- August 15, 2018
हम अपने शहीदों के बलिदानों का कर्ज तो नहीं चुका सकते ,अपनी कृतज्ञता अवश्य दिखा सकते हैं
पानीपत———– प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने स्थानीय आर्य कॉलेज में आयोजित 72वें जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में बतौर मुख्यअतिथि ध्वजारोहण कर परेड़ निरीक्षण किया और स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों, युद्ध विरांगनाओं व विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान करने वालों प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा का योगदान अविस्मरणीय रहा है।
उन्होंने कहा हम अपने शहीदों के बलिदानों का कर्ज तो नहीं चुका सकते, लेकिन
उनके परिजनों को कुछ सुविधाएं देकर उनके प्रति अपनी कृतज्ञता अवश्य दिखा सकते हैं। यही कारण है कि आज हरियाणा में स्वतंत्रता सेनानियों और उनकी विधवाओं को 25,000 रुपये प्रतिमाह सम्मान पेंशन दी जा रही है। स्वतंत्रता सेनानियों और आईएनए के सदस्यों की बहनों, बेटियों और पोतियों की शादी के लिए 51,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है।
कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि राज्य सरकार ने वीरगति को प्राप्त होने वाले सैनिकों के परिवारों को दी जाने वाली एक्सग्रेेसिया ग्रांट 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की है।
भूतपूर्व सैनिकों और उनकी विधवाओं को दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की पेंशनों में बढ़ोतरी की गई है। राज्य सरकार ने अपने चार वर्ष से भी कम समय के कार्यकाल के दौरान देश की सीमाओं पर शहादत देने वाले या अन्य आतंकवादी व विध्वंसकारी घटनाओं के दौरान संघर्ष करते समय अपने प्राणों की आहुति देने वाले हरियाणा के वीर जवानों के 221 आश्रितों को सरकारी नौकरी प्रदान की है जबकि पिछली सरकारों के समय केवल दो आश्रितों को ही नौकरी प्रदान की गई थी।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जय जवान जय किसान नारे को सार्थक किया है। ‘वन रैंक-वन पेंशन’ की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करके वीर सैनिकों का मनोबल बढ़ाया है और 10 हजार 800 करोड़ रुपये भूतपूर्वक सैनिकों के खातों में डाले है।
स्वामीनाथ आयोग की सिफारिशों को 4 जुलाई,2018 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों के हित में एक बार फिर ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए खरीफ फसलों के मूल्य लाभ के साथ निर्धारित करने का फार्मूला अपनाकर पूरे देष के किसानों के खतों में 33 हजार 500 करोड़ डालने का कार्य किया है, हरियाणा के किसानों को भी 1500 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ के माध्यम से गरीब व कमजोर वर्ग के करोड़ों लोगों को बैंक खातों से जोडऩे का काम किया है। ‘प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना’, ‘प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’ और ‘अटल पेंशन योजना’ जैसी स्कीमें शुरू करके गरीब से गरीब व्यक्ति को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने का काम किया है। उज्ज्वला योजना के तहत लगभग 8 करोड़ महिलाओं को गैस देने और प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत तकरीबन 4 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त बिजली देने का का काम किया है। ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ शुरू करके किसानों चिंतामुक्त करने का काम किया है। ‘मेक इन इण्डिया’,‘डिजिटल इण्डिया’,‘स्टार्ट-अप इण्डिया’, ‘स्टैंड-अप इण्डिया’ तथा ‘स्किल इण्डिया’ जैसी पहल करके पूरी दुनिया के सामने आधुनिक भारत की तस्वीर पेष की है।
हरियाणा सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के दर्शन के अनुरूप ‘सबका साथ-सबका विकास’ और ‘हरियाणा एक- हरियाणवी एक’ के मूलमंत्र पर चलते हुए पूरे हरियाणा और प्रत्येक हरियाणवी के विकास का बीड़ा उठाया है। सरकार जातिवाद, क्षेत्रवाद और भाई-भतीजावाद से ऊपर उठकर काम किया है।
भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए पारदर्शी शासन दिया है।
किसान-मजदूर के कल्याण, युवाओं के उत्थान और महिलाओं के सम्मान के लिए नई -नई योजनाएं शुरू की हैं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली का पूर्णत: कम्प्यूटरीकरण करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। ईपीडीएस पोर्टल के माध्यम से लगभग एक करोड़ 11 लाख उपभोक्ताओं को राषन उपलब्ध करवाया जा रहा है। हरियाणा ऐसा पहला प्रमुख राज्य है, जहां प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से शत-प्रतिषत पेंशन लाभार्थियों के खाते में भेजी जा रही है। प्रदेष में ई-कनेक्टिविटी सुविधा से युक्त 1783 ग्राम सचिवालय स्थापित किये जा चुके हैं।
प्रदेश के 170 से अधिक गांवों में वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध है। सभी तहसीलों व उप-तहसीलों में पारदर्शी सेवाएं सुनिश्चित करने के उद्देष्य से ई-रजिस्ट्रेशन और ई-स्टाम्प प्रणाली शुरू की है। इनसे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है।
‘सीएम विण्डो’ के खुलने से लोगों की शिकायतों का तत्काल और जिला स्तर पर समाधान होने लगा है। अब तक लगभग तीन लाख षिकायतों का समाधान हो चुका है। प्रदेष में ई-दिषा केन्द्रों और अटल सेवा केंद्रों के माध्यम से 281 ई-सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। गरीब एवं पिछड़े वर्ग के लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान करने हेतु प्रदेश के सात जिलों में ‘अंत्योदय भवन’ स्थापित किए जा चुके हैं।
कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि हरियाणा राज्य हिन्दी भाषा आंदोलन की देन है।
राज्य सरकार ने मातृभाषा सत्याग्राहियों के त्याग और संघर्ष का सम्मान करते हुए उन्हें जीवनभर और मृत्यु उपरांत उनकी विधवाओं को आजीवन 10 हजार रुपये प्रतिमाह पेंषन देने का निर्णय लिया है। उन्हें रियायती दरों पर यात्रा की सुविधा दी है। राज्य सरकार ने शुभ्र ज्योत्सना नामक एक कार्यक्रम के तहत आपातकाल के दौरान जेलों में बंद रहे लोगों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा तथा हरियाणा राज्य परिवहन की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी है।
सरकार ने प्रजातंत्र के इन प्रहरियों को भी जीवनभर और मृत्यु उपरांत उनकी विधवाओं को आजीवन 10 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन देने का निर्णय लिया है। प्रदेश में सभी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन राषि बढ़ाकर 1800 रुपये प्रतिमास की गई है, जो देश में सर्वाधिक है।
‘प्रधानमंत्री जन-धन योजना’ के तहत प्रदेश में 65 लाख 82 हजार बैंक खाते खोले गए हैं। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 29 लाख 20 हजार और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत अब तक 8 लाख 93 हजार लोगों का पंजीकरण किया गया है। आयुष्मान बीमा योजना के तहत देश के 10 करोड़ गरीब परिवारों का हर साल पांच-पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा किया जाएगा। इस योजना की प्रक्रिया आरम्भ करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है।
अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि राज्य सरकार ने हरियाणा को कैरोसीन-मुक्त बनाने का काम किया है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को लगभग 5 लाख 15 हजार 700 से अधिक गैस कनैक्शन दिए गए हैं ताकि किसी भी महिला को चूल्हा न झोंकना पड़े। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए देशव्यापी ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ‘ अभियान के फलस्वरूप प्रदेश में लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। आज हरियाणा में 1000 लडक़ों के पीछे 916 लड़कियां हैं।
वर्तमान सरकार ने महिला सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रदेश भर में 29 महिला पुलिस थाने तथा उपमण्डल स्तर पर महिला हैल्प डैस्क स्थापित करने का काम किया है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए दुर्गा शक्ति रैपिड एक्शन फोर्स का गठन किया गया है। इसके अलावा, प्रदेश में प्रत्येक 20 किलोमीटर पर एक महिला कॉलेज खोलने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
मौजूदा सरकार ने भाई-भतीजावाद, जात-पात और क्षेत्रवाद को समाप्त कर योग्यता के आधार पर नौकरियां दी हैं। ग्रुप सी और डी की नौकरियों के लिए इंटरव्यू खत्म किया है। वर्ष 2015 के बाद लगभग 53 हजार पदों के लिए विज्ञापन जारी किये गये। इनमें से 25 हजार से अधिक पदों पर भर्ती की जा चुकी है।
राज्य सरकार ने समाज के पिछड़े और कमजोर तबकों के लोगों के सामाजिक-आर्थिक और शैक्षणिक उत्थान के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। मुख्यमंत्री सामाजिक समरसता अंतरजातीय विवाह शगुन योजना के तहत दी जाने वाली अनुदान राशि बढ़ाकर 2 लाख 50,000 रुपये की गई है।
मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत सभी वर्गों की विधवाओं की लडक़ी की शादी पर तथा सभी वर्गों की विधवाओं, तलाकषुदा, निराश्रित तथा अनाथ बच्चे को स्वयं की शादी के लिए 51 हजार रुपये तक की राशि दी जाती है। अनुसूचित जाति, विमुक्त जाति और टपरीवास जाति के बीपीएल परिवारों को उनकी लडक़ी की शादी के लिए 41 हजार रुपये की राशि दी जाती है।
किसी भी जाति तथा आय वर्ग से सम्बन्धित महिला खिलाड़ी को उसकी स्वयं की शादी के लिये 31,000 रुपये की शगुन राषि दी जाती है। अनुसूचित जाति के लोगों को अदालती मुकद्दमों की पैरवी हेतु कानूनी सहायता उपलब्ध करवाई जाती है।
उन्होंने कहा कि ‘डॉ. अम्बेडकर मेधावी छात्र योजना‘ के तहत अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग के छात्रों को पोस्ट मैट्रिक कक्षाओं में कक्षावार 8000 रुपये से 12,000 रुपये तक वार्षिक छात्रवृत्ति तथा पिछड़े वर्ग के 10वीं कक्षा के छात्रों को प्रतिषतता के आधार पर प्रोत्साहन राषि दी जाती है।
अनुसूचित जाति के जिन विद्यार्थियों के माता-पिता या अभिभावक की वार्षिक आय ढाई लाख रुपये तक है, उन्हें 10वीं कक्षा के बाद कक्षा अनुसार 230 रुपये से 1200 रुपये तक की मासिक छात्रवृत्ति दी जाती है। सफाई तथा जोखिम वाले व्यवसायों में लगे लोगों के बच्चों को प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत पहली से 10वीं कक्षा तक 110 रुपये प्रतिमास छात्रवृत्ति तथा 750 रुपये तदर्थ वार्षिक अनुदान दिया जाता है।
अनुसूचित जाति व पिछड़े वर्गों के उम्मीदवारों को विभिन्न प्रतियोगी तथा प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाता है। अनुसूचित जाति तथा पिछड़े वर्गों की विधवाओं, निराश्रित महिलाओं व लड़कियों को स्वरोजगार के अवसर मुहैया करवाने के उद्देष्य से सिलाई-कढ़ाई का एक वर्षीय प्रषिक्षण दिया जाता है।
उन्हें कच्चा सामान खरीदने के लिए 300 रुपये तथा 600 रुपये मासिक भत्ता भी दिया जाता है। अनुसूचित जाति के कल्याण हेतु कार्य करने वाली पंचायतों को 50,000 रुपये की राषि प्रोत्साहन के रूप में दी जाती है। अनुसूचित जातियों के हितों की रक्षा करने तथा उनके सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए उपाय सुझाने के उद्देष्य से समाज कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। विमुक्त व घुमन्तु जातियों के विकास के लिए हरियाणा घुमन्तु, अर्ध घुमन्तु जाति विकास बोर्ड का गठन किया गया है।
हरियाणा राज्य सफाई कर्मचारी आयोग बनाया गया है। इसके अलावा, गाडिय़ा लोहार जाति को टपरीवास जाति की सूची में शामिल किया गया है ताकि उन्हें भी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।
बिजली विकास का आधार है। प्रदेश के गांवों में बिजली आपूर्ति बढ़ाने और ट्रांसमिशन व कॉमर्शियल लॉस को कम करने के लिये ‘म्हारा गांव-जगमग गांव’ योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत प्रदेश के 2380 गांवों में 24 घण्टे बिजली आपूर्ति की जा रही है। सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए हमने नई सौर ऊर्जा नीति बनाई है।
इस नीति का उद्देश्य हरियाणा में सौर ऊर्जा निवेशकों को अनुकूल माहौल उपलब्ध करवाना तथा वर्ष 2022 तक हरियाणा की सौर ऊर्जा क्षमता 4000 मेगावाट तक ले जाना है। राज्य सरकार प्रदेश में सडक़, रेल और मेट्रो के विस्तार पर विशेष बल दे रही है। प्रदेश में पिछले पौने चार सालों के दौरान 21 हजार 84 किलोमीटर लम्बी सडक़ों के निर्माण व सुधार पर लगभग 9,205 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई। केन्द्र सरकार ने हरियाणा के लिए 530 किलोमीटर लम्बे 5 राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किये हैं। प्रदेष में तीन राष्ट्रीय राजमार्गों को चार लेन करने का कार्य किया जा रहा है।
कुण्डली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस का मानेसर-पलवल खण्ड शुरू हो चुका है तथा कुण्डली-मानेसर खण्ड पर निर्माण कार्य जल्द ही पूरा होने वाला है। इसके अलावा, बहादुरगढ़-मुण्डका और बदरपुर-मुजेसर मैट्रो रेल सेवा भी शुरू हो चुकी है। गुरुगाम के हुडा सिटी सेंटर से सोहना रोड तक तथा सोनीपत के कुण्डली तक दिल्ली मैट्रो के विस्तार की योजना है। गुरुगाम और फरीदाबाद को भी मैट्रो से जोडऩे की योजना है।
उन्होंने कहा कि रोटी, कपड़ा और मकान व्यक्ति की बुनियादी जरूरतें होती हैं। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि वर्ष 2022 तक हर परिवार के पास अपना घर हो। उनके इस सपने को हकीकत में बदलने की दिशा में राज्य सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं।
लोगों को किफायती आवास मुहैया करवाने में आवास बोर्ड, हरियाणा अहम भूमिका रही है। बोर्ड ने अपनी स्थापना से लेकर अब तक विभिन्न श्रेणियों के लिए 95,118 मकान बनाए हैं जिनमें से 71,419 मकान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग तथा निम्न आय वर्ग के लिए बनाए गए हैं। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक 19,356 फ्लैट्स का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इनमें से 18,115 मकान बीपीएल परिवारों के लिए जबकि 1246 मकान अन्य वर्गों के लिए बनाए गए हैं। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग श्रेणियों के 5,252 मकानों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इनमें से 1360 मकान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए, 3,279 मकान बीपीएल परिवारों के लिए और 613 मकान अन्य वर्ग के लिए हैं। मौजूदा सरकार के कार्यकाल में जुलाई, 2018 तक गरीब व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग व अन्य वर्गों के लिए फ्लैट्स के निर्माण कार्य पर कुल 543.20 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ‘‘मिशन सभी के लिए घर 2022‘‘ के तहत शहरी गरीबों के लिए आवासीय ऋणों पर ब्याज दरों में 6.5 प्रतिशत रियायत दी जा रही है। ‘डॉ. बी. आर. अम्बेडकर आवास नवीनीकरण योजना‘ के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले अनुसूचित जाति, विमुक्त जाति एवं टपरीवास जाति के लोगों को मकान की मरम्मत के लिए 50,000 रुपये की अनुदान राषि दी जाती है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों की सुरक्षा के प्रति बेहद गंभीर है। सरकार ने मुख्य बस अड्डों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम शुरू किया है जो सुरक्षा के लिहाज से बहुत बड़ा कदम है। इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक मशीन से टिकट जारी करने, आर.एफ.आई.डी. पास देने तथा बसों में जी.पी.एस. प्रणाली लगाने जैसे कई कदम उठाए जा रहे हैं। पायलट आधार पर 400 बसों में जीपीएस आधारित व्हीकल-ट्रैकिंग सिस्टम शुरू किया गया है।