- January 18, 2018
एक दिवसीय जागरूकता शिविर — किसानों को जागरूक करने में अहम
झज्जर (जनसंपर्क विभाग) ———-उद्यान , कृषि एवं किसान कल्याण व मार्केटिंग विभाग की ओर से संयुक्त रूप से लघु सचिवालय स्थित संवाद भवन में एक दिवसीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया।
किसान जागरूकता शिविर में उद्यान विभाग के संयुक्त निदेशक धर्म सिंह यादव, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक रोहताश सिहं, जिला उद्यान अधिकारी रविंद्र सिंह अहलावत, मार्के टिंग बोर्ड के इनफोरेसमेंट ऑफिसर साहब राम ने अपने-अपने विभागों सें संबंधित किसान हितैषी नीतियों की विस्तार से जानकारी दी।
किसान जागरूकता शिविर में भावान्तर भरपाई योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, परम्परागत कृषि विकास योजना (जैविक खेती) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तथा सायल हैल्थ कार्ड के बारे में बताया गया।
संयुक्त निदेशक उद्यान विभाग धर्म सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से किसानों की आय को दो-गुणा करने के लिए किसान हितैषी योजनाएं शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसान हितैषी योजनाओं की सही जानकारी देने के लिए इस तरह के जागरूकता शिविर किसानों को जागरूक करने में अहम होते हैं।
— लाभ उठाने के लिए 15 फरवरी तक करें आवेदन
जिला बागवानी अधिकारी डा. आरएस अहलावत ने जानकारी देते हुए बताया कि झज्जर जिला मुख्यालय पर अनाज मण्डी स्थित मार्केट कमेटी कार्यालय परिसर में किसान सदन में भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों का पंजीकरण के लिए विशेष हेल्प डेस्क स्थापित किया गया है।
बिजाई अवधि के दौरान मार्केटिंग बोर्ड की वेबसाइट पर बागवानी भावांतर योजना (बीबीवाई) पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण किया जा सकता है। इस योजना का लाभ उठाने के इच्छुक किसानों का नि:शुल्क पंजीकरण किया जाएगा। प्याज व टमाटर की खेती करने वाले किसानों को आगामी 15 फरवरी तक पंजीकरण किया जाएगा। पंजीकरण के उपरांत 15 मार्च तक सत्यापन किया जाएगा।
अगर सत्यापन की रिपोर्ट से किसान संतुष्ट न हो तो अपील के लिए 25 मार्च तक अवसर मिलेगा। भावांतर भरपाई योजना के तहत प्याज के लिए प्रति क्विंटल 500 रुपए तथा टमाटर के लिए प्रति क्विंटल 400 रुपए मूल्य निर्धारित किया गया है।
प्याज के लिए प्रति एकड़ 100 क्विंटल तथा टमाटर के लिए 140 क्विंटल का उत्पादन निर्धारित किया गया है। इस योजना के तहत पंजीकृत किसान को प्रोत्साहन के लिए जे- फार्म पर बिक्री अनिवार्य होगी।
— परम्परागत खेती को अपनाएं किसान
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक रोहताश ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए विभाग की ओर से जिला में छारा और सेहलंगा में कलस्टर बनाए गए हैं। जिनके तहत किसानों को परम्परागत खेती यानि जैविक खेती के बारे में बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फसलों में जरूरत से ज्यादा रासायिक खाद व कीटनाशक डालने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती है।
जैविक खेती मिट्टी की सेहत तथा उत्पाद उपयोग करने वाले मनुष्य के लिए भी लाभदायक होती है। उन्होंने कहा किसान हित में सायल हैल्थ चैकिंग विभाग की ओर से निशुल्क की जा रही है। मिट्टी की सेहत की जाचं होने से किसान को यह पता चलता है कि उक्त खेत में कौन सी फसल ज्यादा उत्पाद देगी और किस मात्रा में खाद की जरूरत है। कृषि उपनिदेशक ने बताया कि किसानों को जोखिम फ्री बनाने बनाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की है। रोहताश ने कहा कि टपका सिंचाई
प्रणाली से जल की बचत होती है और फसल उत्पादन भी बढ़ता है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा किसान भाईयों को ड्रिप व टपका सिंचाई प्रणाली को अपनाना चाहिए।
किसान जागरूकता शिविर में अधिकारियों ने किसानों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब भी दिए। अधिकारियों ने कहा कि प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ की पहल पर जिला में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए विशेष जोर दिया जा रहा है। संयुक्त निदेशक ने कहा कि दिल्ली व एनसीआर की मार्केट नजदीक होने के कारण किसानों को अपने उद्यान उत्पादों के दाम भी अच्छे मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि निष्पक्ष रूप से किसानों को योजनाओं का लाभ देने के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू की हैं। समय-समय पर विभाग की वेबसाइट पर सभी योजनाओं की जानकारी अपलोड की जा रही है। जागरूकता शिविर में मार्केटिंग बोर्ड सचिव धर्मराज डांगी, एसडीओ सुनील कौशिक सहित अन्य विभागीय अधिकारी व जागरूक किसान उपस्थित रहे।