- July 11, 2016
मोतीहारी में कृषि एवं डेयरी विकास केन्द्र की स्थापना
अपने संसदीय क्षेत्र मोतीहारी के पिपराकोठी में कृषि एवं डेयरी विकास केन्द्र के उद्घाटन के मौके पर कृषि मंत्री ने कहा कि यह केन्द्र पशुओं की नस्ल सुधार, प्रजनन, पोषण, स्वास्थ्य प्रबंधन, स्वच्छ दुग्ध उत्पादन और दूध से बनने वाले विभिन्न उत्पादों से संबंधित नवीनतम जानकारी उपलब्ध कराने के साथ–साथ बेरोजगार नौजवानों को प्रशिक्षण भी देगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल में उच्च दुग्ध उत्पादन करनेवाली बेहतरीन गांयें जैसे साहिवाल, थारपारकर और गीर मौजूद हैं। भैंसों में मुर्रा नस्ल के पशु मौजूद हैं जिनका संतति परीक्षित वीर्य इस केन्द्र के माध्यम से लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने भरोसा जताया कि इस इलाके के किसान और अन्य लोग इस केन्द्र का पूरा – पूरा फायदा उठाएंगे।
कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि भारत दूध के उत्पादन के मामले में दुनिया में नंबर वन है, लेकिन अभी भी हमारे पशुओं की उत्पादकता कम है और इनकी वजह हैं अच्छे नस्ल के पशुओं की कमी, चारे की कमी, कुपोषण, दोषपूर्ण प्रबंधन एवं अनियमित प्रजनन आदि। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं के निवारण के लिए इस केन्द्र के वैज्ञानिक लगातार इस क्षेत्र के लोगों को सलाह देते रहेंगे।
कृषि मंत्री ने कहा कि दूसरी हरित क्रांति के लिए एकीकृत खेती को बढ़ावा देना जरूरी क्योंकि इससे किसान की आय के दूसरे रास्ते खुलते हैं। उन्होंने कहा कि दूध का व्यवसाय है एक अकेला व्यवसाय है, जिसमें किसान को लगातार आमदनी होती रहती है। इस मौके पर वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक और अधिकारी मौजूद थे।