- May 30, 2016
उज्जैन मध्य प्रदेश की आध्यात्मिक राजधानी
रघुनंदन शर्मा ——————- उज्जैन शहर को बड़ी मेहनत से सजाया, संवारा और बनाया है। उज्जैन का यह स्वरूप हमेशा बना रहे, कभी न बिगड़े। उज्जैन धार्मिक पर्यटन का केन्द्र बने और देश-दुनिया के लोगों को यह लगे कि उज्जैन की यात्रा यदि नहीं की तो उनकी यात्रा सफल नहीं होगी।
यह बात मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने क्षिप्रा तट रामघाट पर सिंहस्थ की सफलता में योगदान के लिये उज्जैनवासियों, स्वयंसेवी संस्थाओं, सामाजिक संगठनों और समाज के सभी वर्गों, अधिकारी-कर्मचारियों, स्वयंसेवकों का आभार व्यक्त करते हुए कही।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा धर्म के प्रति आस्था, श्रद्धा और भक्ति का अदभुत नजारा सिंहस्थ में देखने को मिला। सारे रिकार्ड टूट गये। बाबा महाकाल की उज्जैन नगरी अदभुत नगरी है। मैं उज्जैन की जनता का भक्त हो गया हूँ।
सिंहस्थ में उज्जैन की जनता के दरवाजों के साथ ही दिल के दरवाजे भी खोलकर श्रद्धालुओं की सेवा की है। बेटी की शादी की तरह लोगों ने सिंहस्थ के सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ की सफलता का श्रेय बाबा महाकाल की कृपा, सन्तों के आशीर्वाद और उज्जैन की जनता के पुण्यों का ही प्रतिफल है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उज्जैनवासी यहाँ की सड़कें, पुल-पुलिया, मन्दिर और क्षिप्रा के घाट और जल को संजोकर रखें। ओजोनाइजेशन का प्लांट, फव्वारे और लाईटिंग की व्यवस्था भी निरन्तर जारी रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीवेज का पानी क्षिप्रा में मिलने नहीं दिया जायेगा।
इसके लिये 232 करोड़ रूपये की राशि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिये स्वीकृत की गई है। दोनों तटों पर फलदार पौधे लगाये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनों को उज्जैन को स्वच्छ रखने, सुन्दर रखने, पेड़ लगाने और उज्जैन शहर को आगे बढ़ाने का संकल्प भी दिलाया।
कार्यक्रम को मंत्री श्री पारस जैन, राज्य सभा सांसद डॉ.सत्यनारायण जटिया और श्री इकबालसिंह गांधी ने भी सम्बोधित किया।
निरंजनी अखाड़े में उप समितियों व सामाजिक संस्थाओं का सम्मान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान रामघाट पर उज्जैनवासियों का आभार व्यक्त करने के बाद श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा की छावनी में पहुँचे। उन्होंने सिंहस्थ में सराहनीय सेवा देने के लिये सिंहस्थ मेला उप-समितियों के पदाधिकारियों और अन्य सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों का सम्मान किया।