• September 1, 2016

हिंदी आंदोलन के सत्याग्रहियों स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा विचाराधीन

हिंदी आंदोलन के सत्याग्रहियों स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा विचाराधीन

झज्जर, 01 सितंबर-

प्रदेश सरकार 1957 के हिंदी आंदोलन के सत्याग्रहियों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देने पर विचार कर रही है। यह जानकारी देते हुए जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी नीरज कुमार ने बताया कि इस संदर्भ ने सरकार ने पहल शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि 1957 में चले हिंदी आंदोलन के दौरान हिंदी सत्याग्रहियों ने काफी यातनाएं सही थी।

आंदोलन के दौरान सत्याग्रहियों को प्रताडि़त किया तथा जेलों में भी डाला गया। प्रदेश सरकार ने राष्ट्र भाषा हिंदी के लिए प्रताडऩा और जेल की यातनाएं सहने वाले सत्याग्रहियों के संघर्ष का सम्मान करने का निर्णय लिया है।

नीरज ने कहा कि जिले में जिस सम्मानित सत्याग्रही ने 1957 के हिंदी आंदोलन में जेल में यातना या प्रताडऩा झेली है, ऐसे नागरिकों,उनके उत्तराधिकारियों,परिवार के सदस्यों,संबंधियों तथा शुभेच्छकों से अनुरोध है कि वे इस आंदोलन से संबंधित व्यक्तियों के बारे में जानकारी शीघ्र अति शीघ्र जिला उपायुक्त कार्यालय झज्जर या जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी के कार्यालय में दस दिनों के अंदर जमा करवाएं।

उनके संघर्ष को सम्मान और पहचान मिल सके। उन्होंने कहा कि सत्याग्रहियों के बारे में हिंदी आंदोलन से जुड़े साक्ष्य, प्रकाशित लेख, समाचार या अन्य साक्ष्य जो यह साबित करें कि अमूक नागरिक ने हिंदी आंदोलन में यातनाएं झेली, जेल गया तथा संघर्ष में प्रभावी रूप से सहयोगी रहा ।

नीरज ने कहा कि जिले से सत्याग्रहियों के बारे में प्राप्त जानकारी उचित माध्यम से प्रदेश सरकार को भेजी ताकि सम्मानित सत्याग्रही को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देने पर विचार हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने हिंदी आंदोलन 1957 के दौरान यातनाएं सहने वालों के संघर्ष को पहचान और सम्मान देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।

उन्होंने जिलावासियों से आग्रह करते हुए कहा कि किसी को भी हिंदी आंदोलन से जुड़े सत्याग्रही के बारे में जानकारी है उस जानकारी को जरूर जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी कार्यालय झज्जर के साथ सांझा करें ताकि सत्याग्रही के संघर्ष को वाजिब सम्मान मिल सके। आंदोलन से जुड़ी जानकारी दस दिनों के अंदर जमा करवाएं ताकि समय पर चंडीगढ़ भेजी जा सके।

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