• July 23, 2018

” सोच-पे दस्तक “- -सम्मान दिल से होता है घूंघट की आड़ से नहीं :-उपायुक्त

” सोच-पे दस्तक “- -सम्मान दिल से होता है घूंघट की आड़ से नहीं :-उपायुक्त

कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा, पर्दा प्रथा जैसी कुरीतियों के खिलाफ एकजुट होने का संकल्प
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बहादुरगढ़——– सोच-पे दस्तक अभियान झज्जर जिले के लोगों की मानसिकता में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए शुरू किया गया है। सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ शुरू की गई मुहिम प्रशासन व आमजन की सहभागिता के आधार पर ही अभियान के उद्देश्य की सार्थकता को सिद्घ करती है।

उपायुक्त सोनल गोयल ने गेट वे डवेलपमेंट बहादुरगढ़ शहरी क्षेत्र से सोच-पे दस्तक अभियान के अंतर्गत महिलाओं से सीधा संवाद स्थाापित किया। सोच-पे दस्तक अभियान के अंतर्गत आयोजित नारी की चौपाल-मन की बात कार्यक्रम में इस पुनीत अभियान के लिए जनभागीदारी में उठाए जाने वाले कदमों में महिलाओं को उपायुक्त ने प्रेरित किया।

शहर के सैक्टर 6 स्थित सामुदायिक केंद्र परिसर में सैकड़ों महिलाओं ने उपायुक्त सोनल गोयल के नेतृत्व में सोच-पे दस्तक मुहिम के प्रति उत्साहपूर्वक अपनी भागीदारी निभाने का विश्वास दिलाया। एसडीएम जगनिवास ने कार्यक्रम में उपायुक्त का स्वागत करते हुए सोच-पे दस्तक अभियान के आगाज की सराहना की।

उपायुक्त सोनल गोयल ने आयोजित नारी की चौपाल कार्यक्रम के माध्यम से झज्जर प्रशासन की ओर से शुरू किए गए अभियान सोच-पे दस्तक को जिले के लोगों की सोच पर दस्तक बताया। उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा व पर्दा प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों पर पूर्णतया रोक पाने में महज प्रशासन अथवा सरकार की ही नहीं बल्कि पूरे समाज की सहभागिता ही एक बड़ा सकारात्मक बदलाव ला सकती है। इसी सोच को सामने रखते हुए झज्जर जिले में यह अभियान शुरू किया गया है जिससे ग्रामीण व शहरी क्षेत्र की महिलाओं को जोड़ते हुए कारवां आगे बढ़ाया जा रहा है।

सोच-पे दस्तक अभियान के तहत हमारा प्रयास है कि झज्जर जिले के रूढि़वादी सोच रखने वाले लोगों को सकारात्मक स्वरूप दिया जाए और जागरूकता कार्यक्रमों के साथ ही हर आम जनमानस तक यह संदेश पहुंचाया जाए कि कैसे समाज में रूढि़वादी सोच को दूर करते हुए हम विकासात्मक परिवर्तन के साथ झज्जर जिले को सोच-पे दस्तक अभियान के तहत उदाहरण बना सकते हैं।

उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंंद्र मोदी द्वारा हरियाणा प्रदेश से ही शुरू किए गए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ राष्ट्रीय कार्यक्रम को झज्जर जिले में प्रभावी ढंग से क्रियांवित किया जा रहा है और सोच-पे दस्तक अभियान प्रधानमंत्री श्री मोदी व मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा बेटियों के उत्थान व संरक्षण को लेकर उठाए जा रहे कदमों को समर्पित है।

सम्मान दिल से होता है घूंघट की आड़ से नहीं :

श्रीमती गोयल ने नारी की चौपाल कार्यक्रम में महिलाओं से सीधा रूबरू होते हुए सवाल किया कि क्या पर्दा प्रथा के तहत क्या बड़े बुजुर्गों का सम्मान महिलाओं द्वारा केवल घंूघट निकालकर ही किया जा सकता है? घूंघट में रहकर समाज को नई दिशा देने में महिला सशक्तिकरण के रूप में महिलाएं क्या आगे बढ़ सकती हैं? ऐसे में महिलाओं ने उत्सुकता वश एक स्वर में ना की ध्वनि के साथ सोच-पे दस्तक अभियान का स्वागत किया।

उपायुक्त ने कहा कि महिलाओं द्वारा बिना घूंघट किए भी बुजुर्गों को मान-सम्मान किया जाता है और इसी रूढि़वादिता सोच को बदलने के लिए हमें जागरूक होना है। उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या जैसा घिनौना कृत्य केवल दहेज प्रथा के कारण ही पनपता है, ऐसे में जब हम दहेज लेना व देना ही बंद कर देंगे तो निश्चित तौर पर कन्या भ्रूण हत्या जैसे पाप पर पूर्णतया रोक लगाने में हम कामयाब रहेंगे।

उपायुक्त ने कार्यक्रम में पटेल नगर निवासी प्रकाशी देवी, शास्त्री नगर निवासी मूर्ति देवी व नेताजी नगर निवासी राजेश द्वारा सामाजिक बदलाव में सहभागी बनते हुए अभियान में आहुति डालने पर सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि रोल मॉडल के साथ झज्जर जिला आगे बढ़ रहा है और सभी की उल्लेखनीय भागीदारी ही सामाजिक बदलाव में अहम कदम है।

मन की बात कार्यक्रम के तहत महिलाओं ने उपायुक्त के समक्ष अभियान की सार्थकता को लेकर उठाए जाने वाले पहलुओं पर बेबाक राय भी रखी। उपायुक्त ने कार्यक्रम स्थल पर सोच-पे दस्तक रंगोली का अवलोकन किया और महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से चलाए गए हस्ताक्षर अभियान में हस्ताक्षर करते हुए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ राष्ट्रीय कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

इस मौके पर महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनीता सभ्रवाल, सीडीपीओ बबीता, सीडीपीओ डिंपल, बीडीपीओ रामफल, एआईपीआरओ दिनेश कुमार, स्वास्थ्य विभाग से डा.उमेश, डा.वाई.के.शर्मा व डा.गगन सहित अन्य आंगनवाड़ी सुपरवाइजर व शहरी क्षेत्र के विभिन्न वार्डों से पहुंची महिलाएं मौजूद रही।

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