- March 29, 2017
अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित
जयपुर —जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि एटा सिंगरासर माइनर के परीक्षण के लिए गठित समिति को तीन माह का समय और दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इस समिति की रिपोर्ट के अनुसार यदि पानी उपलब्ध होगा, तो यह माइनर अवश्य बनेगी। यदि रिपोर्ट के अनुसार पानी की उपलब्धता नहीं होगी, तो इसका निर्माण संभव नहीं होगा।
डॉ. रामप्रताप सदन में मांग संख्या 46 सिंचाई (इंदिरा गांधी नहर परियोजना सहित) पर हुई बहस का जबाव दे रहे थे। बहस के बाद सदन ने सिंचाई (इंदिरा गांधी नहर परियोजना सहित) की 37 अरब 34 करोड़ 44 लाख 96 हजार रुपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं।
जल संसाधन मंत्री ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा परवन परियोजना को धरातल पर नहीं लाया गया और आनन-फानन में 2013 में परियोजना स्वीकृत की गई, जबकि वन विभाग से प्रथम स्तरीय स्वीकृति के पश्चात् कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई एवं न ही परियोजना का कार्य प्रारम्भ हुआ। उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार द्वारा इस परियोजना को शुरू करने का अहम कार्य हाथ में लिया गया है।
उन्होंने कहा कि सेम की समस्या के निदान के लिए 22 करोड़ रुपए के कार्यों के टेंडर जारी किए जा रहे हैं। इसके अलावा डॉ. रामप्रताप ने विविध सिंचाई परियोजनाओं से जुड़ी प्रगति की जानकारी भी सदन को दी। उन्होंने 9507 करोड़ रुपए के कार्यों की विधानसभा क्षेत्रों के अनुसार जानकारी दी।