वन टाइम सेटलमेंट’ योजना में छूट

वन टाइम सेटलमेंट’ योजना में छूट

रायपुर : ( छ०गढ) —— राज्य सरकार ने सभी यात्री बसों और माल वाहनों के मालिकों से ‘वन टाइम सेटलमेंट’ योजना में दी जा रही छूट का लाभ उठाने की अपील की है। परिवहन आयुक्त कार्यालय के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि यह छूट ऐसे वाहनों के लिए होगी, जिनका पूर्व निर्धारित अवधि में टैक्स जमा नहीं हुआ है। वन टाइम सेटलमेंट योजना की अवधि 28 फरवरी 2017 तक रहेगी। परिवहन विभाग ने वाहन मालिकों से इस अवधि में निर्धारित राशि का टैक्स जमा करने का आग्रह किया है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में दो दिन पहले 27 सितम्बर को यहां मंत्रालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में वन टाइम सेटलमेंट योजना का अनुमोदन किया गया था। मंत्रिपरिषद के निर्णय पर अमल के लिए परिवहन विभाग ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है।

यह निर्णय छह चक्के, 10 चक्के, 12 चक्के, 14 चक्के, 18 चक्के और 24 चक्के के वाहनों पर लागू होगा। इसके लिए परिवहन विभाग द्वारा गणना पत्रक तैयार कर लिया गया है। परिवहन अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में वर्तमान में विभिन्न श्रेणियों के 39 लाख 82 हजार 853 वाहन पंजीकृत हैं।

माल वाहन के लिए छत्तीसगढ़ मोटरयान कराधान अधिनियम में तिमाही टैक्स का प्रावधान है, जो 3500 किलोग्राम सकलयान भार क्षमता से ज्यादा क्षमता वाले वाहनों से लिया जाता है। यात्री बसों के लिए मासिक टैक्स का प्रावधान है, जिसकी दरें समय-समय पर संशोधित की गयी है। टैक्स का भुगतान समय से नहीं करने की स्थिति में शास्ति (पेनाल्टी) लेने का प्रावधान है। शास्ति की दर देय टैक्स के बारहवें हिस्से अर्थात एक बटा बारह प्रतिमाह की दर से निर्धारित की गयी है।

वर्ष 2001 तक इसे देय टैक्स के एक बटा छह प्रतिमाह की दर से लिया जाता है। वर्तमान प्रावधानों के अनुसार शास्ति की राशि लम्बित टैक्स की राशि से ज्यादा नहीं हो सकती। छह माह बाद बकाया टैक्स की राशि पर बीस प्रतिशत वार्षिक ब्याज लेने का भी प्रावधान है। राज्य में बड़ी संख्या में ऐसे वाहन है, जिनके मासिक और त्रैमासिक टैक्स, शास्ति और ब्याज की राशि काफी अधिक है।

यह राशि बड़ी संख्या में ऐसे वाहनों से संबंधित हैं, जो अब संचालन में नहीं है। परिवहन विभाग द्वारा वाहनों मालिकों को डिफाल्टर सूची से बाहर आने का अवसर दिया जा रहा है। सम्पूर्ण देय राशि में छूट देने से वाहन मालिक इसका लाभ लेकर एक बार अपनी बकाया राशि का भुगतान करते हुए प्रकरण का निराकरण करवा सकेंगे। मंत्रिपरिषद में वन टाइम्स सेटलमेंट के लिए परिवहन विभाग के जिस प्रस्ताव का अनुमोदन किया है, इसके अनुसार लम्बित टैक्स की राशि में कोई छूट नहीं दी जाएगी, लेकिन लम्बित शास्ति और ब्याज की राशि में वर्ष 2001 के पहले के तथा वर्ष 2001 से 2004 तक की अवधि के लिए पूर्ण छूट मिलेगी।

अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2005 से 2008 की अवधि के लिए इस राशि में 75 प्रतिशत और वर्ष 2009 से 2012 की अवधि के लिए 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। टैक्स तथा छूट के बाद देय शास्ति और ब्याज की राशि को एकमुश्त जमा करना होगा। यदि किसी वाहन मालिक द्वारा वर्ष 2001 से 2015 तक टैक्स भुगतान नहीं किया गया है, तो उसे कुल देय राशि में लगभग 70 प्रतिशत की छूट दी गयी है।

इसी प्रकार वर्ष 2005 से 2015 तक भुगतान नहीं करने वाले वाहन मालिकों को दी जाने वाली छूट लगभग 50 प्रतिशत होगी। परिवहन अधिकारियों ने बताया कि यह छूट उस स्थिति में दी जाएगी, जब कर तथा छूट के बाद देय शास्ति और ब्याज की राशि वाहन मालिकों द्वारा एकमुश्त जमा की जाएगी। छूट के उपरांत राशि जमा नहीं करने की स्थिति में वाहन का पंजीयन रद्द कर दिया जाएगा और राशि की वसूली के लिए वाहन मालिकों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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