- April 14, 2016
लीजधारी व्यक्ति ‘फ्री होल्ड‘ का मालिक
जयपुर —-नगरीय विकास विभाग द्वारा शहरी क्षेत्र में लीजधारी व्यक्तियों को राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए ‘फ्री होल्ड‘ का अधिकार प्रदान करने हेतु राजस्थान नगर सुधार न्यास (शहरी भूमि निष्पादन) नियम 1974 में व्यापक फेरबदल किया गया है। इन प्रावधानों को मंत्रीमण्डल द्वारा मंजूरी प्रदान की जा चुकी है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, नगरीय विकास विभाग श्री अशोक जैन ने बताया है कि इस संबंध में विधि विभाग द्वारा अधिूसचना का अनुमोदन आज कर दिया गया है। जिसकी नगरीय विकास विभाग द्वारा शीघ्र ही अधिसूचना जारी की जायेगी।
उन्होने बताया कि अधिसूचना के पश्चात् कोई भी व्यक्ति एकमुश्त राशि का भुगतान करने के बाद ‘मालिकाना हक‘ अर्थात फ्री होल्ड पट्टा प्राप्त कर सकेगा। इससे पूर्व 99 वर्षीय लीज के लिए 8 वर्ष की लीज राशि एकमुश्त जमा कराने पर लीज फ्री के अधिकार प्राप्त होते थे। अब भूखण्ड का आवासीय होने पर एकमुश्त लीज राशि का सवा गुणा व व्यावसायिक होने पर एक मुश्त लीज राशि का डेढ गुणा जमा करा ‘फ्री होल्ड‘ पट्टा भी प्राप्त किया जा सकेगा।
उन्होने बताया है कि संशोधित प्रावधानों के तहत जिन्होने पूर्व में एकमुश्त लीज राशि जमा करा रखी है, वह भी शेष राशि जमा कराकर अपनी लीज होल्ड को ‘फ्री होल्ड‘ करा सकेगे। इसके लिए आवासीय मामलो में एक मुश्त लीज राशि का 25 प्रतिशत व व्यावसायिक लीज के मामलो में 50 प्रतिशत राशि अतिरिक्त जमा करानी होगी। उन्होने बताया कि इसके अलावा नियमों में किये गये अन्य बदलावों के तहत विकलांगो का आवासीय योजनाओं में आरक्षण 2 प्रतिशत के बजाय 3 प्रतिशत होगा।
इसके अतिरिक्त किसी व्यक्ति द्वारा किसी योजना में भूखण्ड आवंटन के पश्चात् भूखंड का बेचान कर देने पर वह भविष्य में अन्य किसी योजना में आवंटन की पात्रता नही रखेगा। इसी प्रकार अब किसी व्यक्ति को आवंटित भूखण्ड को किसी अन्य को हस्तांरित करने की 5 वर्ष तक कोई अनुमति नहीं होगी तथा 5 वर्ष के पश्चात् परन्तु 10 वर्ष पूर्व हस्तांतरण पर रिजर्व प्राइस का 5 प्रतिशत शुल्क संबंधित निकाय में जमा कराना होगा।