हैण्डपम्पों की शिकायतों के निराकरण : पेयजल निगरानी प्रणाली का शुभारंभ

हैण्डपम्पों की शिकायतों के निराकरण : पेयजल निगरानी प्रणाली का शुभारंभ

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने हैण्डपम्पों की शिकायतों के निराकरण के लिये ग्रामीण पेयजल निगरानी प्रणाली का शुभारंभ किया। ग्रामीण पेयजल निगरानी प्रणाली में हेण्डपम्पों की शिकायतों का पंजीकरण एवं त्वरित निराकरण किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री आज यहाँ अपने निवास पर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल प्रदाय की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।

इस प्रणाली में सभी हेण्डपम्पों को 10 अंक का कोड दिया गया है। इस कोड में प्रथम 2 अंक जिला कोड, अगले 2 अंक ब्लॉक कोड, अगले 3 अंक ग्राम कोड एवं अंतिम 3 अंक हेंडपम्प कोड के हैं। एस.एम.एस. प्रणाली में मोबाइल नम्बर 7389939899 पर शिकायतकर्ता को एस.एम.एस. करना है- phed <space> हेण्डपम्प का कोड <space> शिकायत का प्रकार टाईप कर एस.एम.एस भेजते हैं। यह एस.एम.एस. शिकायत विवरण के साथ सहायक यंत्री, उप यंत्री एवं हेण्डपम्प तकनीशियन के पास पहुँचता है। इस पर तत्काल कार्रवाई होगी। सुधार होने पर एस.एम.एस. से ही शिकायतकर्ता को सूचना भेजी जायेगी। यदि शिकायतकर्ता सुधार कार्य से संतुष्ट नहीं है तो पुन: एस.एम.एस. भेज सकता है।

मोबाइल एप्प

हेण्डपम्पों की शिकायत दर्ज करवाने मध्यप्रदेश शासन के पोर्टल पर एम.पी. जल नामक एन्ड्राइड मोबाइल पर इसे डाउनलोड करना होगा। इस एप्प द्वारा शिकायतकर्ता हेण्डपम्प का कोड एवं शिकायत का प्रकार दर्ज कर अपनी शिकायत केन्द्रीय प्रणाली को भेजेंगे। शिकायत दर्ज होने पर शिकायत का पंजीयन क्रमांक एप्प पर एवं एस.एम.एस. द्वारा शिकायतकर्ता को उपलब्ध करवाया जायेगा। शिकायत दर्ज होते ही संबंधित सहायक यंत्री, उप यंत्री एवं हेण्डपम्प तकनीशियन के पास जायेगा। संबंधित अमला तत्काल कार्रवाई कर हेण्डपम्प सुधारेगा।

इंटरएक्टिव वायस रिस्पांस प्रणाली के माध्यम से हेण्डपम्प की शिकायत व्यवस्था के अंतर्गत आसान नम्बर 9200067890 उपलब्ध है। हेण्डपम्प खराब होने पर यह नम्बर डायल करने पर हेण्डपम्प का कोड बताना होगा। हेण्डपम्प का कोड डायल करने के बाद शिकायत का प्रकार बताना होगा, जो 1 से 8 तक निर्धारित है। शिकायत का प्रकार डायल करने पर शिकायत दर्ज हो जाएगी। शिकायत दर्ज होने पर शिकायत का पंजीयन क्रमांक आवाज एवं एस.एम.एस द्वारा शिकायतकर्ता को उपलब्ध हो जायेगा। शिकायत दर्ज होते ही क्षेत्र के सहायक यंत्री, उप यंत्री एवं हेण्डपम्प तकनीशियन के पास जायेगा। निश्चित समयावधि में यदि हेण्डपम्प को नहीं सुधारा जाता है तो यह शिकायत स्वत: उच्च स्तर के अधिकारियों के पास पहुँचेगी।

पेयजल समस्याग्रसत क्षेत्रों की समीक्षा

मुख्यमंत्री ने पेयजल समस्याग्रस्त क्षेत्रों में तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश देते हुए कहा कि जहाँ से भी शिकायतें मिलती हैं वहाँ तत्काल अमला पहुँचाये और स्थिति में सुधार करें। श्री चौहान ने हर शहर और गाँव के लिये आपातकालीन स्थिति से निपटने की रणनीति तैयार करने को कहा। उन्होंने इस साल के अंत तक सभी शहरों और गाँवों में हर परिवार को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध करवाने की कार्य-योजना तैयार करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि हेण्डपंप के लगातार उपयोग से जल स्तर प्रभावित हुआ है। भविष्य के लिये सतही (सरफेस) पेयजल प्रदाय व्यवस्था स्थापित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। अगले साल तक हर परिवार की पहुँच पेयजल स्रोत तक करने की योजना बनायी जाये।

मुख्यमंत्री ने बुंदेलखण्ड पेकेज में स्वीकृत नल-जल योजनाओं को पूरी तरह संचालित करने को कहा। श्री चौहान ने कहा कि जहाँ भी लोगों की शिकायतें हैं वहाँ तत्काल सुधार करने की रणनीति बनायें।

बैठक में मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती अरूणा शर्मा, आयुक्त नगरीय विकास एवं पर्यावरण श्री विवेक अग्रवाल, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री अश्विनी राय उपस्थित थे।

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