- January 29, 2016
सपाई ने हेयर कटिंग सैलून पर हमला किया
लखनऊ -(अनिल यादव) — रिहाई मंच के चार सदस्यीय जांच दल ने कल मुंशी पुलिया स्थित मो0 अलीम के पिता की दुकान जम-जम हेयर कटिंग सैलून का दौरा किया। जांच दल में शामिल शाहनवाज आलम, शकील कुरैशी, दिनेश चौधरी और अनिल यादव ने स्थानीय लोगों से बातचीत की और पाया कि दुकान में तोड़-फोड़ पुलिस के सामने हुई। पुलिस की भारी मौजूदगी के बावजूद हमलावरों को रोकने के बजाए पुलिस ने उनका साथ दिया। ये पूछने पर कि किन लोगों ने दुकान पर हमला किया लोगों ने जांच दल को बताया कि इसमें सपा से जुड़े युवजन सभा के कुछ कार्यकर्ता थे।
रिहाई मंच ने शासन से मो0 अलीम की दुकान में तोड़-फोड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और मुआवजे की मांग करते हुए घटना स्थल से दस मीटर दूर स्थित पुलिस चैकी के प्रभारी को तोड़फोड़ करने वालों का साथ देने के लिए निलम्बित किए जाने की मांग की है। जांच दल ने कहा कि अल्पसंख्यकों पर हमला करने का जो घृणित कार्य बजरंग दल-शिवसेना जैसे सांप्रदायिक संगठन करते हैं ठीक उसी नक्शेकदम पर चलते हुए सपा के अराजक तत्वों ने किया। जो पुष्ट करता है कि सपा सांगठनिक रुप से सांप्रदायिक राजनीतिक दल है।
रिहाई मंच ने आतंकी संगठन आईएस से कथित तौर पर जुड़े लोगों की उत्तर प्रदेश से गिरफ्तारी को खुफिया एजेंसियांे द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुसलमानों की छवि बिगाड़ने की साजिश का हिस्सा बताया है। संगठन ने आशंका व्यक्त की है कि खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां मोदी सरकार के खिलाफ बढ़ रहे चैतरफा आक्रोश से ध्यान हटाने के लिए 26 जनवरी के आस पास देश में विस्फोट करा कर तबाही मचा सकती हैं। रिहाई मंच ने सपा सरकार को चेतावनी दी है कि यदि आतंकवाद के नाम पर बेगुनाहों की गिरफ्तारियां नहीं रुकीं तो उसे बड़े आंदोलन का सामना करना पड़ेगा।
आईएसआईएस के नाम पर पिछले दिनों 6 राज्यों से 15 युवकों की गिरफ्तारी पर रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि आईएसआईएस के नाम पर भाजपा सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के जरिए मुस्लिमों का उत्पीड़न कर रही है। उन्होंने कहा कि ठीक इसी तरह गुजरात में मोदी और खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकी संगठनों का हौव्वा खड़ाकर मुस्लिमों का फर्जी एनकाउंटर किया ठीक वहीं काम अब आईएसआईएस के नाम पर किया जा रहा है।
रिहाई मंच द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में मंच के अध्यक्ष एडवोकेट मुहम्मद शुऐब ने कहा है कि मोदी के लखनऊ दौरे के दिन जिस तरह लखनऊ से विडियो फोटोग्राफी का काम करने वाले और नाई के बेटे स्नातक तृतीय वर्ष के छात्र मो0 अलीम को आईएस का आतंकी बताकर पकड़ा गया वह साबित करता है कि मोदी सरकार अपने खिलाफ बढ़ रहे गुस्से को भटकाने के लिए अब गुजरात की तर्ज पर आतंकवाद के नाम पर बेगुनाहों के फर्जी मुठभेड़ और गिरफ्तारियों की पुरानी आपराधिक रणनीति पर उतर आई है।
मुहम्मद शुऐब ने कहा कि इस मामले में पुलिस के हवाले से मीडिया द्वारा यह लगातार बताया जा रहा है कि अभी लखनऊ में दो और आईएस आतंकी छुपे हुए हैं, जो कि खुफिया और सुरक्षा एजंेसियों द्वारा अपनी कहानी को और मार्केटेबल बनाने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि 26 जनवरी के आस-पास पहले से अपने पास गैर कानूनी हिरासत में मौजूद किसी बेगुनाह मुस्लिम को या तो फर्जी एनकाउंटर में मारा जा सके या विस्फोटकों के साथ गिरफ्तार दिखाया जा सके।
उन्होंने सवाल उठाया कि किसी नए बेगुनाह मुस्लिम युवक को आतंकी बताकर फंसाने से पहले एटीएस को यह बताना चाहिए कि पिछले दिनों अदालत से बरी हुए चार बंगाली मुस्लिम युवकों के पास से उसने जो एके सैतालिस, चार किलो आरडीएक्स और दर्जनों की संख्या में डेटोनेटर बरामद कराया था वह उसे संघ परिवार ने दिया था या खुफिया विभाग ने?
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और संघ परिवार के करीबी अजित डोभाल इस समय देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं। जिन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले विवेकानंद फाउंडेशन, संघ और खुफिया विभाग के अपने नेटवर्क के जरिए मोदी की रैलियों के दौरान विस्फोट कराकर सामान्य हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण भाजपा की तरफ कराया था। जो अब एनएसए की हैसियत से यही सब ज्यादा खुलकर और आक्रामक तरीके से कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट की देख-रेख में आतंकवाद के नाम पर हुई घटनाओं और फर्जी गिरफ्तारियों की जांच कराई जाए तो उसमें डोभाल जैसे तमाम संघी खुफिया अधिकारियों की भूमिका उजागर हो सकती है।
प्रेस विज्ञप्ति में रिहाई मंच नेता राजीव यादव ने कहा है कि अभी पिछले दिनों ही रिहाई मंच के प्रयास से हूजी के आतंकी बताकर पकड़े गए चार बंगाली युवक साढ़े आठ साल जेल में बिताने के बाद निर्दोष साबित हो कर छूटे हैं। लेकिन खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां इनसे सबक सीखने के बजाए और भी फर्जी गिरफ्तारियां करके अपनी विश्वसनियता खत्म कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश से हुई गिरफ्तारियों में प्रदेश एटीएस के भी शामिल रहने ने साबित कर दिया है कि बेगुनाहों के फंसाए जाने के इस मुस्लिम विरोधी अभियान में सपा सरकार भी शामिल है। जिसने अपने विधानसभा चुनाव में आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों को छोड़ने का झूठा वादा किया था।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद से लड़ने के नाम पर बेगुनाहों को फंसाने की योजना पर सपा और भाजपा मिलकर काम कर रही हैं इसीलिए एक तरफ एटीएस गिरफ्तार युवकों पर मुजफ्फरनगर में हुए मुसलमानों के जनसंहार का बदला लेने की योजना बनाने का झूठा आरोप लगा रही है तो दूसरी तरफ सपा सरकार मुजफ्फरनगर जनसंहार की जांच करने वाली सहाय कमीशन की रिपोर्ट पर अमल न करके दोषियों को बचा रही है। राजीव यादव ने मुसलमानों से अपील की है कि 26 जनवरी के आस-पास अकेले न घूमें क्योंकि खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां सपा और भाजपा के एजेंडे को बढ़ाने के लिए उन्हें आईएस का आतंकी बता कर पकड़ सकती हैं।
शाहनवाज आलम
(प्रवक्ता, रिहाई मंच)
09415254919
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