- March 15, 2016
एनसीपीसीआर 9वां स्थापना दिवस : कानून के शिकंजे में आए बच्चों को समर्पित
सदस्य ,बाल कानून श्री यशवंत जैन ने किशोर न्याय अधिनियम में परिवर्तन की चर्चा की । उन्होंने कहा कि संशोधित अधिनियम में प्रत्येक जिले में किशोर न्याय बोर्ड तथा बाल कल्याण समिति बनाने का प्रावधान है। किशोर न्याय बोर्ड गंभीर अपराध के मामले में 16 वर्ष या इससे ऊपर के किशोरों को वयस्क मान सकता है और ऐसे मामलों में भारतीय दण्ड संहिता के प्रावधान लागू हो सकते हैं । उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग बाल अधिकारों का हनन करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कारर्वाई करेगा।
सदस्य, शिक्षा श्री प्रियंक कानूनगो ने कहा कि जीवन में प्रगति करने के लिए कौशल प्रशिक्षण विशेषकर व्यावसायिक प्रशिक्षण है। उन्होंने कहा कि आयोग को सुधार गृह में रहने वाले बच्चों को गुणवत्तासंपन्न व्यावसायिक प्रशिक्षण चाहिए।
सदस्य, स्वास्थ्य रूपा कपूर काउन्सलिंग की भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बेहतर और साकारात्मक भविष्य के लिए बच्चों की काउन्सलिंग महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि सुधार गृह में रह रहे बच्चों को प्रशिक्षित पेशेवर लोगों द्वारा काउंसलिंग की जाए।
इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के भारतीय क्रिकेटर श्री गौतम गंभीर सम्मानित अतिथि थे। उनके साथ बच्चों का संवाद हुआ। इस दौरान बच्चों ने कुछ दिलचस्प सवाल किए। श्री गौतम गंभीर ने बच्चों को भारत का जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए साकारात्मक काम में लगने के लिए प्रेरित किया।