- May 7, 2016
बड़े मारेंगा की स्वसहायता समूह : प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कार योजना
जगदलपुर ——————- महिलाएं चाहें तो क्या नहीं कर सकती, बस आवश्यकता है आत्मविश्वास, कड़े परिश्रम और सही मार्गदर्शन की। सही मार्गदर्शन, कड़े परिश्रम और संगठित प्रयास से यह काम कर दिखाया ग्राम बड़े मारेंगा की महिलाओं ने। बस्तर जिले के तोकापाल विकासखण्ड के ग्राम बड़े मारेंगा की 10 महिलाओं ने स्वसहायता समूह बनाकर लघु व्यवसाय करने की ठानी।
उन्होंने अपने गांव की महिलाओं को संगठित कर स्वसहायता समूह का गठन किया और आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करने वाली एक ऐसी राह पकड़ी, जिसमें उन्हें भरपूर सफलता मिली। अब प्रत्येक सदस्य को हर माह 10 हजार रूपये तक की आमदनी होती है, जिसे देखकर गांव की अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा मिली।
महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा बस्तर जिले की एकीकृत बाल विकास परियोजना तोकापाल के ग्राम बड़ेमारेंगा की महिलाओं को समूह गठन और उनसे होने वाले लाभ के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई, जिससे महिलाओं ने समूह गठन करने का निर्णय लिया तथा 10 महिलाओं ने मिलकर बूंदो महिला स्वसहायता समूह का गठन किया।
समूह की अध्यक्ष श्रीमती भानो तथा सचिव श्रीमती फूलो का समूह द्वारा सर्वसम्मति से चयन किया गया। समूह की नियमावली तैयार कर नियमित बैठक आयोजित करने तथा प्रतिमाह सौ रूपये राशि जमा करने का निर्णय भी किया गया।
बूंदो महिला स्वसहायता समूह को महिला एवं बाल विकास विभाग की छत्तीसगढ़ महिला कोष ऋण योजना से 60 हजार रूपये ऋण स्वीकृत किया गया। महिला स्वसहायता समूह द्वारा ऋण लेकर अपने हिम्मत और मेहनत से शहतूत के पौधे लगाकर ककून देने वाले रेशम के कीड़े को पालने का कार्य प्रारंभ किया, जिससे वर्तमान में प्रत्येक सदस्य को लगभग 8 हजार रूपये से 10 हजार रूपये तक मासिक आमदनी हो रही है।
स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती भानो ने बताया कि वे इस कार्य से बहुत खुश है और अपनी मेहनत से न केवल महिलायें आत्मनिर्भर हुई हैं , परिवार की आर्थिक स्थिति भी सुधरी है । समूह की सचिव श्रीमती फूलो ने बताया कि इस काम से ना केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है बल्कि उन्हें इस कार्य से आत्मिक संतुिष्ट भी मिलती है कि वे अपने पैरों पर खड़ी है। है। उन्होंने कहा कि इस कार्य से मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है और वे चाहती हैं कि क्षेत्र की अन्य ग्रामीण महिलाएं इस प्रकार समूह बनाकर अपना व्यवसाय करें और आत्मनिर्भर बनकर अपने आत्मसम्मान को बढ़ाए।
बूंदो स्व-सहायता समूह की कामयाबी को देखने के बाद ग्राम के अन्य महिलाओं ने भी समूह का गठन किया है और अब ये महिलाएं प्रकृति के बीच में रहकर शहतूत के पौधों व इसमें लगे कोकून की देखरेख करते हुए साल में प्रति सदस्य लगभग एक लाख रूपये की आमदनी प्राप्त कर रही है। बूंदो स्व सहायता समूह महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता की मिसाल है।
उल्लेखनीय है कि महिला एवं बाल विकास विभाग की छत्तीसगढ़ महिला कोष ऋण योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 में बस्तर जिले में 161 स्वसहायता समूहों को 36 लाख 90 हजार रूपये का ऋण स्वीकृत किया गया है।
प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कार योजना————– प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कार योजना-2016 के तहत् श्रम रत्न, श्रम भूषण, श्रम वीर/वीरांगना, श्रम श्री/श्रीदेवी अवार्डों के लिए भारत सरकार के श्रम मंत्रालय द्वारा इस संबंध में नामांकन राज्य शासन के माध्यम से 31 अगस्त 2016 तक भिजवाये जाने के निर्देश प्राप्त हुए है।
श्रम पदाधिकारी, जगदलपुर द्वारा जानकारी दी गई है कि जिले के संस्थानों को पत्र प्रेषित किया गया है कि वे अपने संस्थानों में काम करने वाले ऐसे कामगार जो श्रम रत्न, श्रम भूषण, श्रम वीर/वीरांगना, श्रम श्री/देवी अवार्डों के लिए निर्धारित पात्रता की योग्यता रखते हैं, तो उनका नामांकन प्रस्ताव निर्धारित प्रपत्र में अनुशंसा के साथ 31 अगस्त 2016 के पूर्व श्रम पदाधिकारी कार्यालय, जगदलपुर या श्रमायुक्त कार्यालय, रायपुर को भेजने की व्यवस्था करें।
उल्लेखनीय है कि अवार्डों में श्रम रत्न अवार्ड-1, पुरस्कार राशि 2 लाख रूपये, श्रम भूषण-4 पुरस्कार राशि एक लाख रूपये, श्रमवीर/वीरांगना-12 पुरस्कार राशि 60 हजार रूपये एवं श्रम श्री/श्रमदेवी अवार्ड-16 पुरस्कार राशि 40 हजार रूपये दिये जाएंगे।