- January 24, 2018
31 हजार से ज्यादा मुकदमों का निपटारा—छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय
रायपुर :———- छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने सिर्फ एक वर्ष के भीतर 31 हजार 493 मुकदमों का निराकरण किया है। ये मामले एक जनवरी 2017 से 31 दिसम्बर 2017 के दौरान निराकृत किए गए हैं। इस अवधि में उच्च न्यायालय में 33 हजार 307 नये मामले पंजीकृत हुए थे।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के अंतर्गत राज्य के अधीनस्थ न्यायालयों में वर्ष 2017 में दो लाख 84 हजार 838 मुकदमों का निपटारा किया गया है। इतना ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने अपने फैसलों की कॉपी हिन्दी में देने की भी शुरूआत कर दी है।
यह जानकारी आज छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की ओर से रजिस्ट्रार जनरल श्री गौतम चौरड़िया ने दी। उन्होंने बताया कि मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री टी.बी. राधाकृष्णन के नेतृत्व और मार्गदर्शन में हाईकोर्ट में लंबित मामलों का तेजी से निराकरण किया जा रहा है।
वर्ष 2017 में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की अधीनस्थ अदालतों में एक लाख 95 हजार 402 नये मामले पंजीकृत हुए थे। मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर उच्च न्यायालय में प्रत्येक शनिवार को आपराधिक मामलों के अपील प्रकरणों सुनवाई विशेष बेंच द्वारा की जा रही है। विशेष बेंच द्वारा विधिक सहायता प्राप्त मामलों की सुनवाई विशेष रूप से की जा रही है।
उन्होंने बताया – निचली अदालतों में स्पेशल लिस्ट प्रणाली की भी शुरूआत की गई है। इसके अंतर्गत तैयार प्रकरणों की प्रतिदिन सुनवाई की जा रही है। अत्यधिक अपरिहार्य कारणों को छोड़कर इस प्रणाली में सभी मामलों को लगातार सुनकर उनका निराकरण किया जा रहा है।
रजिस्ट्रार जनरल ने बताया – महिलाओं, बच्चों, दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों तथा समाज की अंतिम पंक्ति के लोगों के विरूद्ध होने वाले अपराधों से संबंधित मामलों की सुनवाई प्राथमिकता के साथ करने के लिए यूनिफॉर्म लिस्टिंग पॉलिसी भी शुरू की गई है।
उन्होंने बताया कि लोक अदालतों और राष्ट्रीय लोक अदालतों में 26 हजार 710 लंबित मामलों का निपटारा सुलह-समझौते के आधार पर किया गया। बीते वर्ष 2017 में लोक अदालतों में 183 करोड़ 63 लाख रूपए से ज्यादा के दावों और विवादों का निपटारा किया गया। इस दौरान मध्यस्थता के जरिए कुल 534 मामले निपटाए गए।
रजिस्ट्रार जनरल ने कहा – इससे यह साबित हुआ कि छत्तीसगढ़ राज्य में मध्यस्थता नीति का फायदा लोगों को मिल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सहायता प्राधिकरण द्वारा प्रदेश में पिछले वर्ष 2017 में आयोजित जागरूकता कार्यक्रमों और संगोष्ठियों को भी जनता का अच्छा प्रतिसाद मिला। प्रदेश के लगभग छह लाख 54 हजार नागरिकों ने इन कार्यक्रमों और संगोष्ठियों का लाभ उठाया।
रजिस्ट्रार जनरल ने बताया कि बीते वर्ष 2017 में छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी द्वारा न्यायिक सेवा से संबंधित 34 कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें न्यायिक सेवा के 296 अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी द्वारा छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट और छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी की मेजबानी में पूर्वी जोन-1 का क्षेत्रीय सम्मेलन भी आयोजित किया गया, जिसमें छत्तीसगढ़, झारखण्ड और बिहार के 82 न्यायिक अधिकारी शामिल हुए।