• January 11, 2015

7वां वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन: शार्ली एब्दो पर हमला निंदनीय है- अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी

7वां वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन: शार्ली एब्दो पर हमला निंदनीय है- अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी

vibrategujअहमदाबाद : गांधीनगर में 7वां वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन आज से शुरू हो गया है।  इस सम्मेलन में  संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून और अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी भी भाग ले रहे हैं।

* ‘वाइब्रैंट गुजरात’ सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, सम्मेलन में शामिल सभी लोगों का स्वागत है।

पूरी दुनिया में आतंकवाद बढ़ रहा है। दुनिया में आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है। मुश्किल के इस दौर में हम फ्रांस के लोगों के साथ खड़े हैं।

दुनिया के 100 देश इस समिट में हिस्सा ले रहे हैं। 100 से ज्यादा देश एक छत के नीचे हैं।

यहां पर हम सब एक परिवार की तरह हैं। हम सब बेहतर जिंदगी जीना चाहते हैं।

आर्थिक मंदी दुनिया की चिंता का विषय है, यह विश्व की सबसे बड़ी समस्या है।

‘वाइब्रैंट गुजरात’ मीटिंग ऑफ हर्ट है। दुनिया के लोगों में विश्वास पैदा करने की जरूरत है।

योग को ग्लोबल बनाने के लिए बान की मून को धन्यवाद।

हमें उद्योग और निवेश के लिए सोच बदलनी होगी। पश्चिम बंगाल जैसे राज्य अपने तरीके से कोशिशों में जुटे हैं।

भारत के पास दुनिया की कई समस्यों का समाधान है। हम जो भी करेंगे भारत की संस्कृति के मुताबिक होगा।

हम पहले दिन से आर्थिक हालत ठीक करने में लगे हैं। ग्लोबल रिसोर्स को लेकर काम करना होगा।

 2030 तक भारत दुनिया का 5वां सबसे बड़ा निर्यातक देश बनेगा। एचएसबीसी ने हमें सबसे बड़ा निर्यातक माना है।

पीएम जनधन योजना के तहत 100 दिन में 10 करोड़ खाते खुले। हम नीति आयोग के जरिये कॉपरेटिव फेडरलिजम लाना चाहते हैं। हम स्मार्ट सिटी बनाने की कोशिश में हैं।

हमने रक्षा में 49% एफडीआई को मंजूरी दी। हाईवे के साथ आईवे की भी जरूरत है।

देश में सिंगल विंडो मंजूरी को बढ़ावा दिया जा रहा है। रोजगार हमारी प्राथमिकता है।

बंदरगाहों का आधुनिकीकरण किया जाएगा। भारत के पास 3डी है। डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी और डिमांड है।

लोग पूछते हैं मोदी जी सबकुछ को हाइप क्यों करते हैं मैं कहता हूं हाइप करने से सरकार ठीक काम करती है।

भारत में 65 फीसदी आबादी 35 साल से नीचे है। हमने श्रम सुधारों को भी बढ़वा दिया है। हमारी सरकार ने स्किल डवलपमेंट मंत्रालय बनाया है।

* सम्मेलन में अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा  आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ना होगा, बराक ओबामा इस बात से बहुत अधिक रोमांचित हैं कि वह भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे।

ओबामा भारत आने के लिए उत्साहित हैं। मोदी का प्रधानमंत्री बनना बड़ी उपलब्धि है। मोदी ने गुजरात को संभावनाओं का राज्य बनाया, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र गरीबी और दुख को खत्म कर सकता है।

मोदी का मेक इन इंडिया बड़ा अवसर है, हम भारत के साथ मजबूत व्यावसायिक रिश्ते चाहते हैं। हम सबका साथ, सबका विकास चाहते हैं। उन्होंने कहा, शार्ली एब्दो पर हमला निंदनीय है।

* आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा आदित्य बिड़ला समूह गुजरात में सीमेंट और अन्य कारखानों के विस्तार में 20,000 करोड़ रुपए निवेश करेगा।

* सुजुकी मोटर्स के चेयरमैन ओसामु सुजुकी ने कहा, गुजरात में बेहतर ढांचागत सुविधा तथा अन्य प्रदेशों के मुकाबले निर्णय प्रक्रिया बेहतर होने से हमने नए कारखाने के लिए इस राज्य को चुना।

* रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया कार्यक्रमों से देश में एक नया उत्साह आया है। भारत दुनिया की सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली अर्थव्यवस्था बन सकता है। उन्होंने कहा, रिलायंस गुजरात में 100,000 करोड़ रुपए निवेश करेगी।

सम्मेलन में बान की मून और जॉन केरी के अलावा यूरोप, जापान तथा कनाडा के कई मंत्री भाग ले रहे हैं। सम्मेलन में शीर्ष भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के 50 से अधिक मुख्य कार्यकारी (CEO) हिस्सा ले रहे हैं। सम्मेलन आज शुरू हुआ और 13 जनवरी को खत्म होगा। अमेरिका, कनाडा और जापान समेत 8 देश पहली बार सम्मेलन में भागीदार देश बने हैं।

तीन दिवसीय यह सम्मेलन इस साल सबसे बड़ा आयोजन माना जा रहा है। हाल में अरब सागर में पाकिस्तानी नौका को तट रक्षकों द्वारा घेरे जाने बाद इसमें विस्फोट की घटना के मद्देनजर सम्मेलन की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इस बार सम्मेलन में कई बड़े उद्योगपति और राजनेता भाग ले रहे हैं।

इस कारोबारी सम्मेलन से गुजरात में रिकॉर्ड निवेश आने की उम्मीद है और राज्य सरकार को आशा है कि सम्मेलन के दौरान 20,000 से अधिक रुचि पत्रों अथवा सहमति ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होंगे। बान की मून नर्मदा बांध पर बने 10 मेगावाट के पहले सौर बिजली संयंत्र का उद्घाटन करेंगे।

सम्मेलन में हर देश के आधार पर गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा ताकि विभिन्न देशों के साथ कारोबार गठजोड़ को बढ़ावा दिया जा सके। साथ ही हर क्षेत्र पर आधारित गोष्ठियां भी की जाएंगी। यहां कंपनियों के बीच बैठक की भी व्यवस्था होगी। हर दो साल पर होने वाले इस समारोह की शुरुआत नरेंद्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते 2003 में की थी ताकि राज्य में निवेश आकर्षित किया जा सके।

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