- August 21, 2016
मन की बात :- शैलेश कुमार
हाॅ ! ध्यान रहे की जल्दबाजी में आपके मन में जो पत्नी के विरूध तुफान उठ रहा हो उसे दबा दीजिए। उसे साझा करनेे सेे आपकी समस्या बढ़ सकती है। अगर आपकी पत्नी भी ’’ मन की बात ’ सुन रही होगीं तब तो और भी भयानक स्थिति पैदा हो सकती है। इसलिए मैंने आपलोगों को स्पष्ट कर दिया है।
आपलोग मन की बात में कोेई समस्या न भेजें क्योंकि समस्याओं केे लिए आपके चुने हुए प्रतिनिधि सदा तत्पर हैं। उनसे संपर्क करते रहिए। खाते और खिलाते रहिए।
मन की बात में आप महॅगाई की भी चर्चा न करें क्योंकि यह बाजारमंत्री और मेयर का काम है। इन्हें माहवार व्यापारियों और आढ़तीयों से मोटें रकम मिलती रहती है। इसलिए इनके दरवाजें पर डंडा गाड़कर बैठ जायें।
अगर मन में पानी की समस्या उभड़ रही हो तोे आप बिल्कुल व्यक्त न करें क्योंकि प्रकृति ने सारे नदियों की मुॅह दक्षिण दिशा की ओर खोल रखी है। उसे पता है कि लोेगबाग नदियों के प्रवाह की ओर ही बसते हैं। इसलिए पानी की कोई कमी नही है।
अगर फिर भी समस्याऐं है, – तो आपके नल- जल- प्रदाय मंत्री स्नान कक्ष में पानी की प्रवाह में मग्न है, वहाॅ चुपके से जाकर कनेेक्शन काट दीजिए। फिर उनके दरबाजे पर मुर्दाबाद का नारा लगायें । फिर देखिए, चुटकी बजाते ही समस्या समाप्त। इसलिए आप मन की बातों में इसे साझा न करें।
आपके मन में आजकल ’’दाल’’ के कारण सरकार के विरूद्ध आंदोलन करने की ज्वार उठ रहा हो। देखिए! अरहर – फरहर दाल वाहियात है। यह शरीर के लिए बिल्कुल बेकार है। यह घर में सिर्फ तीन महिना ही रहता है शेेष जीवन खेतों के बाडें पर गुजारने के लिए बाध्य है। मुॅग भी उतने फायदेेमंद नहीं है।
हाॅ ! मसूर की दाल शरीर के लिए अमृत है। इसके महॅगाई पर अफसोस है लेेकिन यह आपकी व्यक्तिगत समस्या नहीं है यह देेश की समस्या है और देश की समस्या पैदा करनेवाला निश्चित ही देश द्रोही है। देश द्रोही तो है लेकिन इससे निपटा कैैसे जाय ? यह गंभीर समस्या है क्योंकि यह खेत में उपजता है। शुष्क मौसम सुहागिन समान है।
अगर इंन्द्र दुखी हुए तो सर्वे भवंतु दुखिनः। इसलिए यह न आपके हाथ में है औैर न सरकार के हाथ में। आप सरकार पर दबाव न डालेें क्योंकि दबाव पडते ही वह 20 रूप्ये वाले दाल को 100 रूप्ये में खरीद कर आपको दाल वाले देशों का कर्जदार बना देगा।
हैलो सर! मैं कासिम आपसे बात साझा करना चाहता हॅू।
बोलिए !
सर जी ! मैं कुछ दिनों से व्यग्र हूूूॅ क्योंकि मेरा कुत्ता खो गया है वह मिल नही रहा है। उसके बिना रात-दिन के समान हो गया है। मैं पत्नी से भी ज्यादा प्यार करता था। अब मैं क्या करूॅ !
ये बहुत ही दुख की बात है साथ ही गर्व की भी बात है की मेरे देशवासी इतने संवेेदनशील है कि वे जानवरों कोे भी पत्नी की तरह इज्जत , मान- सम्मान देते है। भले ही भाई -भाई में खून- खराबा हो जाय , माॅ- बाप शतरंज के प्यादे की तरह चलते रहें। इनकी कोई परवाह नही लेकिन अगर कुत्ता खोे जाय तो आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाते हैं।
मैं आपसे सहानुभूति रखता हॅू। आप ये बतायें की आप किस राज्य में रहते हैं ? अगर उत्तरप्रदेेश में हैं तो आजम खान से संपर्क करे वोे ढॅढ़वा देगें। उनको जानवरों कोे ढॅ़ढनेवाला मंत्री ही बनाया गया है।
हैलोे सर ! मै मुस्ताक, दिल्ली, अपनेे मन की बात साझा करना चाहता हॅू, मेरी पत्नी चार दिनों से गायब है। दिल बहुत दुखी है । क्या करूॅ , किसेे कहॅू। दोस्त- यार कहता है दूसरी शादी कर लें। बेफजूल की चिंता मत कर। लेकिन मैं उसके बिना नहीं रह सकता हूं।
देेखिए मुस्ताक जी! मामला बहुत ही गंभीर है।आप दिल्ली में है तो आप मुख्यमंत्री श्री केजरीवाल से मिलेे वे अवश्य ढॅूढ़ देंगें क्योंकि उनका एक भयंकर दुश्मन मोदी जी हैै। उनके राज्य की घटना के लिए वही दोषी होतें है।
(आज की मन की बात समाप्त)