सौर सुजला योजना–सूर्य देवता की कृपा से बिजली मुफ्त

सौर सुजला योजना–सूर्य देवता की कृपा से बिजली मुफ्त

योजना की विस्तृत जानकारी के लिए राजधानी रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के अधिकारियों से वहां के फोन नम्बर 8370009923 अथवा 8370009927 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

छत्तीसगढ़——— ऐसा राज्य है छत्तीसगढ़, जहां प्रदेश सरकार की कृषक समृद्धि योजना के तहत किसानों को तीन हॉर्स पावर के सिंचाई पम्पों के लिए छह हजार यूनिट और पांच हॉर्स पावर तक पम्पों के लिए साढ़े सात हजार यूनिट बिजली पिछले आठ साल से निःशुल्क दी जा रही है, वहीं हाल ही में, लगभग साढ़े छह महीने पहले राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई सौर सुजला योजना में सूर्य देवता की कृपा से उन्हें खेती के लिए पूरी बिजली बिल्कुल मुफ्त मिल रही है। 1

सौर सुजला योजना से छत्तीसगढ़ के दूर-दराज आदिवासी बहुल इलाकों के गांवों में बंजर धरती पर रबी मौसम में और इस तेज गर्मी में भी हरियाली खिलने लगी है। ताजा उदाहरण नगरी विकासखंड के ग्राम मारदापोटी में देखने को मिला है, जहां 48 वर्षीय आदिवासी किसान श्री राधेश्याम नेताम ने इस योजना का लाभ उठाकर पहली बार अपने चार एकड़ खेतों में मूंग और बैगन सहित अन्य साग-सब्जियों की खेती शुरू की है।

इस योजना के तहत उन्हें तीन हॉर्सपावर का साढ़े तीन लाख रूपए का सोलर पम्प सिर्फ 10 हजार रूपए में दिया गया है। पम्प के लिए उन्हें सिर्फ सात हजार रूपए देने पड़े हैं, शेष तीन हजार रूपए का टैक्स उसमें जुड़ा है।

श्री नेताम कहते हैं कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सरकार ने उन्हें साढ़े तीन लाख रूपए कीमत का सोलर सिंचाई पम्प इतनी कम कीमत में उन्हें दिया है। यह उनके जैसे छोटे किसान के लिए बहुत बड़ी बात है। सूरज की रौशनी से सौर पैनलों में बनने वाली बिजली के जरिये रबी मौसम की फसलों के लिए उनके खेतों को पानी मिलने लगा है। वे इसके लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हैं।

श्री नेताम इस बात से भी खुश है कि यह बिजली उन्हें सूर्य देवता की कृपा से मुफ्त में मिल रही है। इसके लिए उन्हें बिजली विभाग में जाकर कोई बिल नहीं देना होगा। श्री नेताम ने 15 साल पहले ग्राम मारदापोटी में जब यह जमीन खरीदी थी तो वह पूरी तरह से बंजर थी। उन्होंने अपनी पत्नी श्रीमती रम्हीन नेताम के साथ कड़ी मेहनत कर उसे खेती योग्य बनाया और पंाच साल पहले सिंचाई नलकूप का भी खनन करवाया, लेकिन वह नलकूप असफल रहा। इससे उनकी खेती रबी मौसम में बंजर रहने लगी। केवल मानसून की बारिश के भरोसे धान की खेती कर लेते थे, लेकिन एक फसल से घर की जरूरते पूरी नहीं हो रही थी।

छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के अधिकारियों ने आज बताया कि इस योजना में जहां साढ़े तीन लाख रूपए कीमत का अनुसूचित जाति और आदिवासी वर्ग के किसानों को तीन हॉर्स पावर का सिंचाई पम्प मात्र सात हजार रूपए में दिया जा रहा है, वहीं अन्य पिछड़े वर्ग के किसानों को यह सिर्फ बारह हजार रूपए में और सामान्य वर्ग के किसानों को केवल 18 हजार रूपए में देने का प्रावधान किया गया है। इसी कड़ी में पांच हॉर्स पावर का सोलर सिंचाई पम्प जिसकी बाजार में कीमत साढ़े चार लाख रूपए है, वह आदिवासी और अनुसूचित जाति के किसानों को मात्र दस हजार रूपए में, अन्य पिछड़े वर्ग के किसानों को सिर्फ 15 हजार रूपए में और सामान्य वर्ग के किसानों को मात्र 20 हजार रूपए में मंजूर किया जा रहा है।

विद्युत विहीन खेतों में सौर सिंचाई पम्पों को बढ़ावा देना और किसानों को निःशुल्क बारह मासी बिजली उपलब्ध कराना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में इस योजना के तहत 20 हजार किसानों को सोलर सिंचाई पम्प देने की घोषणा की है। उन्होंने इसके लिए बजट में 554 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है।

किसान इस योजना में भू-जल स्तर के अनुसार नलकूप खनन कर उसमें सबमर्सिबल पम्प लगाकर भी पानी ले सकते हैं। सौर पैनलों में बनने वाली बिजली से यह पम्प चलता है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नदी-नालों के किनारे के गांवों में भी इस योजना का विस्तार करने के निर्देश दिए हैं।

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