स्व0 देवेन्द्र राय उर्फ नन्कुट पहलवान को श्रद्धांजलि—दिव्यांग लड़कियों को ट्राई-साइकिल एवं पौधा — मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार

स्व0 देवेन्द्र राय उर्फ नन्कुट पहलवान को श्रद्धांजलि—दिव्यांग लड़कियों को ट्राई-साइकिल एवं पौधा — मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार

पटना——:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने स्व0 देवेन्द्र राय की तीसरी पुण्य तिथि के मौके पर सगुना मोड़ स्थित माँ लक्ष्मी भवन में स्व0 देवेन्द्र राय उर्फ नन्कुट पहलवान की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

श्रद्धांजलि सभा में मुख्यमंत्री ने दिव्यांग लड़कियों को ट्राई-साइकिल एवं पौधा जबकि आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी छात्राओं को आर्थिक मदद के रूप में चेक प्रदान किया।

उन्होंने कहा कि स्व0 देवेन्द्र राय अपने जीवन काल में न सिर्फ गरीब-गुरबों की काफी मदद करते थे बल्कि समाज में प्रेम एवं भाईचारा का भाव पैदा करने के लिए वे हमेशा प्रयत्नशील रहे, जिसकी आज काफी जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भर में और पूरे देश में आपसी कटुता बढ़ाने का माहौल पैदा किया जा रहा है।

हमें अपने विचारों को व्यक्त करने एवं अपने धर्म का पालन करने की पूरी स्वतंत्रता है लेकिन दूसरे धर्म, सम्प्रदाय के प्रति भी मन में सम्मान का भाव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आप अपने विचारधारा के प्रति प्रतिबद्धता रखने के साथ ही दूसरे के विचारों के प्रति भी मन में आदर का भाव रखिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि न्याय के साथ विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता शुरू से है, जिसका मतलब है हर तबके और हर इलाके का विकास। उन्होंने कहा कि बिहार की बागडोर संभालने के बाद समाज में व्याप्त कठिनाइयों को दूर करने का हरसंभव प्रयास किया गया।

इस कड़ी में पूरे बिहार में आवागमन को सुगम बनाने के लिए सड़क, पुल-पुलियों का निर्माण, स्कूलों की व्यवस्था के साथ ही हर क्षेत्र में विकास के काम किये गये। उन्होंने कहा कि 2005 में सत्ता संभालने के बाद हमने आकलन कराया तो पता चला कि 12.5 प्रतिशत बच्चे स्कूलों से बाहर हैं, जिनमें अधिकांश बच्चे महादलित और अल्पसंख्यक परिवार से थे, उन्हें स्कूलों तक पहुँचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी।

उन्होंने कहा कि गरीबी के कारण माता-पिता अपने बच्चों को इंटरमीडिएट से आगे की पढ़ाई करा पाने में अक्षम थे, जिसके कारण 12वीं से आगे की पढ़ाई करने वाले बच्चों का बिहार में औसत 13.9 प्रतिषत था, जबकि राष्ट्रीय औसत 24 प्रतिशत है, जिसे देखते हुए हमने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत इंटरमीडिएट से आगे की पढ़ाई करने वाले बच्चों को 4 लाख रूपये तक का ऋण मुहैया कराने का प्रावधान है।

उन्होंने कहा कि इस योजना के प्रति बैंको के असहयोगात्म्क रवैये को देखते हुए राज्य सरकार ने शिक्षा वित्त निगम गठित कर इस योजना का लाभ विद्यार्थियों को देना शुरू किया है, जिसका लाभ अब आसानी से जरूरतमंद विद्यार्थी ले रहे हैं।

श्रद्धांजलि सभा में मौजूद लोगों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी अपने बेटे-बेटियों को इंटरमीडिएट से आगे पढ़ायें और जरूरत के मुताबिक स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ उठायें। अगर पढ़ाई के बाद भी किसी छात्र को रोजगार नहीं मिला तो उस स्थिति में उसे पैसा लौटाने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि बेटे-बेटियों को पढ़ाइये, इसके लिए चिंता आपको करने की आवश्यकता नहीं है, यह हमारी चिंता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा को बढ़ावा देने के प्रति भी स्व0 देवेन्द्र राय के परिजनों की काफी रूचि है, जिसका नतीजा है कि स्व0 राय की श्रद्धांजलि सभा के अवसर पर आज आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी बच्चों को आर्थिक मदद प्रदान की गयी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1500 साल पहले आर्यभट्ट ने इसी धरती पर शून्य का आविष्कार किया था, जिसके बाद अंकगणित का विस्तार हुआ। यह ज्ञान की भूमि रही है, जहाँ से आर्यभट्ट ने दुनिया को एस्ट्रोनॉमी से अवगत कराया।

श्रद्धांजलि सभा को बिहार विधानसभा अध्यक्ष श्री विजय कुमार चैधरी, उद्योग मंत्री श्री जय कुमार सिंह, पूर्व मंत्री एवं विधान पार्षद श्री अशोक कुमार चैधरी ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर पूर्व विधान पार्षद श्री गुलाम गौस, स्व0 देवेन्द्र राय की धर्मपत्नी श्रीमती लक्ष्मी देवी, स्व0 देंवेंद्र राय के सुपुत्र श्री विनोद कुमार, श्री सुबोध कुमार यादव, श्री बिजेंद्र यादव, बिहार राज्य नागरिक परिषद के पूर्व महासचिव श्री अरविंद कुमार सिंह उर्फ छोटू सिंह, दानापुर प्रखंड प्रमुख श्री सुनील कुमार यादव, जिलाधिकारी श्री कुमार रवि सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं स्थानीय लोग उपस्थित थे।

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