- June 17, 2016
टसर रेशम विकास एवं विस्तार योजना
रायपुर————————राज्य सरकार के ग्रामोद्योग विभाग द्वारा टसर रेशम विकास एवं विस्तार योजना के तहत पिछले वित्तीय वर्ष 2015-16 में 14 करोड़ 63 लाख नग कोसा का उत्पादन हुआ। इसमें सात करोड़ 69 लाख नग पालित डाबा कोसा और छह करोड़ 94 लाख नग नैसर्गिक टसर कोसा शामिल है। कोसा उत्पादन से 41 हजार 814 हितग्राहियों को 28 करोड़ 54 लाख रूपए का आय प्राप्त हुआ है।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष 2015-16 में 12 हजार 515 हेक्टेयर क्षेत्र में कृमि पालन करके सात करोड़ 69 लाख नग टसर कोसा (पालित डाबा) का उत्पादन किया गया। इससे बारह हजार 772 हितग्राहियों को 11 करोड़ 54 लाख रूपए का आय प्राप्त हुआ। इसी तरह प्रदेश में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध साल, साजा, अर्जुना, सेन्हा, धौवड़ा और बेर के वृक्षों पर नैसर्गिक रूप से टसर कोसा की रैली, लरिया एवं बरफ प्रजाति का उत्पादन और संग्रहण होता है।
पिछले वित्तीय वर्ष 2015-16 में छह करोड़ 94 लाख नग नैसर्गिक कोसा को उत्पादन हुआ। इससे 29 हजार 042 हितग्रहियों को 17 करोड़ रूपए की आय प्राप्त हुई। प्रदेश के बस्तर (जगदलपुर), कोण्डागांव, नारायपुर, दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा), बीजापुर, उत्तर बस्तर (कांकेर), जांजगीर-चाम्पा, बिलासपुर, कोरबा, सूरजपुर, कोरिया, रायगढ़, जशपुर, रायपुर, गरियाबंद, बलौदाबाजार-भाटापारा, महासमुंद, धमतरी, राजनांदगांव, दुर्ग, बालोद और कबीरधाम जिले में नैसर्गिक कोसा का उत्पादन होता है। प्राकृतिक वनखण्डों में बिना किसी मानवीय सहयोग के नैसर्गिक टसर ककून का उत्पादन को ग्रामीण जनजातियों एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के परिवारों द्वारा संग्रहण कर खुले हाट-बाजारों में विक्रय किया जाता है।