- February 8, 2017
स्वर्ण नगरी जैसलमेर में तीन दिवसीय मरु महोत्सव
जयपुर, 8 फरवरी। अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त तीन दिवसीय 38 वां मरु महोत्सव 2017 की शुरूआत बुधवार को स्वर्णनगरी जैसलमेर के पवित्र गडीसर सरोवर से आकर्षक शोभा यात्रा के साथ की गयी। जिला कलक्टर श्री मातादीन शर्मा और जैसलमेर विधायक श्री छोटूसिंह भाटी ने हरी झंडी दिखाकर इस भव्य शोभा यात्रा को रवाना किया।
मरु संस्कृति के इन्द्रधनुषी लोक रंगों का दिग्दर्शन कराती शोभायात्रा को देखने शहर भर में जन ज्वार उमड़ आया। रास्ते में शोभा यात्रा का जोश-खरोश के साथ स्वागत किया गया। देश के विभिन्न हिस्सों से आये मशहूर कलाकारों के समूहों ने शोभा यात्रा के पूरे मार्ग में अपनी शानदार प्रस्तुतियां दिखाते हुए भारतवर्ष की वैविध्यपूर्ण लोक सांस्कृतिक धराओं से रूबरू कराया। नगर के वाशिंदे अपने मकानों पर खडे़ होकर शोभा यात्रा देख रहे थे और उत्सव का इज़हार करते हुए फूल बरसा रहे थे।
सीमा सुरक्षा बल के उप समादेष्टा श्री कुलदीप सिंह चौधरी के नेतृत्व में 48 सजे धजे ऊँटों का कारवां एवं उस पर बैठे सीमा प्रहरी भी शोभा यात्रा में आकर्षण का केन्द्र रहे। विश्व के आठवेंं अजूबे कैमल माउन्टेन बैण्ड के बैण्ड मास्टर के निर्देशन में बैण्ड पर राजस्थानी गीतों पर मधुर धुनें पेश कर पूरे महौल को संगीत से सराबोर कर दिया।
शोभा यात्रा में सीमा सुरक्षा बल के बांके जवान दुल्हे की वेशभूषा पहने हुए एवं अपने हाथों में भाले लिये इतने सुन्दर लग रहे थे कि मेले में शामिल हुए देशी – विदेशी सैलानियों ने उन्हें अपने कैमरों मे कैद किया और इसकी वीडियोग्राफी भी की। शोभा यात्रा में सबसे आगे मरू महोत्सव का बैनर था।
शोभा यात्रा में पारम्परिक वेशभूषा, आँचलिक संस्कृति, लोकजीवन, लोकवाद्यों, गीत-नृत्यों, मूमल-महेन्द्रा झॉंकियों के समावेश ने यादगार छाप छोड़ी। शोभा यात्रा में रंग-बिरंगी पोशाकाें में स्थानीय लोक कलाकरों ने अपने लोक वाद्यों के माध्यम से राजस्थानी गीतों को प्रस्तुत कर पूरे मार्ग को सांस्कृतिक झलकी से सराबोर सा कर दिया। शोभा यात्रा में लालआंगी गैर के लोक कलाकारों ने जगह-जगह पर गैर नृत्य प्रस्तुत किया।