- February 8, 2017
प्रत्येक जिले की एक ग्राम सेवा सहकारी समिति —श्री अभय कुमार
जयपुर, 8 फरवरी। प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार श्री अभय कुमार ने कहा है कि प्रत्येक जिले की एक-एक ग्राम सेवा सहकारी समिति को नवाचारों की श्रेणी में शामिल कर आदर्श रूप में स्थापित किया जाये ताकि समिति के व्यवसाय में बढ़ोतरी के साथ-साथ आमजन को भी गुणवत्ता के साथ उचित मूल्य पर सुविधाएं प्रदान की जा सकें।
श्री कुमार बुधवार को शासन सचिवालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से समग्र सहकारी विकास परियोजना (आई.सी.डी.पी.) की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले ने नवाचाराें के माध्यम से सहकारी समितियों को एक नई पहचान दी है जो काबिले तारीफ है। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को इससे प्रेरणा लेकर कार्यों में विविधता अपनाने के निर्देश दिये। प्रमुख शासन सचिव सहकारिता ने राज्य में आई.सी.डी.पी. के तहत चल रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।
उन्होंने बन्द परियोजनाओं की अवधि पार एवं चालू वर्ष की मांग, राजकीय ऋण, ब्याज एवं हिस्सा राशि की वसूली के सन्दर्भ में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। श्री कुमार को कोटा एवं टोंक के प्रबन्ध निदेशकों ने आश्वस्त किया कि जल्द ही कोटा एवं टोंक में सहकारी समितियाें को नवाचारों के द्वारा जिले की आदर्श जी.एस.एस. के रूप में स्थापित करने का कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के द्वारा श्रीगंगानगर जिले के समग्र सहकारी विकास परियोजना के महाप्रबन्धक श्री बलविन्द्र सिंह गिल ने जिले में सहकारी समितियों द्वारा किये गये नवाचारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इससे पहले समग्र सहकारी विकास परियोजना के प्रबन्ध निदेशक श्री प्रेमप्रकाश मण्डोत ने एजेण्डे वार बिन्दुओं को समीक्षा के दौरान अवगत कराते हुए मॉनिटरिंग पर बल दिया। उन्होंने व्यवस्थापकों का प्रशिक्षण, प्रोत्साहन राशि, उपयोगिता प्रमाण पत्र के बारे में आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि तय समय में इनको पूरा किया जाये। प्रबन्ध निदेशक राईसेम श्री एस.के. बाकोलिया ने कहा कि सभी जिले अपने-अपने क्षेत्र में कार्य कर रही अच्छी ग्रामसेवा सहकारी समितियों की विस्तृत रिपोर्ट राईसेम को भिजवायें ताकि टे्रनिंग के दौरान आने वाले प्रशिक्षणार्थियों को उनकी कार्य प्रणाली से अवगत कराया जा सके।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान सम्बन्धित जिलों के प्रबन्ध निदेशक एवं आई.सी.डी.पी. परियोजना से जुड़े हुए अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।