर्शित किया जाएगा।
5. मतदान की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिये मतदान कम्पार्टमेन्ट की उंचाई 24 इंच से बढ़ाकर 30 इंच कर दी गई है।
स्वीप
1. नैतिक और जागरूक मतदान सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने संचार के सभी तरीकों से समावेशित, सहभागितापूर्ण और लोगों के अनुरूप (peoplefriendly) SVEEP प्रचार का आयोजन करने के लिए निर्देशित किया है।
2. मतदाताओं के योगदान को बढ़ाने के लिए एवं दिव्यांगों, कमजोर वर्ग और कम मतदान वाले इलाकों पर विशेष ध्यान देने हेतु जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्देशित किया गया है।
नियमित मीडिया संवाद
1. आयोग, मीडिया को कुशल चुनाव प्रबंधन को सुनिश्चित करने में, नियमों का प्रभावी अनुपालन करने में तथा आयोग के आदेशों एवं निर्देशों का पालन कराने में अपना घनिष्ठ और सशक्त सहयोगी मानता है।
2. आयोग ने सोशल मीडिया को मतदाता और मतदान के हित में उपयोग करने के लिए मुख्य निर्वाचन आधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया है।
3. आयोग ने निर्देश दिए हैं कि नियमित प्रेस ब्रीफिंग मुख्य निर्वाचन अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा की जाए और सभी चुनाव संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियों को आमजन तक नियमित रूप से मीडिया के जरिये पहुंचाई जाए।
अंततः
1. आयोग चुनाव की शुद्धता बनाए रखने और स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
2. आयोग ने राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय निर्वाचन मशीनरी को भयमुक्त, निष्पक्ष, तटस्थ और स्वतंत्र रहने के निर्देश दिए हैं। कोई भी यदि इन मापदंडों का उल्लंघन करते पाया जाता है तो आयोग उसके विरूद्ध सख्त कार्यवाही करने में संकोच नहीं करेगा।
3. आशा है कि आने वाले राज्य के विधान सभा निर्वाचन में आयोग के सूत्र वाक्य ‘‘कोई भी मतदाता न छूटे’’ का पालन होगा जिससे सशक्त लोकतंत्र में प्रत्येक मतदाता की सहभागिता सुनिश्चित की जा सकेगी।