• July 10, 2017

अक्षय ऊर्जा उत्पादन के लिए 20 किलो वाॅट का सहकारी सोलर पाॅवर प्लांट

अक्षय ऊर्जा उत्पादन के लिए 20 किलो वाॅट का सहकारी सोलर पाॅवर प्लांट

जयपुर————–सहकारिता एवं गोपालन मंत्री श्री अजयसिंह किलक ने बताया कि अपनी बिजली की आवश्यकताओं की पूर्ति करने तथा पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से श्री गंगानगर जिले की ग्राम सेवा सहकारी समिति, 24 एपीडी, जो अनूपगढ़ से 11 किलोमीटर दूर बांडा कॉलोनी ग्राम में कार्यरत है, ने 20 किलो वाॅट का सोलर प्लांट स्थापित किया है। उन्होंने बताया कि यह प्लांट जुलाई के दूसरे सप्ताह में बिजली का उत्पादन करना प्रारम्भ कर देगा।

श्री किलक ने बताया कि समिति द्वारा 20 किलोवाॅट क्षमता का ‘‘आॅन ग्रिड रूप टाॅप सोलर सिस्टम’’ लगाया गया है, जो लगभग 2 हजार वर्ग फीट क्षेत्र में फैला हुआ है। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट पर लगभग 12 लाख 65 हजार रुपये की लागत आई है, जिस पर अक्षय उर्जा विभाग से 30 प्रतिशत अनुदान के रूप में 3 लाख 79 हजार 504 रुपये की सहायता प्राप्त हुई है।

ग्रिड को अधिशेष 10 हजार यूनिट बिजली उत्पादन बेचा जाएगा
उन्होंने बताया कि इससे सालभर में लगभग 33 हजार बिजली की यूनिट अर्थात् प्रतिदिन लगभग 100 से 110 यूनिट का उत्पादन होगा। उन्होंने बताया कि समिति का औसत बिजली का उपभोग 80 यूनिट प्रतिदिन है। इस प्रकार वर्ष में लगभग 10 हजार यूनिट बिजली ग्रिड को बेची जाएगी। उन्होंने बताया कि इससे समिति को साल भर में लगभग 1 लाख रुपये का बिजली का बिल नहीं भरना पड़ेगा और कमाई अलग से होगी।

निर्बाध बिजली की आपूर्ति संभव
सहकारिता मंत्री ने बताया कि सोलर प्लांट के लगने से समिति द्वारा चलाए जा रहे जिम्नेजियम, आरओ प्लांट, सहकारी सुपर मार्केट, महिलाओं के लिए ट्रेनिंग सेंटर आदि सभी को पूरे वर्ष निर्बाध बिजली उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि सोलर प्लांट की देखरेख काफी आसान है। सोलर प्लेट पर धूल मिट्टी न जमे इसके लिए इन्हें नियमित रूप से पानी से धोना आवश्यक है।

आरओ के पानी की मांग–उन्होंने बताया कि समिति द्वारा हाल ही में लगाए गए आरओ प्लांट के पानी की खपत लगातार बढ़ती जा रही है। अब प्रतिदिन 300 से ज्यादा पानी के कैम्पर सप्लाई होने लगे हैं। बाजार में मांग को देखते हुए समिति में एक और चिलिंग यूनिट स्थापित की गई है।

उन्होंने बताया कि समिति में सोलर पाॅवर प्लांट स्थापित करना एक चुनौती था लेकिन समिति के कुशल प्रबंधन ने इसको स्थापित कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाया है।

सहकारिता का उद्देश्य समुदाय के विकास में सेवाओं द्वारा अपनी भूमिका को सुनिश्चित करना है। यह सेवाएं सामाजिक, आर्थिक, मानसिक, शारीरिक एवं अन्य किसी भी रूप में हो सकती है, जो व्यक्ति या समुदाय का विकास करती हो।

सहकारिता मंत्री श्री अजय सिंह किलक ने बताया कि सहकारी समितियों के व्यवसाय विविधीकरण पर विशेष जोर देने का ही यह परिणाम है कि प्रदेश की सहकारी समितियां कृषि यंत्र बैंक, सहकारी सुपर बाजार, पशुआहार बिक्री केन्द्र, मॉडल मिनी बैंक एवं सहकारी जिम्नेजियम जैसी सुविधाएं प्रदान करने के साथ-साथ समुदाय एवं आगे आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुलभ बना रही हैं।

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