गंगा तट पर स्थित ग्रामों के प्रधानों के राष्ट्रीय सम्मेलन का इलाहाबाद

गंगा तट पर स्थित ग्रामों के प्रधानों के राष्ट्रीय सम्मेलन का इलाहाबाद
पेसूका —————- जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण एवं युवा मामले और खेल मंत्रालय के युवा मामले विभाग के सहयोग से पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ने आज उत्तर प्रदेश सरकार की सहायता से इलाहाबाद में ग्राम प्रधानों के राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।
इस राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य गंगा नदी के तट पर स्थित पांच राज्यों और 52 जिलों के 1651 ग्रामों के ग्राम प्रधानों को एक मंच पर लाना था ताकि वे स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण) के साथ-साथ नमामि गंगे कार्यक्रम के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए अपने गांव को खुले में शौच से मुक्त बनाने के अभियान में मिलकर कार्य कर सकें। 

इस अवसर पर ग्रामीण विकास, पंचायती राज और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर और जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने इलाहाबाद के कंपनी बाग में श्री चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा के समक्ष अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मंत्री महोदय ने ग्रामों को खुले में शौच से मुक्त बनाने और स्वच्छता की इस स्थिति को बनाए रखने के संदर्भ में सभी प्रधानों को स्वच्छता की शपथ भी दिलाई।

इस अवसर पर सुश्री उमा भारती ने नैनी के युनाइटेड कॉलेज ऑफ इंजेनियरिंग एंड मैनेजमेंट में कार्यक्रम स्थल पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संदेश को पढ़ने के साथ सम्मेलन का शुभारंभ किया।

प्रधानमंत्री मोदी के संदेश को पढ़ते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामों को खुले में शौच से मुक्त बनाने के सम्मिलित उद्देश्य के साथ गंगा नदी के तट पर स्थित ग्रामों के ग्राम पंचायतों के सभी प्रतिनिधियों के इलाहाबाद में गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम पर आज उपस्थित होने से अपार खुशी होने का अनुभव हो रहा है।

उन्होंने कहा कि गंगा किनारे के घनी आबादी वाले ग्रामों को स्वच्छ बनाना ही सही मायने में नदियों को प्रदूषण से मुक्त करना और इस क्षेत्र में पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखना इस सम्मेलन का उद्देश्य है।

सुश्री भारती ने कहा कि राष्ट्र के सर्वाँगिण विकास के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हमारा स्वास्थ्य मजबूत हो, हमारी माताएं और बहनें सुरक्षा और सम्मान के साथ जीवन बिताएं और हमारा पर्यावरण स्वच्छ, सुरक्षित हो। इस दिशा में खुले में शौच मुक्त ग्राम प्रथम कदम है। गंगा को स्वच्छ और शुद्ध बनाए रखना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।

इस उद्देश्य के साथ एक मंच पर आकर हम न सिर्फ गंगा किनारे बसे ग्रामों को खुले में शौच से मुक्त बनाने के स्वप्न को साकार करने में मदद करेंगे बल्कि संपूर्ण देश की अन्य नदियों के किनारों को भी खुले में शौच से मुक्त बनाएंगे और सही मायने में स्वच्छता का यही अर्थ है।

सुश्री उमा भारती ने नमामि गंगे की अवधारणा को भी स्पष्ट किया और सभी ग्राम प्रधानों से गंगा जी को स्वच्छ बनाने की अपील की।

पेयजल और स्वच्छता मंत्री ने उल्लेख किया कि स्वच्छ भारत के उद्देश्य को केंद्र और राज्य एक साथ मिलकर कार्य करते हुए हासिल कर सकते हैं। उन्होंने खुले में शौच से मुक्त ग्रामों के महत्व पर बल देते हुए स्वच्छ भारत और नमामि गंगे के महत्व पर भी चर्चा की।

पेयजय और स्वच्छता मंत्रालय के सचिव श्री परमेश्वरन अय्यर ने अपने स्वागत भाषण में ग्रामों को खुले में शौच से मुक्त बनाने की अपील की। उत्तर प्रदेश के मंत्री श्री राजकिशोर सिंह ने स्वच्छ भारत की दिशा में केंद्र सरकार के प्रयासों का स्वागत किया और इसमें राज्य सरकार पूरी मदद देने का आश्वासन भी दिया।

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