- October 20, 2015
60 सीटों पर प्रवेश: वेटरनरी विश्वविद्यालय जयपुर
जयपुर -राज्य सरकार की बजट घोषणा में वेटरनरी विश्वविद्यालय के पशुचिकित्सा स्नात्तकोत्तर शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, जयपुर में पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान का स्नातक पाठ्यक्रम शुरू किए जाने कीे भारतीय पशु चिकित्सा परिषद्, नई दिल्ली (वीसीआई, नई दिल्ली) ने अपनी मंजूरी दे दी है।
वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए.के. गहलोत ने बताया कि राज्य सरकार की मंशा के अनुसार वर्ष 2015-16 से विश्वविद्यालय के जयपुर स्थित स्नातकोत्तर पशुचिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान में स्नातक पाठ्यक्रम शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी के लिये भारतीय पशु चिकित्सा परिषद् को भिजवाया गया था। भारतीय पशु चिकित्सा परिषद् ने 7-9 सितम्बर को पशुचिकित्सा स्नातकोत्तर संस्थान, जयपुर का निरीक्षण करके अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। जिसके आधार पर कौसिल की कार्यकारिणी समिति की अनुशंषा पर पशुचिकित्सा के नए स्नातक पाठ्यक्रम के लिए मंजूरी का पत्र वेटरनरी विश्वविद्यालय को प्राप्त हो गया है।
कुलपति प्रो. गहलोत ने बताया कि विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर पशुचिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, जयपुर में वर्ष 2015-16 के सत्र से ही स्नातक स्तर के प्रथम वर्ष में 60 सीटों पर प्रवेश दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि पूर्व में विश्वविद्यालय का एपेक्स सेन्टर जयपुर में कार्यरत था। राज्य सरकार की अनुमति से इस एपेक्स सेन्टर को वेटरनरी विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के रूप में क्रमोन्न्त कर पशुचिकित्सा में स्नातकोत्तर-अध्ययन-अध्यापन और अनुसंधान का कार्य शुरू किया गया। इस संस्थान में इस वर्ष से ही पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान के प्रथम वर्ष की कक्षाएं प्रारंभ की जा सकेगी। उल्लेखनीय है कि वेटरनरी विश्वविद्यालय के बीकानेर और बल्लभनगर (उदयपुर) में दो संघटक महाविद्यालयों में स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रम में 100-100 सीटों पर प्रवेश की सुविधा है। अब जयपुर में यह तीसरा संघटक महाविद्यालय प्रारंभ किया जा रहा है।
कुलपति प्रो. ए.के. गहलोत ने बताया कि संस्थान में प्रवेश के लिए राजस्थान प्री-वेटरनरी टेस्ट -2015 की वरीयता के अनुसार ऑफ लाईन काउसंलिग आगामी 26 अक्टूबर 2015 को बीकानेर में किया जाना प्रस्तावित है। कुलपति ने बताया कि वेटरनरी विश्वविद्यालय में स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रम में अब कुल प्रवेश क्षमता 260 हो गई है।
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