- March 7, 2018
अपार्टमेंट स्वामित्व विधेयक, 2015 पारित
जयपुर———– राज्य विधानसभा ने राजस्थान अपार्टमेंट स्वामित्व विधेयक, 2015 को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री श्री श्रीचन्द कृपलानी ने सदन में विधेयक प्रस्तुत किया। उन्होंने विधयेक को सदन में लाने के कारणों एवं उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए बताया कि विधेयक के पारित होने से किसी भवन में अलग-अलग अपार्टमेंट और ऎसे अपार्टमेंट से अनुलग्न सामान्य क्षेत्रों और सुविधाओें में अविभक्त हित के स्वामित्व के लिये उपबंध करने और ऎसे अपार्टमेंट और हित को दाययोग्य और अंतरणीय बनाने में मददगार साबित होगा।
श्री कृपलानी ने विधेेयक के खण्ड 3 से लेकर खण्ड 35 तक के संशोधनों को सदन के पटल पर रखा, जिन्हें सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया।
श्री कृपलानी ने बताया कि राज्य के बड़े शहरों में आमजन की आवासीय आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए बहुमंजिला ईमारतों का प्रचलन लगातार बढ़ रहा है। इसको देखते हुए पूर्व में बहुमंजिला ईमारतों के अपार्टमेन्ट/फ्लैट में निवासरत व्यक्तियों के स्वामित्व सम्बन्धी अधिकारों की रक्षा करने के लिए राजस्थान विधान सभा द्वारा राजस्थान अपार्टमेन्ट ऑनरशिप बिल 2015 पारित किया गया था।
इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने इस विधेयक के प्रावधानों के मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि इस बिल के प्रावधान ट्रांसफर ऑफ प्रोपर्टी एक्ट 1982 जो कि एक केन्द्रीय कानून है के प्रावधानों पर ओवर राईडिंग इफेक्ट रखते है। इसलिए इस बिल पर राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए केन्द्र सरकार को प्रेषित किया गया।
केन्द्र सरकार द्वारा रियल एस्टेट रेगूलेशन एक्ट 2016(RERA) प्रभावी हो जाने के कारण इस बिल में कतिपय संशोधनों का परामर्श दिया गया। केन्द्र सरकार के परामर्श अनुसार राज्यपाल ने पुनर्विचार के लिए यह बिल इस सदन को लौटाया है। इसलिए केन्द्र सरकार के परामर्श के अनुसार सभी आवश्यक संशोधन प्रस्तावित किये जा रहे है।