- March 14, 2016
मु०जल स्वा० अभियान : रफ्तार पर है जल संरचनाओं का सृजन :- डॉ. दीपक आचार्य उप निदेशक
उदयपुर (सूचना एवं जनसम्पर्क )———— उदयपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत जल संरक्षण से संबंधित तमाम प्रकार की गतिविधियां जोरों पर चल रही हैं।
परंपरागत और पुराने जलस्रोतों को आबाद करने, उनकी जल भण्डारण क्षमता को बढ़ाने तथा इनके दीर्घकालीन संरक्षण-संवर्धन के उपायों को अमल में लाने के साथ ही ग्राम्य उपयोग के लिए आवश्यकता के अनुरूप नई जल संरचनाओं के सृजन का दौर भी रफ्तार पर है।
अपने गांव में पानी का पक्का बन्दोबस्त करने के लिए पुराने और नवीन जलाशयों के लिए हो रहे कामों को लेकर ग्रामीणों में खासा उत्साह पसरा हुआ है तथा उनकी भागीदारी ने जल स्वावलम्बन के कामों को गति दी है।
गांवों में यह अभियान अब पानी के उत्सव का रूप ले चुका है जहाँ मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत चिह्नित गांवों में ग्रामीण समूह के रूप में आ-आकर श्रमदान के रूप में अपनी सहभागिता निभा रहे हैं।
देखने लायक है ग्राम्य वनिताओं का उत्साह
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन के कामों में ग्रामीण महिलाओं का योगदान बहुत बड़ा सम्बल बना हुआ है। गांवों में हर महिला का अरमान है कि उसे पीने के लिए दूर से पानी नहीं लाना पड़े, घर के पास ही पेयजल का स्रोत व अपने मवेशियों के लिए पानी उपलब्ध हो तथा खेती-बाड़ी के लिए भी पानी मिल जाए तो बहुत अच्छा।
ग्राम्य महिलाओं के लिए गर्मियों के दिनों में पानी बहुत बड़ी समस्या बना रहता है जो भीषण गर्मी में कष्टकारी होने के साथ ही समय तथा श्रम साध्य होता है।
इन ग्राम्य वनिताओं को इस अभियान के प्रति पक्का भरोसा हो चला है कि यह अभियान उनकी ढेरों समस्याओं का खात्मा करने वाला सिद्ध होगा। यही कारण है कि जल स्वावलम्बन के अन्तर्गत चल रहे कामों को गांव की महिलाएं अपना काम समझ कर पूरे उत्साह से श्रमदान में हिस्सा ले रही हैं।
गांवों में हो रहे सामूहिक श्रमदान में जिलास्तर से लेकर ग्राम्य स्तर तक की महिला राज्यकर्मी और आम ग्रामीण महिलाएं गैंती-फावड़े और तगारे लेकर जुट रही हैं। इनमें महिला होमगार्ड तथा महिला पुलिस के साथ ही स्कूल-कॉलेजों की छात्राएं और आम ग्रामीण महिलाएं शामिल हैं।
अब खिल उठेगा बूझा एनिकट
जिला प्रशासन तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से हो रहे सामूहिक श्रमदान में महिलाएं पूरा दमखम दिखा रही हैं। हाल ही महिला दिवस पर जिले के ऋषभेदव क्षेत्र के गड़ावत गांव में 45 स्वयं सहायता समूहों की सैकड़ों महिलाओं ने चंद घण्टों के श्रमदान से बूझ वाला एनिकट की पूरी की पूरी पाल का निर्माण कर दिखा दिया कि गांव की महिलाएं किसी से कम नहीं।
यह एनिकट टूट चुका था मगर करीब एक हजार महिलाओं ने मेहनत का कमाल दिखाते हुए इसे आकार दे डाला। अब जब भी बारिश होगी, बूझा एनिकट पानी से लबालब होकर खिल उठेगा।
सबका एक ही लक्ष्य, बरसात से पहले पूरे हों सारे काम
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत गांवों में जल संरक्षण के कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता से चल रहे हैं। सभी इसी लक्ष्य को लेकर काम कर रहे हैं कि इन कामों को बरसात से पहले पूर्णता दे दी जाए ताकि बरसात में उनकी मेहनत का फल सामने आए और गांव-गांव पानी के मामले में आत्मनिर्भरता पा सकें।
ऎसा हो जाने पर ग्रामीण विकास की दूसरी सभी गतिविधियां अपने आप अंकुरित, पल्लवित और पुष्पित होने लग जाएंगी तथा ग्राम्य स्वरूप निखर उठेगा। सभी लोग इसी मंशा को लेकर जुटे हुए हैं। अब तक विभिन्न स्थानों पर कई जल संरचनाओं का निर्माण पूरा हो चुका है तथा शेष कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं।
सर्वोच्च प्राथमिकता से हो रहे हैं काम
जिला कलक्टर श्री रोहित गुप्ता बताते हैं कि इस समय जिला प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान को पहली प्राथमिकता के साथ संचालित किया जा रहा है। बहुत सारे काम पूर्ण हो चुके हैं तथा शेष कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रबन्ध सुनिश्चित किए गए हैं। इनमें जन प्रतिनिधिगण, अधिकारी और कार्मिक इसमें पूरे मनोयोग से जुटे हुए हैं। इस कार्य में ग्रामीण जनता की व्यापक एवं उत्साहजनक भागीदारी सामने आयी है।
रोजाना मोनिटरिंग जारी
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अविचल चतुर्वेदी के मुताबिक उदयपुर जिले में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के कार्यों को 30 जून से पूर्व हर हाल में पूर्ण कर लेने के लिए रोजाना मोरिटरिंग की जा रही है। उन्होंने पक्के विश्वास से कहा कि उदयपुर जिला इस मामले में अव्वल रहने वाला है।