सड़कें समावेशी विकास की वाहक बनें’ :: भांकरोटा में 7.27 हैक्टेयर कृषि भूमि कुर्की

सड़कें समावेशी विकास की वाहक बनें’ :: भांकरोटा में 7.27 हैक्टेयर कृषि भूमि कुर्की

‘सड़कें समावेशी विकास की वाहक बनें’—– सड़क का निर्माण करना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि ये सड़कें क्षेत्र के समावेशी विकास को बढ़ावा दें, स्थानीय निवासियों के सामाजिक-आर्थिक जीवन स्तर को उठाएं और वे भावनात्मक  स्तर पर निर्माण प्रक्रिया से जुडे़ं, सड़कें ज्यादा चलें और रोड़ सेफ्टी के लिहाज से सुरक्षित हों आरआरएसएमपी में सड़कों का निर्माण रिकॉर्ड समय में पूरा करने के साथ ही इन सभी बातों का पूरा ध्यान रखा गया है।ped

सार्वजनिक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री डी.बी.गुप्ता ने विश्वबैंक की सहायता से राज्य में संचालित योजना आरआरएसएमपी (राजस्थान रोड सेक्टर मॉर्डेनाइजेशन प्रॉजेक्ट) की मंगलवार को विश्व बैंक की टीम के साथ यहां होटल द ललित में की गई ‘मिड टर्म समीक्षा’ के दौरान यह बात कही।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि 2014 जनवरी से प्रारम्भ हुई इस योजना में वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार 250 से 499 सामान्य श्रेणी के 99 प्रतिशत गांवों में पक्की सड़कों का निर्माण निर्धारित समय 31 दिसम्बर 2018 से रिकॉर्ड आधे समय में ही पूर्ण कर लिया गया है।

उन्होंने कहा कि यह योजना उन गांवों की सड़कों के लिए संजीवनी साबित हुई जिन्हें पीएमजीएसवाई या अन्य योजनाओं में शामिल करना संभव नहीं था। उन्होंने विश्व बैंक प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि अब 2011 की जनगणना को आधार बनाकर योजना के द्वितीय चरण के लिए सोचा जाना चाहिए।

श्री गुप्ता ने विश्व बैंक प्रतिनिधियों को विभाग की अन्य सड़क परियोजनों पीपीपी, पीएमजीएसवाई, ग्रामीण गौरव पथ एवं निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के विभागीय प्रयासों की भी जानकारी दी। बैठक में श्री गुप्ता ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्माण के बाद सड़कों को सुरक्षित किस प्रकार रखा जाए इसके लिए करने और न करने योग्य बातों के बोर्ड सड़क किनारे लगाए जाएं।

ग्राम सभा में भी यह कोशिश की जानी चाहिए। समझाइश सहमति और स्वेच्छा से अपनी जमीन सड़क निर्माण के लिए देने वाले खातेदारों को सम्मानित करने और नाम पट्टिका लगाने को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। समीक्षा बैठक में इस योजना के अन्तर्गत कराए गए कार्याेंं की गुणवत्ता और समय पूर्व पूर्णता की विश्व बैंक की टीम द्वारा भी प्रशंसा की गई।

विश्व बैंक के टीम टास्क लीडर श्री मैस्फिन डब्ल्यू जीजो ने योजना के क्रियान्वयन की तारीफ करते हुए कहा कि विश्व बैंक योजना में ग्रामीण सड़कों के निर्माण के जरिए विभाग से जुड़ा है लेकिन वे यहीं रूके नहीं रहना चाहते बल्कि विभाग के मॉर्डनाइजेशन एवं सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में भी तेजी से काम करना चाहते हैं। बैठक में योजना से लाभान्वित गांवों के जनप्रतिनिधियों ने सड़क निर्माण के बाद उनके गांवों और आसपास के क्षेत्र में आए सामाजिक-आर्थिक बदलावों की जानकारी दी।

संबंधित क्षेत्र के अभियंताओं ने भी योजना के क्रियान्वयन के दौरान आई समस्याओं और उत्साहवद्र्धक परिणामों की जानकारी विश्व बैंक के प्रतिनिधियों को दी। इस बैठक से पूर्व विश्व बैंक की टीम ने भी योजना के क्रियान्वयन, क्षेत्र में सड़क के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव की जानकारी करने एवं सड़क सुरक्षा की स्थिति की जांच के लिए दस दिन से क्षेत्र में दौरा किया।

सानिवि में विश्वबैंक के परियोजना प्रभारी श्री राजीव अग्रवाल ने योजना की प्रगति से सम्बन्धित एक प्रस्तुतीकरण दिया। समीक्षा बैठक में मुख्य अभियंता प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना श्री एम.के.दवे, मुख्य अभियंता गुणवत्ता नियंत्रण श्री गोपाल लाल माथुर, अन्य विभागीय अभियंता एवं विश्व बैंक के अन्य प्रतिनिधि शामिल हुए। योजना की प्रगति से सम्बन्धित एक प्रदर्शनी भी इस अवसर पर लगाई गई।

भांकरोटा में 7.27 हैक्टेयर कृषि भूमि कुर्की  —————— उप महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक, जयपुर वृत तृतीय, श्रीमती ज्योति चौहान ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा संचालित एमनेस्टी योजना के तहत मंगलवार को बकायादार मोती भवन निर्माण सहकारी समिति के विरूद्ध स्टाम्प ड्यूटी की राशि 39 लाख 10 हजार 540 रुपये बकाया होने पर बकायादार द्वारा स्टाम्प ड्यूटी की राशि जमा नहीं कराने पर उपपंजीयक, सांगानेर प्रथम श्रीमती अंजू शर्मा द्वारा बकायादार की सम्पत्ति ग्राम भांकरोटा तहसील सांगानेर की कृषि भूमि खसरा न. 416, 417, 420 रकबा 7.27 हैक्टेयर की कुर्की की कार्यवाही की गयी ।

उन्होंने बताया कि बकायादार द्वारा बकाया स्टाम्प ड्यूटी की राशि जमा नहीं कराने पर कुर्क शुदा सम्पत्ति की नीलामी की कार्यवाही की जायेगी ।

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