- June 30, 2019
984 दुग्ध सहकारी समिति के माध्यम से 28 हजार कृषक परिवारों से प्रतिदिन दोनों पाली में दुग्ध प्राप्त
छत्तीसगढ़ ———राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ मर्यादित जो कि सहकारिता में पंजीकृत समिति है, चालीस हजार 428 दुग्ध उत्पादक कृषक दुग्ध प्रदायगी हेतु पंजीकृत हुए हैं। वर्तमान में 984 दुग्ध सहकारी समिति के माध्यम से 28 हजार कृषक परिवारों से प्रतिदिन दोनों पाली में दुग्ध प्राप्त हो रहा है।
इस वर्ष की अधिकतम दुग्ध प्राप्ति एक लाख 20 हजार लीटर प्रतिदिन हुई जबकि न्यूनतम एक लाख लीटर के साथ औसत दुग्ध संग्रहण एक लाख 8 हजार लीटर दुग्ध संयंत्र में संग्रहण कर प्रसंस्करण पश्चात उपभोक्ताओं को देवभाग ब्राण्ड के साथ उच्च गुणवत्ता आई.एस.ओ प्रमाणित एवं एफ.एस.एस.ए.आई मानकों के अनुरूप गुणवत्ता के तरल दूध एवं दुग्ध पदार्थ उचित मूल्य पर उपलब्ध कराया जाता है। दुग्ध उत्पादन से कृषकों को औसतन प्रतिलीटर 10 रूपए का फायदा हो रहा है।
छत्तीसगढ़ शासन की पहल एवं दुग्ध महासंघ के प्रबंधन के प्रयास से गत 6 माह में विशेष रूप से दुग्ध उत्पाद विक्रय में गत वर्ष की अपेक्षा लगभग 50 प्रतिशत की विक्रय वृद्धि प्राप्त हुई है।
महासंघ के उत्पाद जिसमें श्रीखण्ड, सुगंधित मीठा दूध, नमकीन, मसाला छाछ, पनीर, मीठा दही, सादा दही, लस्सी, पेड़ा, खोवा आदि अब उपभोक्ताओं के दैनिक उपयोग के उत्पाद बन रहे है।
छत्तीसगढ़ राज्य में प्रति व्यक्ति दूध की खपत 173 ग्राम प्रतिदिन है। दूध एक अत्यंत पौष्टिक एवं सम्पूर्ण आहार है। इसके कम उपयोग प्रदेश में कुपोषण की समस्या एक कारण है।
इस समस्या से छुटकारा पाने एवं बाल्य काल में ही दुग्ध उपभोग की आदत डालने के लिए छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी ‘मुख्यमंत्री अमृत योजना‘ अंतर्गत शुरू की गई है।
इस योजना के तहत सहकारी दुग्ध महासंघ द्वारा संग्रहित दूध में शक्कर एवं फ्लेवर डालकर पौष्टिक एवं स्वादिष्ट सुगंधित मीठा दूध तैयार कर महिला एवं बाल विकास विभाग के आंगनबाडि़यों में 3 से 6 आयु वर्ग के लगभग 6 लाख बच्चों को सप्ताह में एक दिन पिलाने के लिए उपलब्ध कराया जाता है।
दुग्ध महासंघ उत्पादकों से प्रति लीटर गाय का दूध 31 रूपए 75 पैसे की दर से खरीदता है, जिसमें 2 रूपए 50 पैसे परिवहन अनुदान राज्य शासन एवं 3 रूपए 75 पैसे पशु आहार अनुदान केन्द्र सरकार द्वारा दुग्ध प्रदायक कृषकों को दिया जाता है।
इस प्रकार दुग्ध उत्पादक किसानों को प्रतिवर्ष 100 करोड़ रूपए दुग्ध महासंघ की ओर से भुगतान हो रहा है। जबकि अनुदान के रूप में करीब 20 करोड़ रूपए की राशि शासन की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों के खातों में अतिरिक्त जमा होे रही हैं।
दुग्ध समितियों को 10 अप्रैल 2019 तक भुगतान हो गया है। प्रतिदिन औसत 33 लाख रूपए का दुग्ध क्रय किया जा रहा है।