- April 26, 2016
क्षिप्रा नदी जल : स्वच्छ, निर्मल बनाये रखने के लिए प्रबंध किये जायेंगे
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सिंहस्थ कुंभ महापर्व के बाद भी क्षिप्रा के सदैव छल-छल, कल-कल बहती रहने और नदी के जल को हमेशा स्वच्छ, निर्मल बनाये रखने के लिए सभी जरूरी प्रबंध किये जायेंगे। इसके साथ ही गंदे पानी को नदी में नहीं मिलने दिया जाएगा। जहाँ आवश्यक होगा वहाँ ट्रीटमेंट प्लांट लगाये जायेंगे और पानी को साफ किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज उज्जैन में क्षिप्रा तट पर महाआरती के पहले श्रद्धालुओं को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षिप्रा तट के दोनों किनारों पर ऐसे वृक्षों का रोपण किया जाएगा, जो वर्षा का जल अवशोषित करते हैं और बाद में उसका धीरे-धीरे नदी में रिसाव होता है। इससे नदी में हमेशा जल की आपूर्ति होती रहेगी और नदी निरंतर प्रवाहमान रहेगी।
मुख्यमंत्री ने क्षिप्रा के दोनों तट पर मौजूद जनसमूह को संकल्प दिलाया कि क्षिप्रा को स्वच्छ, निर्मल बनाये रखने में सभी सहयोग करेंगे। जनसमूह ने दोनों हाथ उठाकर क्षिप्रा जल को स्वच्छ बनाये रखने का संकल्प लिया। श्री चौहान ने कहा कि मैं शासक न होकर मैं प्रदेश का सेवक हूँ और संतों के दिखाये सदमार्ग पर चलकर जनता की सेवा में तत्पर रहूँगा।
महामण्डलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान एक अच्छे प्रशासक ही नहीं उपासक भी है। आध्यात्मिक संत श्री मुरारी बापू ने कहा कि मुख्यमंत्री बहुत ही सरल एवं सहज हैं।
महाआरती स्थल पर धार्मिक आयोजन भी हुए, जिसमें विदेशी श्रद्धालु भी शामिल हुए। इस अवसर पर परम पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनिजी महाराज, हरिगिरि महाराज, रघुमुनिजी महाराज, केन्द्रीय सिंहस्थ समिति के अध्यक्ष श्री माखन सिंह, सांसद श्री चिन्तामणि मालवीय, श्री इकबाल सिंह गांधी, साधु-संत उपस्थित थे।
महाआरती के बाद मंहत श्री हरिगिरि महाराज ने श्रद्धालुओं का आव्हान किया कि पुण्य-दायिनी क्षिप्रा के तटों पर अपने पूज्य माता-पिता की स्मृति में वृक्षारोपण करें। उन्होंने श्रद्धालुओं से पौधों की रक्षा का संकल्प लेने और भविष्य में वृक्ष न काटने का आग्रह भी किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान सपत्नीक साधारण नागरिक के रूप में महाआरती में शामिल हुए। उन्होंने मोक्षदायनी माँ क्षिप्रा की आरती कर संतों का आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश की खुशहाली और समृद्धि की कामना की।
श्रीकांत