शौचालय निर्माण के लिये 315 करोड़ रुपये ———-145 जिलों के लिये “मिशन परिवार विकास”

शौचालय निर्माण के लिये 315 करोड़ रुपये ———-145 जिलों के लिये “मिशन परिवार विकास”

पेसूका ——— जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय ने पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय को 315 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की है। यह धनराशि गंगा कार्य योजना के कार्यान्वयन के लिये वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत जारी की गयी है।

इस धनराशि को गंगा के किनारे शौचालयों का निर्माण करने पर खर्च किया जायेगा। याद रहे, पिछले वित्त वर्ष के दौरान भी जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय ने पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय को 263 करोड़ रुपये जारी किये थे। अब तक इस योजना के तहत 14,500 शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है।

“मिशन परिवार विकास”—————-इस वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने मंत्रालय को निर्देश दिया है कि देश में संवेदनशील जिलों के लिये तीन महीनों में ऐसी रणनीति बनाई जाये जिसका उद्देश्य गहन और उन्नत परिवार कल्याण सेवा प्रदान करना हो।

इन निर्देशों के अनुपालन में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय देश के सबसे अधिक जन्म दर वाले 145 जिलों के लिये जल्द ही “मिशन परिवार विकास” शुरू करेगा। ये 145 जिले सात राज्यों में आते हैं, जहां जन्म दर सर्वाधिक है। ये राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और असम हैं जिनका देश की कुल आबादी में 44 प्रतिशत हिस्सा है। “मिशन परिवार विकास” का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले परिवार कल्याण उपाय के विकल्पों तक पहुंच बनाने में तेजी लाना है, जो सूचना, भरोसेमंद सेवाओं और आपूर्ति पर आधारित हैं।

कुल जन्म दर, सेवाओं की उपलब्धता और बंध्याकरण गतिविधियों के आधार पर 145 जिलों की पहचान की गयी है ताकि फौरी, विशेष और तीव्र प्रयासों के जरिये प्रतिस्थापन जन्म दर को 2025 तक 2.1 के स्तर तक लाया जा सके। हालिया आंकड़ों से पता चला है कि इन 145 जिलों में जन्म दर 3.0 (7 एचएफएस में 261 जिलों के संदर्भ में 56 प्रतिशत) से अधिक या बराबर है। यहां 28 प्रतिशत आबादी (लगभग 33 करोड़) रहती है।

बहरहाल, इन जिलों में भारत के सुरक्षित युगलों का केवल 22 प्रतिशत और आवश्यकता से वंचित भारत के युगलों में से 40 प्रतिशत वास करते हैं। इन जिलों का मातृत्व और बाल स्वास्थ्य संकेतकों पर खासा प्रभाव प़ड़ता है और यहां मातृत्व मृत्यु दर लगभग 25-30 प्रतिशत और शिशु मृत्यु दर 50 प्रतिशत है। इसके अलावा, इनमें से 115 जिलों में किशोर माताओं की संख्या सबसे अधिक, यानी 79 प्रतिशत है।

इस पहल का मुख्य रणनीतिक फोकस सुनिश्चित सेवायें उपलब्ध कराने, नई प्रोत्साहन योजनाओं, सेवा प्रदाताओं के क्षमता निर्माण, कारगर माहौल बनाने, निगरानी और कार्यान्वयन के जरिये गर्भनिरोधकों तक पहुंच में सुधार करना है।

मिशन सभी 145 जिलों में एक साथ शुरू किया जायेगा।

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