- November 29, 2017
गीता महोत्सव 2017 : श्रीमद्भागवद गीता व्यक्तित्व के विकास का ग्रंथ : धनखड़
झज्जर, 29 नवंबर–जिलास्तरीय गीता महोत्सव के दूसरे दिन बुधवार को जहांआरा बाग स्टेडियम परिसर गीतापुरम में हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ बतौर मुख्यातिथि पहुंचे। मुख्य अतिथि श्री धनखड़ ने जिला स्तर पर आयोजित गीता महोत्सव के दूसरे दिन का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। इस उपरांत वहां लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया और प्रत्येक स्टॉल पर जाकर उत्पादों, उपलब्धियों व कलाकृतियों के बारे में विस्तृत जानकारी ली। दीप प्रज्ज्वलित कर उन्होंने गीता सेमिनार का शुभारंभ करते हुए गीता विषय को व्यक्तित्व विकास की संज्ञा देते हुए मोटिवेशनल गुरू के रूप में सारगर्भित जानकारी दी।
व्यक्तित्व के विकास का ग्रंथ है गीता :
महोत्सव के मुख्य अतिथि श्री धनखड़ ने कहा कि गीता महोत्सव किसी व्यक्ति विशेष का नहीं बल्कि पूरी मानव जाति के लिए एक उत्सव है जिसे पूरे प्रदेश में भव्यता के साथ मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गीता व्यक्तित्व विकास का ग्रंथ है जिसमें जीवन का सार गर्भित विवरण दिया गया है। उन्होंने उपस्थित दर्शकों विशेषकर युवाओं को गीता पाठन के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि जीवन में आगे बढऩे की सीख हमें गीता से मिलती है। ज्ञान और परंपरा को साथ लेकर चलने के बारे में गीता के 18 अध्यायों में विस्तार से बताया गया है जो कि मनुष्य जीवन के विकासात्मक बदलाव में बेहतर कदम है।
कर्म का संदेश देती है गीता :
कृषि मंत्री धनखड़ ने युवाओं को लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया और कहा कि गीता के पहले अध्याय में ही जीवन में आगे बढऩे का लक्ष्य निर्धारण कर कर्म करने की सीख दी गई है। उन्होंने कहा कि गीता अच्छाई और धर्म के साथ खड़े होने का संदेश देती है। महाभारत का युद्ध दो राजाओं के मध्य न होकर समाज की अच्छाई-धर्म और बुराई-अधर्म के बीच था। गीता इंसान के स्वधर्म को जगाने का स्रोत है।
युवाओं के व्यक्तित्व विकास के लिए गीता पाठन अत्यंत आवश्यक है। मनुष्य को कर्म से अकर्म तक और परमात्मा के स्तर पर लाने का गीता मूल स्रोत है। उन्होंने भारतीय धर्म संस्कृति की दो यात्राओं का जिक्र करते हुए कहा कि एक यात्रा अधोगामी जिसमें संदेश ऊपर से नीचे तथा दूसरी यात्रा ऊध्र्वगामी जिसमें संदेश नीचे से ऊपर जाता है। रामायण में राम के राजतिलक पर अयोध्या में मंथरा और केकैयी के बीच चर्चा का परिणाम राम का वनवास, दशरथ का निधन और भरत का 14 वर्षों तक अयोध्या के बाहर संयासी का जीवन लेकर आता है। वहीं महाभारत में गीता का उपदेेश अर्जुन को परमात्मा के स्तर पर लाता है। धाराप्रवाह बोलते हुए कृषि मंत्री धनखड़ ने कहा कि गीता कर्म का संदेश देती है।
जीवन का ध्येय रहे सर्वोपरि :
कृषि मंत्री ने कहा कि गीता हमें संदेश देती है कि समाज में स्त्री का सम्मान हो। समाज में जातिवाद का भेद खत्म हो। गीता हमें गुस्सा सहन करने की शक्ति देती है साथ गीता हमें गुस्सा पालना भी सिखाती है। द्रोपदी ने 13 वर्ष तक अपमान होने पर गुस्सा को सहन किया। महात्मा गांधी, शहीद उद्यम सिंह, चाणक्य जैसे महापुरूषों ने अपने साथ हुए अपमान को गुस्से के साथ दिया और समाज व और देश बदलने का काम किया। हमारा ध्येय बड़ा होना चाहिए , अच्छा होना चाहिए और सर्वोपरि रहना चाहिए यह संदेश हमें गीता से मिलता है।
गीता देती है नैतिक मूल्यों की सीख – उपायुक्त
उपायुक्त सोनल गोयल ने मुख्य अतिथि कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ का स्वागत किया और तीन दिवसीय गीता महोत्सव की रूपरेखा से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि अगर हम गीता में वर्णित बातों को आचरण में लाएंगे तो हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ जाएगा। उन्होंने कहा कि गीता हमें नैतिक मूल्यों के साथ जीना सिखाती है। हमारी युवा पीढ़ी खासकर छात्र गीता के मूल्यों को जीवन में आत्मसात कर आगे बढ़ेगा तो निश्चित रूप से प्रदेश और देश के निर्माण में सहयोग मिलेगा। भारतीय संस्कृति नारी के सम्मान की रही है। नारी शिक्षा को बढ़ावा देकर हम गीता के मूल्यों का समाज में समावेश कर सकते हैं।
गीता का महत्व
कार्यक्रम में श्रीमद्भागवद गीता विषय पर आयोजित सेमिनार में आध्यात्म व शिक्षा क्षेत्र को समर्पित वक्ताओं ने अपने बेबाक विचार व्यक्त किए और गीता को जीवन का मूल मंत्र बताते हुए इसे पढऩे के साथ-साथ जीवन में उद्देश्यों को धारण करने के लिए प्रेरित किया।
गीता पर आधारित सेमिनार में गुरूकुल झज्जर से आचार्य शतक्रतु ,इस्कॉन बहादुरगढ़ से स्वामी नित्यानंद आश्रयदास , ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय से बहन संतोष देवी, शिक्षा विभाग से अरविंद गार्गी ने भी सेमिनार में अपने विचार प्रभावशाली ढंग से रखे और जीवन में गीता के महत्व को बताया।
सांस्कृतिक विधा से जमा रंग :
गीता महोत्सव के दूसरे दिन ढोल की थाप, लंबू, नगाड़ा वादकों व बीन वादकों ने अपनी स्वर लहरी धुनों के साथ महोत्सव को रंगारंग कर दिया। हास्य कलाकार राज कुमार धनखड़ ने महोत्सव में उपस्थित जनसमूह को अपने अंदाज से खूब गुदगुदाया। दिन भर चले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मातनहेल, डी.एच.लारेंस स्कूल, राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भदानी, एम.आर.स्कूल हसनपुर, संस्कारम पब्लिक स्कूल खातीवास सहित अन्य शिक्षण संस्थाओं के विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देते हुए समारोह को शोभायमान कर दिया। वेद-दमन की जोड़ी ने भी स्वर लहरी बिखेरते हुए समारोह में रंग जमाया।
रंगोली व निबंध रूपर्धा में दिखी प्रतिभाएं :
गीता महोत्सव के उपलक्ष्य में जिले के स्कूली विद्यार्थियों द्वारा गीता पर आधारित रंगोली , पेंटिंग श्लोक उच्चारण व निबंध लेखन प्रतियोगिताओं में भाग लिया। रंगोली के माध्यम से जिले भर के विभिन्न स्कूलों से पहुंचे बच्चों ने रंगों के माध्यम से अपनी कला को दर्शाया और गीता का मेरे जीवन पर प्रभाव विषय पर लेखन कार्य भी किया। उपायुक्त सोनल गोयल ने प्रशासनिक अधिकारियों सहित रंगोली का भी जायजा लिया और विद्यार्थियों को प्रेरित किया।
बेटी के कुआं पूजन की झांकी आकर्षण का केंद्र :
गीता महोत्सव में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश देती झांकी प्रदर्शनी में आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। प्रदेश में बदल रही पंरपरा को प्रदर्शित करती शुद्ध हरियाणवी वेशभूषा में इस झांकी में बेटी का जन्म होने पर कुआं पूजन, थाली बजाना और लड्डू बांटकर खुशी मनाना आदि को लघु नाटिका के माध्यम से प्रदर्शित किया गया।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त सुशील सारवान, जिप चेयरमैन परमजीत सौलधा, वाइस चेयरमैन योगेश सिलानी, नप चेयरमैन कविता नंदवानी, भाजपा महिला विंग की जिलाध्यक्ष सुनीता धनखड़, आनंद सागर, राय सिंह, सुनील गुलिया अलावा प्रशासन की ओर से नगराधीश अश्वनी कुमार, जिप सीईओ शिखा, डीआईपीआरओ नीरज कुमार, डीईओ सतबीर सिवाच, डीडी एएच डॉ मनीष डबास सहित, डीएसओ सत्यदेव मलिक सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
तीन दिवसीय जिला स्तरीय गीता महोत्सव के समापन कार्यक्रम में हरियाणा के लोक निर्माण (भवन व सड़कें), वन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री राव नरबीर सिंह बतौर मुख्य अतिथि और नगर शोभा यात्रा में बहादुरगढ़ से विधायक नरेश कौशिक बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे।
कार्यक्रम के समापन पर सायं तीन बजे से जहांआरा बाग स्टेडियम में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी हरियाणवी शैली में बेहतरीन कलाकारों की प्रस्तुति रहेगी।
मुख्य अतिथि द्वारा समापन समारोह में गीता महोत्सव से संबंधित स्कूली प्रतियोगिताओं के विजेताओं व तीन दिवसीय महोत्सव में उल्लेखनीय सहभागी रही सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया जाएगा।