- August 18, 2016
वृंदावन में 40 करोड़ रूपये की लागत के एसटीपी का शिलान्यास
उन्होंने बताया कि मथुरा में लक्ष्मीनगर से गोकुल बराज तक 9 किलोमीटर पाइपलाइन के जरिए इस अपशिष्ट जल को मथुरा तेल शोधन संयंत्र के उपयोग के लिए ले जाया जाएगा। इस संबंध में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और इंडियन ऑयल कॉर्पोशन के बीच आज वृंदावन में एक आशय समझौते पर भी हस्ताक्षर हुए। सुश्री भारती ने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिश्न द्वारा अपनाये जाने वाल हाईब्रिड एन्यूटी मोड की मदद से वर्ष 2018 तक मथुरा-वृंदावन में यमुना की शक्ल एकदम बदल जाएगी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली से मथुरा-वृंदावन तक जाने वाले यमुना के प्रदूषित जल को रोकने के हर प्रयास किए जाएंगे। मंत्री महोदया ने कहा कि सिंचाई के क्षेत्र में नई प्रेशर प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से गंगा- यमुना के 60 प्रतिशत पानी की बचत की जा सकेगी, जिसका उपयोग नदी के प्रवाह को बनाए रखने में किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि पिछली 7 जुलाई, 2016 को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने मथुरा में 17 घाटों और 3 शवदाहगृहों के निर्माण का काम शुरू किया था। मथुरा में यमुना की सतह की सफाई के लिए एक ट्रेश स्कीमर भी लगाया गया है।
समारोह को केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री श्री नितिन गडकरी और केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर 300 महिलाओं को उज्ज्वला स्कीम के तहत खाना पकाने की गैस के कनेक्शन भी दिए गए।