• March 7, 2016

आहत को राहत का अहसास, मिला राज का सहारा – डॉ. दीपक आचार्य उप निदेशक

आहत को राहत का अहसास, मिला राज का सहारा – डॉ. दीपक आचार्य उप निदेशक

उदयपुर  ———(सूचना एवं जनसंपर्क) ———आम जन के कल्याण और सामाजिक सरोकारों की पूर्ति की दिशा में राज्य सरकार के प्रयास उत्तरोत्तर सफलता पाते जा रहे हैं। सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन से लेकर जरूरतमन्दों को वांछित मदद की बात हो या फिर हर वर्ग के लिए जरूरी प्रोत्साहन और सम्बलन की, सरकार की इन योजनाआें और कार्यक्रमों का लाभ पाने वाले लोगों और परिवारों की संख्या निरन्तर बढ़ती जा रही है।KUMS Udaipur  (1)

सामुदायिक कल्याण और आंचलिक विकास के साथ ही व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं ने जन-जन को राहत, सम्बल और सुकून का अहसास कराया है। इन्हीं में है राजीव गांधी कृषकसाथी  योजना।  यह राहतकारी योजना किसान परिवारों के लिए सम्बल का अहसास करा रही है। इसका क्रियान्वयन कृषि विपणन विभाग की ओर से कृषि उपज मण्डी समितियों के माध्यम से किया जा रहा है।

जनहितकारी सरकार की यह योजना यह साफ संकेत देती है कि सरकार गाँव में बैठे गरीब किसानों और आदिवासियों के लिए अत्यन्त संवेदनशील है जिनके परिवार में किसी भी व्यक्ति की खेती-बाड़ी या वन उपज संग्रहण का कार्य करते समय दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है अथवा अंग भंग।

यह है प्रावधान

मृत्यु हो जाने पर मण्डी समिति द्वारा 2 लाख रुपए की सहायता प्रदान की जाती है।  इस योजना के प्रावधानों के अनुसार दो अंग कट जाने पर अथवा रीढ़ की हड्डी टूटने, सिर पर चोट से कोमा में जाने पर 50-50 हजार रुपए दिए जाने का प्रावधान है। सिर के बालों की डी-स्केल्पिंग होने पर 40 हजार रुपए,  सिर के बालों की आंशिक डी-स्केल्पिंग हो जाने पर तथा एक अंग भंग हो जाने पर 25-25 हजार रुपए का प्रावधान है।

इसी प्रकार चार अंगुली कट जाने पर 20 हजार रुपए, तीन अंगुली कट जाने पर 15 हजार रुपए, दो अंगुली कट जाने पर 10 हजार  रुपए, एक अंगुली कट जाने पर 5 हजार तथा मण्डल प्रांगण में हमाल का काम करते हुए फ्रेक्चर होने पर 5 हजार रुपए की सहायता दी जाती है। मृत्यु के मामले में एफ.आई.आर. एवं पोस्टमार्टम जरूरी है।

उदयपुर कृषि उपज मण्डी समिति अव्वल

इस योजना के क्रियान्वयन में उदयपुर कृषि उपज मण्डी समिति अव्वल है जिसके द्वारा उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है। कृषि उपज मण्डी समिति उदयपुर के सचिव श्री भगवानसहाय जाटव बताते हैं कि इस योजना में जिले भर में अब तक एक करोड़ की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है। शोक और दुःख की घड़ी में दो लाख की धनराशि हिम्मत बंधवाने के साथ ही सम्बल भी देती है।

समिति करती है पहल

श्री जाटव बताते हैं कि जानकारी मिलने पर मण्डी समिति पहल करते हुए संबंधित क्षेत्र जन प्रतिनिधियों व कार्मिकों का सहयोग लेकर औपचारिक कार्यवाही की जाकर सहायता राशि घर पहुंचायी जाती है।

सचिव के अनुसार उदयपुर जिले में इस योजना के अन्तर्गत इस वर्ष फरवरी तक 83 कृषक परिवारों को 1 करोड़ 26 लाख 55 हजार रुपए की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है।

दुःख-दर्द में सहभागी संवेदनशील सरकार

इनमें से कई किसान स्त्री-पुरुषों की मृत्यु खेत में काम करते समय साँप अथवा अन्य जहरीले जानवर के काटने से हो गई जबकि कुछ की कूए में डूबने, बैल द्वारा सिंग मार देने अथवा बिजली के करंट से मृत्यु हो गई।

इनके आश्रितों को कृषि उपज मण्डी समिति द्वारा प्रदान की गई आर्थिक सहायता राशि ने सम्बल भी दिया और सरकार की सामाजिक सरोकारों के प्रति समर्पित भावना से रूबरू भी कराया। ये सभी किसान परिवार सरकार के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते नहीं अघाते।

मिला राज का सहारा

उदयपुर जिले की सेमारी तहसील अन्तर्गत कुराड़िया गांव की श्रीमती हीरी पटेल एवं उदावत फलां, धनकावाड़ा की श्रीमती पारू, सराड़ा तहसील में मालवा, परसाद की श्रीमती निरमा मीणा और धावड़िया, महुवाड़ा की श्रीमती मोती बाई पटेल,  गिर्वा तहसील अन्तर्गत भागल, जगत की श्रीमती रतु बाई पटेल और पातुखेड़ा, फीला, कुराबड़ की श्रीमती भूरी बाई पटेल, गोगुन्दा तहसील के गांव मजाम, पोस्ट- बडगुन्दा की श्रीमती जवेरी बाई और गमेती गांव की श्रीमती पनकी हों या फिर झाड़ोल (फलासिया) तहसील अन्तर्गत मुण्डावली गांव की श्रीमती सकुड़ी वडेरा,  इन सभी की जिन्दगी में वैधव्य का पहाड़ सा दुःख आ पड़ा जब कृषि कार्य के दौरान दुर्घटना हो जाने से पति की मृत्यु हो गई।  सरकार ने इन्हें 2-2 लाख रुपए आर्थिक सहायता देकर सहारा दिया।

आज ये ग्राम्य महिलाएं लाख-लाख धन्यवाद देती हुई कहती हैं कि उनकी अभावों भरी जिन्दगी में यह सरकारी सहायता जीवनदायी सिद्ध हुई है।

किसानों के प्रति हमदर्दी सराहनीय

सलुम्बर तहसील अन्तर्गत  भई अदकालिया गांव में अपने खेत में घास काटते समय साँप काटने से पुत्री जशोदा की मृत्यु से आहत पिता धनराज मीणा और दातरड़ी (कडुणी) निवासी नीमा मीणा की बिजली तार गिर जाने से मृत्यु पर शोक संतप्त पिता चौखा मीणा कहते हैं कि मृत पुत्री को तो वापस नहीं लाया जा सकता किन्तु सरकार ने दुःख की इस घड़ी में जो सहयोग दिया है वह किसानों के प्रति सरकार की हमदर्दी का प्रतीक है।

इसी प्रकार सर्प दंश से अपना पुत्र खो चुके गिर्वा तहसील अन्तर्गत काया पंचायत के किटोड़ा निवासी  लखम सिंह भी 2 लाख की सहायता राशि पाकर सरकार का आभार जताते हुए नहीं चूकते।

किसान भी रहें जागरुक

खेत में काम करते हुए सर्प काटने से अपनी पत्नी खो चुके प्रकाश मीणा(पडुणा फला) एवं प्रकाश वडेरा(ढढावली) तथा माँ खो चुके विक्रमसिंह(भबराना) भी राजीव गांधी कृषक साथी योजना में प्राप्त 2-2 लाख की सहायता राशि पाकर कहते हैं कि सरकार सामाजिक सेवा और सुरक्षा के सरोकारों में कहीं पीछे नहीं है, इस योजना का लाभ पाने के लिए खुद किसानों को भी जागरुक रहना होगा।

Related post

साइबर अपराधियों द्वारा ‘ब्लैकमेल’ और ‘डिजिटल अरेस्ट’ की घटनाओं के खिलाफ अलर्ट

साइबर अपराधियों द्वारा ‘ब्लैकमेल’ और ‘डिजिटल अरेस्ट’ की घटनाओं के खिलाफ अलर्ट

गृह मंत्रालय PIB Delhi——–  राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर साइबर अपराधियों द्वारा पुलिस अधिकारियों,…
90 प्रतिशत से अधिक शिकायतों का निपटारा किया गया : निर्वाचन आयोग

90 प्रतिशत से अधिक शिकायतों का निपटारा किया गया : निर्वाचन आयोग

कांग्रेस और भाजपा को छोड़कर अन्य पार्टियों की ओर से कोई बड़ी शिकायत लंबित नहीं है…
अव्यवस्थित सड़क निर्माण भी विकास को प्रभावित करता है

अव्यवस्थित सड़क निर्माण भी विकास को प्रभावित करता है

वासुदेव डेण्डोर (उदयपुर)———– देश में लोकसभा चुनाव के तीसरे फेज़ के वोटिंग प्रक्रिया भी समाप्त हो…

Leave a Reply