• December 29, 2017

सीआईएसएफ के रंगरूटों की पासिंग आउट परेड

सीआईएसएफ के रंगरूटों की  पासिंग आउट परेड

जयपुर——— गीता, गुरू ग्रंथ साहिब, बाइबल और कुरान को साक्षी मानकर केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के 1922 रंगरूटों ने देश की आंतरिक और औद्योगिक सुरक्षा को आंच नहीं आने देने की शपथ ली। इनमें देश के सभी राज्यों के जांबाज शामिल थे।
1
टोंक जिले के देवली में शुक्रवार को सीआईएसएफ के प्रशिक्षण केन्द्र में आयोजित भव्य दीक्षान्त परेड का जहां अपर महानिदेशक श्री एमए गणपति और उप महानिरीक्षक डॉ. एसके मल्लिक की मौजूदगी में ये सभी जवान केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल जैसे गौरवशाली संगठन का हिस्सा बनकर देश की सुरक्षा के लिए निकले।

करीब 5400 रंगरूटों को एक साथ प्रशिक्षण देने के कारण लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में इस टे्रनिंग सेंटर का नाम दर्ज है। देश के विभिन्न राज्यों से यहां रंगरूट प्रशिक्षण लेने आते हैं और देश के लिए मर-मिटने की भावना से समर्पित होने के साथ सभी क्षमताओं में परिपूर्ण होकर निकलते हैं।

मुख्यमंत्री ने दी बधाई

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने इन सभी बहादुर जवानों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। श्रीमती राजे ने कहा कि जिस जज्बे और अनुशासन के साथ ये सभी नौजवान राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित हो रहे हैं वह हमारे लिए गर्व का विषय है। हम सबको इन जांबाजों से प्रेरणा लेनी चाहिए।

हर चुनौती को तैयार

पास आउट परेड में मुख्य अतिथि अपर महानिदेशक श्री गणपति ने केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को राष्ट्रीय सुरक्षा की महत्वपूर्ण कड़ी बताते हुए कहा कि बल के जवान हर चुनौती का सामना करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। उन्होंने जवानों का आव्हान किया कि वे अपनी क्षमताओं का निरन्तर विकास करें और देश की सुरक्षा के लिए हमेशा अपना सर्वस्व न्यौछावर करने के लिए तैयार रहें। उन्होंने परेड का निरीक्षण कर मार्च पास्ट की सलामी ली। परेड में शामिल बहादुर जवानों का उपस्थित जनसमूह ने करतल ध्वनि से उत्साह बढ़ाया।

अब तक की सबसे बड़ी दीक्षान्त परेड-डीआईजी मल्लिक

प्रशिक्षण केन्द्र के प्राचार्य एवं डीआईजी डॉ. एसके मल्लिक ने कहा कि 55 वीं दीक्षान्त परेड अब तक की सबसे बडी दीक्षांत परेड है। उन्होंने कहा कि 1984 से स्थापित यह केन्द्र अब तक 50 हजार आरक्षकों को प्रशिक्षण दे चुका है। आरक्षक एवं जीडी के पद पर नियुक्त युवाओं को 39 सप्ताह का प्रशिक्षण दिया गया है। सभी आरक्षक देश की आंतरिक एवं औद्योगिक सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इन्हें आधुनिक हथियारों के साथ विभिन्न परिस्थितियों में चुनौतियों का सामना करने के लिए दक्षता के साथ तैयार किया गया है।

रोमाचंक प्रदर्शन

परेड़ के दौरान जांबाजों की हैरतअंगेज प्रस्तुतियों की सभी ने सराहना की। कार्यक्रम में केरल का करेली मार्शल आर्ट, साईलेंट ड्रिल, मल्लखम्भ, मार्शल आर्ट काता, चाइनीज मार्शल आर्ट, झारखण्ड एवं पश्चिमी बंगाल का प्रसिद्ध छांउ नृत्य एवं आकर्षक कलाओं का प्रदर्शन किया गया।

उत्कृष्ट आरक्षक सम्मानित

प्रशिक्षण के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जवानों आरक्षक रोहित सिंधे, उम्मेदसिंह, गणेश सिंह राजपूत, विनय कुमार, हेमंगा सोनवाल, राकेश भाल, मनोज कुमार मकवाना, परेश कुमार, इस्लावद भरत, रविकुमार माण्डलिया को इस अवसर पर विशिष्ट मैडल से सम्मानित किया गया। परेड़ का नेतृत्व आरक्षक रविकुमार माण्डलिया ने किया और कमाण्डेंट श्री भूपेन्द्रसिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया।

Related post

भाषा मानवता को समझने का एक पासपोर्ट है- श्री टिम कर्टिस, निदेशक, यूनेस्को प्रतिनिधि

भाषा मानवता को समझने का एक पासपोर्ट है- श्री टिम कर्टिस, निदेशक, यूनेस्को प्रतिनिधि

पीआईबी दिल्ली : इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) ने 21 और 22 फरवरी 2025 को…
रक्षा मंत्रालय  के साथ ₹697.35 करोड़ के अनुबंध पर हस्ताक्षर

रक्षा मंत्रालय  के साथ ₹697.35 करोड़ के अनुबंध पर हस्ताक्षर

पीआईबी( दिल्ली) — रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना के लिए 697.35…
बेटे अब्दुल रफ़ी बाबा सऊदी अरब की जेल में बंद साइबर-संबंधित अपराधों और सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक वीडियो प्रसारित करने” के लिए 11 साल की सज़ा

बेटे अब्दुल रफ़ी बाबा सऊदी अरब की जेल में बंद साइबर-संबंधित अपराधों और सोशल मीडिया पर…

श्रीनगर: (कश्मीर टाइम्स) हर सुबह, जैसे ही श्रीनगर में पहली किरण फूटती है, 65 वर्षीय मंज़ूर-उल-हक…

Leave a Reply