अपने अंदर के राक्षस का पहले तुम खुद ही संहार करो— डॉ नीलम महेंद्र
यह कैसी व्यवस्था है जहाँ अपने अधिकारों की बात करना एक “हिम्मत का काम” कहा जाता है। हम एक ऐसा
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