• September 8, 2016

सिक्किम की तर्ज पर राजस्थान संपूर्ण जैविक खेत

सिक्किम की तर्ज पर राजस्थान  संपूर्ण जैविक खेत

जयपुर—- कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी बुधवार को सीकर आए। यहां उन्होंने जैविक खेती करने वाले किसानों के खेतों का भ्रमण किया, लोगों की समस्याएं सुनीं, अधिकारियों से फीडबैक लिया और कृषि से जुड़े विद्यार्थियों से भी बातचीत की। इस दौरान सर्किट हाऊस में किसानों से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि राज्य सरकार सिक्किम की तर्ज पर पूरे राजस्थान को जैविक प्रदेश बनाना चाहती है।

फिलहाल राज्य में 65 हजार हैक्टेयर में जैविक खेती हो रही है। 35 हजार किसानों ने जैविक कृषि रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया है। प्रत्येक कृषि उपज मंडी में जैविक उत्पाद की खरीद के के लिए दुकान स्थापित की जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य मेंं प्रत्येक ब्लॉक में 50 हैक्टेयर भूमि में जैविक ब्लॉक विकसित किया जाएगा। जैविक खेती में लगातार तीन वर्ष पूरे करने वाले किसानों को सहायता प्रदान की जाएगी।

फिलहाल डूंगरपुर जिले को संपूर्ण जैविक जिला बनाने की घोषणा राज्य सरकार द्वारा की गई है। इसके लिए वहां के किसानों को भ्रमण आदि गतिविधियों के जरिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राज्य में 16 लाख किसानों को सॉयल हैल्थ कार्ड जारी किए गए हैं। इन किसानों की मृदा के स्वास्थ्य की जांच में पाया गया है कि रासायनिक खाद के उपयोग से मृदा में जिंक, लोहा, मैंगनीज, मैग्नीशियम आदि तत्वों की कमी हो रही है। मृदा के स्वास्थ्य में आ रही यह अनियमितता मानव स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदेह है।

इसलिए सरकार जैविक खेती को प्रोत्साहन देने की दिशा में काम कर रही है। राज्य में परम्परागत तौर पर ही बड़े क्षेत्र में जैविक खेती की जाती है। जैविक खेती को प्रोत्साहन की एकमात्र उपाय कृषि मंत्री ने कहा कि केमिकल पेस्टीसाइड्स के उपयोग को रोकने के लिए भारत सरकार ने भी कानून बनाया है कि खेतों में तय मानदंडों से अधिक रासायनिक खाद का उपयोग नहीं हो।

खाद्यान्न आपूर्ति को देखते हुए एक साथ इसके उपयोग को नहीं रोका जा सकता है लेकिन हम यह प्रयास कर रहे हैं कि धीरे-धीरे रासायनिक खाद का उपयोग बंद हो। इसके लिए किसानों की सहभागिता सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। प्रत्येक व्यक्ति को जैविक उत्पाद खाद्यान्न के तौर पर सस्ते सुलभ हों, इसके लिए जैविक खेती को बढावा देना ही एकमात्र उपाय है।

उन्होंने कहा कि जैविक खेती करने वाले किसानों को बेहतर दाम मिल रहे हैं और यह किसान का अधिकार होना ही चाहिए कि यदि वह गुणवत्तायुक्त उत्पादन कर रहा है तो उसे बेहतर पैसा मिले। राज्य के किसानों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का प्रयास उन्होंने बताया कि 9 से 11 नवंबर तक राज्य में ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट 2016 का आयोजन किया जाएगा। राजस्थान के किसानों द्वारा किए जा रहे नवाचार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का प्रयास किया जाएगा।

हम यह चाहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जैविक खेती करने वाले किसानों को बाजार मिले और अपनी फसल का सही मूल्य मिले। इस सम्मेलन में राज्य के 50 हजार किसान भाग लेंगे। राज्य 15 से ज्यादा फसलों के उत्पादन में पूरे देश में प्रथम स्थान रखता है। अमेरिका की आइवा यूनिवर्सिटी से एमओयू कर राजस्थान को बीज क्षेत्र में एशिया का सबसे बड़ा हब बनाने का प्रयास किया जाएगा। डेयरी एवं पशुपालन के क्षेत्र में भी एमओयू किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि सर्वे में फिजीबल पाए जाने पर सीकर में राज्य बीज निगम का केंद्र खोला जाएगा। रसीदपुरा प्याज मंडी को लेकर उन्होंने कहा कि इसके विकास के लिए समुचित प्रयास किए जाएंगे। नई मंडियों में फिलहाल मनोनीत बोर्ड उन्होंने बताया कि राज्य में पलसाना सहित नवगठित आठ मंडियों में दो साल तक मनोनीत सदस्यों के बोर्ड द्वारा काम किया जाएगा। इसके बाद वहां चुनाव कराए जाएंगे। बाकी मंडियों में चुनाव के लिए मतदाता वार्डों का गठन किया जा चुका है।

25 सितंबर के बाद पूरे राजस्थान में प्रशासक नियुक्त किए जाएंगे। इस दौरान सीकर जिले के सर्किट हाउस में जिला कलक्टर श्री केबी गुप्ता, कृषि आयुक्त श्री अंबरीश कुमार, विधायक श्री रतनलाल जलधारी, विधायक श्री गोरधन वर्मा, जिला प्रमुख अपर्णा रोलन, सहित संबंधित अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

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