- October 18, 2016
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण: 71 गांव खुले में शौच मुक्त :- उपायुक्त
स्वर्ण जयंती स्वच्छता अवार्ड से ग्राम पंचायतें सम्मानित, जिला स्तर व खंड स्तर पर प्रथम रही पंचायतों को मिले एक- एक लाख रुप्ये
झज्जर, 18 अक्टूबर- जिला उपायुक्त आर सी बिढ़ाण ने मंगलवार को पंचायत भवन में आयोजित सम्मान समारोह में स्वर्ण जयंती स्वच्छता अवार्ड योजना के अंतर्गत जुलाई, अगस्त व सिंतबर माह में जिला व खंड स्तर पर प्रथम रही ग्राम पंचायतों को एक-एक लाख रूपये का चेक देकर सम्मानित किया।
उपायुक्त ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अभियान के अंतर्गत चलाए जा रहे झिलमिल झज्जर कार्यक्रम को लोगों ने खूब सराहा है। इसी का परिणाम है कि अब तक जिले के 71 गांव खुले में शौच मुक्त हो चुके हैं और दिसंबर के अंत तक पूरा जिला खुले में शौच मुक्त बन जाएगा। उन्होंने कहा कि खुले में शौच मुक्त जिला बनने से लोगों को बेहतर वातावरण मिलेगा और कई बिमारियों से छुटकारा भी मिलेगा।
उपायुक्त ने कहा कि खुले में शौच मुक्त गांव बनाने के लिए सोच को बदलना जरूरी है । ग्रामीण भी महसूस करने लगे हैं कि उनका गांव सबसे साफ-सुथरा हो, बिमारी मुक्त हो, बहिन- बेटियों को
खुले में शौच के लिए न जाना पड़े। इस कार्य को पूरा करने के लिए झिलमिल झज्जर कार्यक्रम बनाया गया और लोगों ने भरपूर सहयोग दिया,इसी का परिणाम है कि 71 गांवों को खुले में शौच मुक्त होने का गौरव प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि जिले के बाकि बचे गांवों में काफी काम हो चुका है। जरूरत है ग्रामीणों के सहयोग की। गांवों में अब भी जो लोग खुले में शौच को जा रहे हैं जरूरत है,उनकी सोच बदलने की।
जुलाई में रूडिय़ावास, अगस्त में मेहंदीपुर व सिंतबर में बीर बरखताबाद जिले में अव्वल, मातनहेल खंड के गांव रूडिय़ावास को जिले में सबसे स्वच्छ गांव का अवार्ड
उपायुक्त ने ग्राम पंचायत को एक लाख रूपये का ईनाम दिया। वहीं इसी माह में बहादुरगढ़ ब्लॉक से शाहपुर मलिक बेरी खंड से मलिकपुर झज्जर खंड से रामपुरा मातनहेल खंड से रूडि़वास तथा साल्हावास खंड बाबेपुर गांव की ग्राम पंचायत को उपायुक्त एक-एक लाख रूपये का चैक सौंपा।
अगस्त माह में स्वर्ण जयंती स्वच्छता अवार्ड के तहत जिले में बहादुरगढ़ खंड की मेहंदीपुर गांव को स्वच्छता अवार्ड मिला। उपायुक्त गंाव पंचायत को एक लाख रूपये का चैक देकर सम्मानित किया। वहीं खंड वाईज सर्वश्रेष्ठ रही ग्राम पंचायत बहादुरगढ़ खंड से मेहंदीपुर, बेरी खंड से सफीपुर, झज्जर से केमलगढ़, मातनहेल से आजाद नगर तथा साल्हावास खंड से ढ़ाणी साल्हावास ग्राम पंचायत को उपायुक्त एक-एक लाख रूपये का चैक सौंपा।
सितंबर माह में भी बहादुरगढ़ खंड अव्वल रहा और खंड के गांव बीर बरखताबाद को जिले में सबसे स्वच्छ गांव घोषित किया गया। वहीं बेरी खंड से गांव मदाना खुर्द, झज्जर से जहांगीरपुर, मातनहेल से अमादल शाहपुर, साल्हावास से सुरहेती व बहादुरगढ़ से गांव बीर बरखताबाद अपने-अपने खंड में स्वच्छ घोषित किए गए। उपायुक्त ने सभी ग्राम पंचायतों को एक-एक लाख रूपये का ईनाम देकर सम्मानित किया।
उपायुक्त ने सम्मान समारोह में जिले के 31 राजकीय स्कूलों को भी स्वच्छता अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त डॉ नरहरि बांगड़ ने झिलमिल झज्जर कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग कर रहे विभागों, ग्राम पंचायतों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि जो गांव इस स्वच्छता की मुहिम में पीछे रह गए हैं उन गांवों में जागरूकता अभियान में तेजी लाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि जनभागीदारी और जागरूक संस्थाओं,विभागों तथा प्रबुद्ध ग्रामीणों के सहयोग से दिसंबर तक जिले के बाकि गांवों को खुले में शौच मुक्त कर दिया जाएगा। इस अवसर पर शिक्षा, पंचायती राज विभाग के अधिकारी, ग्राम पंचायतों सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।
– बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की समीक्षात्मक बैठक —-उपायुक्त आर.सी. बिढ़ाण ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यक्रम बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान जिले में प्रभावी ढंग से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात के फासले को शत-प्रतिशत बराबरी पर लाने के लिए जरूरी है कि सभी विभागों की ओर से टीम वर्क के तौर पर काम किया जाए। उपायुक्त मंगलवार को अपने कार्यालय में जिला टास्क फोर्स की बैठक में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की जिले संबंधी समीक्षा कर रहे थे।
उपायुक्त ने बैठक में कहा कि इस अभियान को सार्थक मुहिम के रूप में तभी बदला जा सकता है जब जनमानस का सहयोग इस अभियान में मिले। बैठक में नोडल अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष का औसत लिंगानुपात 875 है।
औसत को बेहतर करते हुए इसे शत-प्रतिशत तक पहुंचने पर ही इस अभियान की सफलता एवं हम सभी का लक्ष्य है। औसत बेशक बीते वर्षों की अपेक्षा काफी सुधरा है लेकिन अब भी इस दिशा में कार्य , मेहनत और जागरूकता की जरूरत है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग व महिला एवं बाल विकास विभाग को संयुक्त रूप से सेमीनार आयोजित करने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में बेहतर लिंगानुपात है वहां कार्यरत आंगनवाड़ी वर्कर एवं आशा वर्करों को प्रोत्साहित किया जाए। जहां स्थिति अच्छी नहीं है वहां जिम्मेदारी तय की जाए।
श्री बिढ़ाण ने कहा कि राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम में हरियाणा प्रदेश अपनी सक्रिय भूमिका अदा कर रहा है और इसी का परिणाम है कि अब लिंगानुपात में निरंतर सुधार हो रहा है। उन्होंने जिले के आंकडों की समीक्षा करते हुए स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास विभाग को सजगत के साथ कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि संयुक्त भागीदारी के साथ ही संबंधित विभाग आपसी तालमेल को बढ़ाते हुए पीएनडीटी और एमटीपी एक्ट के तहत जांच अभियान में तेजी लाएं ताकि सकारात्मक परिणाम हमारे सामने हों।
उन्होंने कहा कि जिले में कम लिंगानुपात वाले गांवों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से यह सुनिश्चित करें कि गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण शत-प्रतिशत स्वास्थ्य विभाग के पास हो।
उन्होंने कहा कि गर्भवती माता का पंजीकरण होने से संस्थागत डिलीवरी को बढ़ावा मिलेगा और शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी। उपायुक्त ने जिले में शत-प्रतिशत संस्थागत डिलीवरी करवाने के निर्देश दिए। इसके लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा वर्कर्स, एएनएम सहित स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उनको संस्थागत डिलीवरी करवाने के लिए प्रेरित करने को कहा।