- July 9, 2016
15 वर्षीय बालक को टीटीई ने चलती ट्रेन से बाहर फेंका :- मानवाधिकार आयोग
मानवाधिकार आयोग –(दिल्ली) —– 25 जून 2016 कोरोमंडल एक्सप्रेस से बिना टिकट यात्रा कर रहे 15 वर्षीय बालक को टीटीई ने चलती ट्रेन से बाहर फेंका दिया । इस बावत संज्ञान लेते हुए रेलवे बोर्ड के चैयरमेन से 6 सप्ताह में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा है ।
पी० कृष्णा विशाखापत्तनम से कटक पहुंच कर मंचेस्वर रेलवे स्टेशन ( भुबनेश्वर) के समीप अपने साथ हुए घटना को दादा से बताया।
मानवाधिकार आयोग को सम्प्रेषित पत्र में श्री दामोदर सारंगी ने लिखा है की पैसा न होने के कारण टिकट नहीं दिखलाया तो टीटीई ने घूस के लिए तलाशी ली। उसके जेब में रुपया न मिलने से गाली देकर टीटीई ने चलती ट्रेन से धक्का दिया। बुरी तरह से घायल लड़के को स्थानीय लोगो ने बचाया और भुबनेश्वर के नंदनकरन पुलिस स्टेशन को सूचित किया। पुलिस ने घायल युवा को कैपिटल हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती किया। पीड़ित के परिवार ने सरकारी रेलवे पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज किया। जहां बयान में टीटीई के बारे में प्रश्न भी किया गया।
आयोग ने इस घटना को वीभत्स और दुखद बताया। आयोग ने कहा बिना टिकट यात्रा अपराध है लेकिन टीटीई जनता के सेवक हैं और कानूनी तथ्यों के लिए जबावदेह भी। चलती ट्रेन से यात्री को धक्का देना उसके जिंदगी से खिलवाड़ करना है। अधिकारी जब जनता का नेतृत्व कर रहे होते हैं तो उनसे मानवता और संवेदनशीलता की अपेक्षा की जाती है।