इंफलिर्टी का कारण आयोडीन की कमी

इंफलिर्टी का कारण आयोडीन की कमी

हमारे शरीर में आयोडीन एक महत्वपूर्ण माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स है, जो थायरॉइड हार्मोन के निर्माण के लिए आवश्यक है। आयोडीन डिफेशियंसी, आयोडीन तत्व की कमी है, यह हमारी डाइट का एक आवश्यक पोषण तत्व है। आयोडीन की कमी से हाइपो थायरॉइडिज्म हो जाता है।

अगर समय रहते इसका उपचार न कराया जाए तो गर्भधारण करने में समस्या आना, बांझपन, नवजात शिशु में तंत्रिका तंत्र से संबंधिक गड़बडिय़ां आदि होने का खतरा बढ़ जाता है। कुछ लोगों में आयोडीन का स्तर कम होने पर भी कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। वैसे कईं लक्षण हैं जिनसे हाइपोथायरॉइडिज्म की पहचान होती है, जैसे कि थकान और उनींदापन, मांसपेशियों की कमजोरी और मासिक चक्र संबंघी गड़बडिय़ां।

इंदिरा आईवीएफ हॉस्पिटल की आईवीएफ एक्सपर्ट डॉ. अरविंद वैद बताते है कि महिलाओं के शरीर में आयोडीन की कमी का उनके प्रजनन तंत्र की कार्यप्रणाली से सीधा संबंध है। हाइपोथायरॉइडिज्म बांझपन और गर्भपात का सबसे प्रमुख कारण है। जब थायरॉइड ग्लैंड की कार्यप्रणाली धीमी पड़ जाती है, तो वह पर्याप्त मात्रा में हार्मोनों का उत्पादन नहीं कर पाती है जिससे अंडाशयों से अंडों को रिलीज करने में बाधा आती है जो बांझपन का कारण बन जाती है। जो महिलाएं हाइपोथायरॉइडिज्म का शिकार होती हैं उनमें सेक्स में अरूचि, मासिक चक्र से संबंधित गड़बडिय़ां और गर्भधारण करने में समस्या आना देखा जाता है। हाइपोथायरॉइडिज्म से पीड़ित महिलाएं अगर गर्भधारण कर भी लेती हैं तो गर्भ का विकास प्रभावित होता है।

धूम्रपान थायरॉइड को सीधे तौर पर प्रभावित करता है, इसके साथ ही निकोटिन शरीर से आयोडीन को अवशोषित करता है जिससे हार्मोन का स्त्रावण प्रभावित होता है। यह सबसे सामान्य कारण है जो बांझपन में योगदान देता है। हमेशा ध्यान रखें कि आयोडीन का सेवन सीमित मात्रा में करना है। अधिक या कम मात्रा में आयोडीन का सेवन आयोडीन संबंधी गड़बडिय़ों की आशंका बढ़ा देता है।

डॉ. अरविंद वैद के अनुसार बांझपन को दूर करने के लिए किए जाने वाले प्रयासों में हाइपो थायरॉइडिज्म का उपचार एक महत्वपूर्ण भाग है। अगर हाइपोथायरॉइडिज्म का उपचार करने के बाद में बांझपन की समस्या बरकरार रहती है तब बांझपन के लिए दूसरे उपचार की आवश्यकता पड़ती है। गर्भवती महिलाओं को जितनी जल्दी से जल्दी हो सके, शरीर में थायरॉइड के आसामान्य स्तर का डायग्नोसिस करा लेना चाहिए। अगर डायग्नोसिस में थायरॉइड से संबंधित गड़बडिय़ों का पता चलता है, तो सुरक्षित गर्भावस्था तथा प्रसव और गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य के लिए तुरंत उपचार कराएं।

संपर्क —-
उमेश कुमार सिंह
प्रबंधक
संप्रेषन न्यूज सर्विस प्रा०लि०
मो0-9953807842

Related post

साइबर अपराधियों द्वारा ‘ब्लैकमेल’ और ‘डिजिटल अरेस्ट’ की घटनाओं के खिलाफ अलर्ट

साइबर अपराधियों द्वारा ‘ब्लैकमेल’ और ‘डिजिटल अरेस्ट’ की घटनाओं के खिलाफ अलर्ट

गृह मंत्रालय PIB Delhi——–  राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर साइबर अपराधियों द्वारा पुलिस अधिकारियों,…
90 प्रतिशत से अधिक शिकायतों का निपटारा किया गया : निर्वाचन आयोग

90 प्रतिशत से अधिक शिकायतों का निपटारा किया गया : निर्वाचन आयोग

कांग्रेस और भाजपा को छोड़कर अन्य पार्टियों की ओर से कोई बड़ी शिकायत लंबित नहीं है…
अव्यवस्थित सड़क निर्माण भी विकास को प्रभावित करता है

अव्यवस्थित सड़क निर्माण भी विकास को प्रभावित करता है

वासुदेव डेण्डोर (उदयपुर)———– देश में लोकसभा चुनाव के तीसरे फेज़ के वोटिंग प्रक्रिया भी समाप्त हो…

Leave a Reply