सूक्ष्म सिंचाई योजना: उद्यानिकी किसानों के लिए वरदान

सूक्ष्म सिंचाई योजना: उद्यानिकी किसानों के लिए वरदान

छत्तीसगढ़  —————————     राज्य सरकार द्वारा संचालित राज्य सूक्ष्म सिंचाई योजना उद्यानिकी की खेती करने वाले किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत टपक सिंचाई (ड्रिप एरीगेशन) तथा फौव्हारा ( स्प्रिंकलर) सिस्टम से सिंचाई की जाती है। इन दोनों सिंचाई पद्धतियों से एक ओर जहां एक-एक बूंद पानी का सदुपयोग होता है वहीं दूसरी ओर कम पानी में अधिक रकबे में सिंचाई की जा सकती है। इससे उद्यानिकी फसलों का सिंचित रकबा भी तेजी से बढ़ रहा है।5474

राज्य शासन के उद्यानिकी विभाग द्वारा यह योजना वर्ष 2006-07 से संचालित की जा रही हैैै। दिसम्बर 2015 तक की स्थिति में लगभग 20 हजार 779 हेक्टेयर में टपक सिंचाई संयंत्र तथा 52 हजार 679 हेक्टेयर में फौव्हारा सिंचाई संयंत्र के माध्यम से सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। इस योजना के तहत अब वर्ष  2012-13 से केवल टपक सिंचाई के प्रकरण मंजूर किए जा रहे हैं। राज्य सूक्ष्म सिंचाई योजना से प्रदेश के 54 हजार 538 उद्यानिकी किसान लाभान्वित हो रहे हैं।

वर्ष 2015-16 से राष्ट्रीय सूक्ष्म सिंचाई मिशन के स्थान पर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना शुरू की गई है। इसमें भी ड्रिप से सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। राज्य सूक्ष्म सिंचाई योजना में पिछले वित्तीय वर्ष में संशोधन करते हुए इसे किसानों के लिए और अधिक सुविधाजनक बनाई गई है।

वर्तमान में इस योजना के तहत लघु एवं सीमांत किसानों को 60 प्रतिशत तथा अन्य किसानों को 40 प्रतिशत अनुदान (अधिकतम जोत सीमा 5 हेक्टेयर तक) दिया जाता है। प्रदेश में सामान्य वर्ग के किसानों  को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2012-13 से अलग से नई राज्य पोषित सूक्ष्म सिंचाई योजना स्वीकृत की गई है।

सूक्ष्म सिंचाई योजना के अंतर्गत हितग्राहियों द्वारा लगाई जाने वाली विभिन्न फसलों की रोपण दूरी के आधार पर न्यूनतम 1.2 मीटर से अधिकतम 8 मीटर एवं उससे अधिक की दूरी पर फसल लगाने की स्थिति में इकाई लागत पर प्रति हेक्टेयर अधिकतम 60 हजार रूपए तथा न्यूनतम 14 हजार रूपए का अनुदान दिया जाता है।

छत्तीसगढ़ में ड्रिप संयंत्र लगाने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य कृषि विकास निगम लिमिटेड में 27 कम्पनी पंजीकृत है। वर्तमान वित्तीय वर्ष से लागू प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में भी गत वर्ष के अनुसार लघु एवं सीमांत किसानों को 60 प्रतिशत तथा अन्य किसानों को 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इस योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष में एक हजार 785 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए ड्रिप संयंत्र लगाने का लक्ष्य रखा गया है।

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