- July 1, 2023
सी-20 सेवा सम्मेलन एक जुलाई से भोपाल में
भोपाल : सी-20 सेवा कार्यकारी समूह का सेवा सम्मेलन एक जुलाई से भोपाल में शुरू हो रहा है। कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में सम्मेलन का शुभारंभ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री श्री ओम प्रकाश सखलेचा एक जुलाई को सुबह 10 बजे करेंगे। शुभारंभ सत्र में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, खलीफा बिन जॉयेद अल नाहयन फाउण्डेशन के जनरल डायरेक्टर श्री मोहम्मद हाजी अल खूरी और आई.एस.आर.एन. के सीईओ और सेवा सम्मेलन के राष्ट्रीय समन्वयक श्री संतोष गुप्ता रहेंगे। सी-20 सेवा सम्मेलन में “सेवा ही सर्वोच्च धर्म है” विषय पर विचार-विमर्श होगा।
भारतीय संस्कृति की आत्मा सेवा भाव से भरी हुई : डॉ. सहस्रबुद्धे
अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे ने सम्मेलन की जानकारी देते हुए बताया कि “वसुधैव कुटुम्बकम” के उद्देश्य से सेवा क्षेत्र में भारत के विश्व में योगदान पर गहन विचार-विमर्श किया जायेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति की आत्मा सेवा भाव से भरी हुई है, जिसकी झलक तिलक से लेकर अम्बेडकर तक दिखाई देती है। भारतीय चिंतन के केन्द्र बिन्दु में हमेशा सेवा रही है। इस सम्मेलन में सेवा क्षेत्र से जुड़े सभी आयामों पर मंथन कर वैश्विक स्तर पर शांति और विकास की दिशा तय की जायेगी। लोकतंत्र और भारतीय संस्कृति की गहरी समझ रखने वाले डॉ. सहस्रबुद्धे शिक्षा और सामाजिक कार्यों में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिये जाने जाते हैं।
विवेकानंद केन्द्र कन्याकुमारी की वाइस प्रेसीडेंट श्रीमती निवेदिता भिड़े ‘दीदी’ ने कहा कि जन-भागीदारी के जरिये समाज के सभी वर्गों को जोड़ा जा सकता है। सेवा भारत की मूल आत्मा है। नि:स्वार्थ सेवा का भाव उत्पन्न कर लोगों को जागृत और एकजुट करने का प्रयास सी-20 सम्मेलन में किया जायेगा।
आई.एस.आर.एन. के सीईओ और सेवा सम्मेलन के राष्ट्रीय समन्वयक श्री संतोष गुप्ता ने कहा कि सी-20 मंच ने 57 समाजशाला और 81 चौपाल जैसे कई सामाजिक आउटरिच कार्यक्रम किये हैं। सेवा की भावना, परोपकार और स्वैच्छिकता को केन्द्र में रखते हुए 2 लाख से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किये गये हैं। सी-20 सम्मेलन सेवा क्षेत्र पर नीतिगत संक्षिप्त चर्चा के साथ सम्पन्न होगा।
सम्मेलन की रूपरेखा
सम्मेलन का पहला सत्र दोपहर 12 से शुरू होगा। सत्र में भारतीय परिदृश्य में वैश्विक रूप से सेवा भाव पर विचार रखे जायेंगे। सत्र में सेवा के क्षेत्र में स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका और सहयोग से समग्र विकास पर चर्चा होगी। खलीफा बिन जॉयेद अल नाहयन फाउण्डेशन के जनरल डायरेक्टर श्री मोहम्मद हाजी अल खूरी, प्लान इण्डिया के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री मोहम्मद आसिफ और जॉन स्नो इण्डिया के कंट्री डायरेक्टर और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री संजय कपूर विचार रखेंगे। सत्र का संचालन यूथ ऑफ इण्डिया फाउण्डेशन के फाउण्डर श्री शैलेश सिंघल करेंगे। दूसरा सत्र दोपहर 2 बजे से होगा। सत्र में विकास के लिये सेवा और कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) पर चर्चा होगी। शिवगंगा झाबुआ के फाउण्डर मेंबर श्री राजाराम कटारा, विकास भारती के सचिव पद्मश्री श्री अशोक भगत, सेवा इंटरनेशनल इण्डिया के ग्लोबल को-ऑर्डिनेटर श्री श्याम परांडे अपने विचार रखेंगे। सत्र का संचालन यूथ फॉर सेवा इण्डिया के श्री किरन डीएम करेंगे।
दोपहर 3.15 बजे से तीसरे सत्र में बेस्ट प्रेक्टिसेस ऑफ इण्डिपेंडेंट सेवा योगीज पर चर्चा की जायेगी। सत्र में समाज में बदलाव लाने वाले व्यक्तियों के कार्यों पर विचार रखे जायेंगे। पर्यावरणविद श्री जगत किनखाबवाला, पर्यावरणविद और उद्यमी श्री अश्विनी खुराना, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के नेशनल कन्वेनर श्री गोपाल आर्य, गिव मी ट्रीज के फाउण्डर स्वामी प्रेम परिवर्तन (पीपल बाबा) विचार रखेंगे। कार्यक्रम का संचालन महर्षि आध्यात्म विश्वविद्यालय के श्री सियान क्लार्क करेंगे। सम्मेलन के चौथे सत्र में महिलाओं की भागीदारी और संयुक्त प्रयास पर चर्चा होगी। इस सत्र में विवेकानंद केन्द्र कन्याकुमारी की वाइस प्रेसीडेंट पद्मश्री निवेदिता भिड़े, राइजिंग फ्लेम की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर और फाउण्डर सुश्री निधि गोयल, भारतीय स्त्री शक्ति की वाइस प्रेसीडेंट सुश्री नयना सहस्रबुद्धे विचार रखेंगी। इस सत्र का संचालन सहगल फाउण्डेशन की ट्रस्टी और सीईओ सुश्री अंजलि मखीजा करेंगी। सम्मेलन के पहले दिन का अंतिम सत्र शाम 5.30 बजे से होगा। सत्र में “वसुधैव कुटुम्बकम” की भावना के वैश्वीकरण पर वक्ता अपने विचार रखेंगे। आईएसआरएन के सीईओ और सेवा सम्मेलन के नेशनल को-ऑर्डीनेटर श्री संतोष गुप्ता और आईएसआरएन के एसोसिएट डायरेक्टर श्री आशीष मंशारमानी विचार रखेंगे। इस सत्र का संचालन संत ईश्वर फाउण्डेशन की नेशनल सेक्रेटरी सुश्री वृंदा खन्ना करेंगी।
जी-20 एक अंतर्राष्ट्रीय मंच है, जिसमें दुनिया की प्रमुख अर्थ-व्यवस्थाएँ, केन्द्रीय बैंक और अंतर्राष्ट्रीय संगठन शामिल हैं। जी-20 देशों के एक विविध समूह का प्रतिनिधित्व करता है, जो सामूहिक रूप से वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और दुनिया की दो तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करता है। जी-20 के आधिकारिक कार्यकारी समूह में से एक सी-20 है, जो दुनियाभर में सिविल सोसायटी संगठनों को जी-20 में विश्व नेताओं के समक्ष लोगों की आकांक्षाओं की आवाज उठाने के लिये एक मंच प्रदान करता है।