- August 8, 2016
मैला उठाने वाली प्रथा मानवता के विरूद्ध :- अध्यक्ष राज्य सफाई कर्मचारी आयोग
जयपुर, 8 अगस्त। राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष श्री गोपाल पचेरवाल की अध्यक्षता में सोमवार को यहां कृषि भवन में स्थित आयोग के कार्यालय में राज्य स्तरीय बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष श्री पचेरवाल ने कहा कि मैला उठाने की प्रथा को कानूनी अपराध घोषित किया जा चुका है। यह प्रथा मानवता के लिए एक अपराध है। इसके लिए जिलाधकारियों के साथ-साथ आमजन और अशिक्षित व निचले तबके के सफाई कर्मचारियों को भी जागरूक करना होगा।
श्री पचेरवाल ने कहा कि सेफ्टी टैंकों की सफाई करते समय प्रायः भीषण दुर्घटनाएं हो जाती हैं। जिसमें सफाई कर्मी की मृत्यु तक हो जाती है। ऎसी स्थिति में मृतक के आश्रितों को मुआवजे की राशि के साथ-साथ नौकरी मिलने का भी प्रावधान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लापरवाही करने वाले ठेकेदारों, निकायों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।
बैठक में राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सचिव श्री टी.आर.मीणा ने कहा कि सफाई कर्मचारियों के हितों के लिए लिए केन्द्र सरकार ने अनेक नियम बना रखे हैं, जिनके सम्बन्ध में जिला कलक्टरों को विस्तार से समझाना होगा।
उनसे अस्वच्छ शौचालयों जहां मैला ढ़ोने के कार्य हो रहे हैं उनकी जानकारी लेकर उन्हें 15 दिन का नोटिस देकर बन्द करवाया जाये। भारत सरकार ने सफाई कर्मचारियों के लाभ और इनकी गरिमा को सुरक्षित रखने के लिए सख्त कानून बनाये हैं, जिसकी अनुपालना करवाना हमारी सबकी जिम्मेदारी है।
श्री मीणा ने कहा कि अगर कहीं सेफ्टी टैंकों की सफाई करवायी जा रही है तो यह आवश्यक है कि सफाई कर्मचारी के पास सुरक्षा के आवश्यक उपकरण जैसे, गमबूट, दस्ताने, मास्क, लम्बी डंडी का झाड़ू आदि हो।
इस दौरान सफाई कर्मी की मृत्यु होने पर 10 लाख के तत्काल मुआवजे का भी प्रावधान है। मैला ढ़ोने के कलंक से मुक्त हुए सफाई कर्मचारियों को 40 हजार का अनुदान तुरन्त मिलता है, साथ ही उसके पुनर्वास की व्यवस्था करना भी सम्बन्धित स्थानीय निकायों की जिम्मेदारी होगी। उन्होंने कहा कि रेल्वे ट्रेकों में अभी भी पुराने तरीकों से सफाई का कार्य किया जा रहा है जो सफाई कर्मचारियों के लिए असुरक्षित और उनकी गरिमा के विरूद्ध है। इसमें सुधार की गुंजाइश है।
बैठक में राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के उपाध्यक्ष श्री चन्द्रप्रकाश टायसन, सचिव श्रीमती संचिता विश्नोई, आयोग के सदस्य श्री दीपक संगत भी उपस्थित थे।