• April 9, 2016

स्वच्छ भारत मिशन वरदान : दिव्यांग सायबाराम :– डॉ. दीपक आचार्य उप निदेशक

स्वच्छ भारत मिशन वरदान : दिव्यांग सायबाराम :– डॉ. दीपक आचार्य  उप निदेशक

उदयपुर—— (सूचना एवं जनसम्पर्क)———-मेवाड़ के सुदूर आदिवासी अंचल में जीवन बसर कर रहे दोनों पैरों से विकलांग इस शख्स ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि उसकी जिन्दगी में राहत भरा ऎसा बदलाव भी आ सकता है जो उसकी रोजमर्रा की जिन्दगी की बहुत बड़ी तकलीफ को खत्म कर जीवन भर के लिए ऎसा सुकून देगा कि जिसे वह कभी न भुला पाएगा।Sayabaram Kyari Kotda

यह बात है कि उदयपुर जिले की कोटड़ा पंचायत समिति अन्तर्गत क्यारी गांव की, जहाँ घर के पास ही छोटी सी परचूनी की दुकान चलाकर जीवनयापन करने वाले 40 वर्षीय सायबाराम के लिए वर्षों से खुले में शौच जाने की मजबूरी थी।

नियति के दर्द पर मरहम

नियति ने सायबाराम पर निर्ममता से इस कदर कहर ढाया कि वह जन्म से ही दोनों पैरों से विकलांग है। शौच के लिए दूर जंगल में जाने की विवशता लिए दिव्यांग सायबाराम को इतनी परेशानियों का सामना करना पड़ता जिसकी कल्पना भी पीड़ा का अनुभव कराने वाली है। दोनों पैरों की विकलांगता की वजह से उसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था। वर्षों तक उसे ये पीड़ा झेलनी पड़ी।

स्वच्छ भारत मिशन उसके लिए सरकार का वह वरदान साबित हुआ जिसने उसकी रोजमर्रा की जिन्दगी की बहुत बड़ी मुश्किल खत्म कर दी। घर-घर शौचालय निर्माण की मुहिम में उसे आशा की किरण दिखाई दी।

ग्राम पंचायत ने दी राहत

सायबाराम भी चाहता था कि उसका भी अपना शौचालय हो लेकिन शारीरिक विकलांगता और गरीबी की वजह से वह अपने इस स्वप्न को साकार नहीं कर पाया। उसकी इस विवशता को ग्राम पंचायत ने समझा और उसकी सहमति से दुकान के पास ही शौचालय बनवा दिया।

आसान हुई सायबाराम की जिन्दगी

सायबाराम की जिन्दगी में यह शौचालय इतना अधिक खुशियां देने वाला साबित हुआ है कि इसे वही जान सकता है। ग्राम पंचायत द्वारा दी गई इस राहत से सायबाराम खुश है। शौच के लिए दूर जंगल जाने की मुसीबत के साथ ही इस एक शौचालय ने उसकी ढेरों समस्याओं का खात्मा कर डाला है। शौचालय का नियमित उपयोग कर रहा सायबाराम कहता है कि सरकार के इस काम ने उसके जीने की राह की बाधाओं का खात्मा कर दिया है।

जगा रहा है प्रेरणा

सायबाराम सरपंच के साथ सरकार के प्रति भी दिली आभार जताता है। अब वह स्वच्छता के प्रेरक के रूप में लोकचेतना जगाने में भागीदारी निभा रहा है।  अपनी दुकान पर आने वाले तथा अपने सभी संपर्कितों को भी वह शौचालय निर्माण एवं उपयोग के लिए प्रेरित करने में जुटा रहता है। वह चाहता है कि हर घर शौचालय बने, उपयोग हो  ताकि इस मामले में कोई समस्याग्रस्त न रहे।

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