- March 8, 2015
सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना : प्रथम चरण की 1200 मेगावाट दो इकाई का लोकार्पण
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने खण्डवा जिले की श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के औसत लागत से कम में तैयार होने पर मध्यप्रदेश सरकार की सराहना की है। श्री मोदी ने गत 5 मार्च को खण्डवा जिले में श्री सिंगाजी प्रथम चरण की 1200 मेगावाट दो इकाई का लोकार्पण तथा द्वितीय चरण की 1320 मेगावाट के शिलान्यास अवसर पर अपने भाषण में इसका विशेष रूप से उल्लेख किया।
श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के प्रथम चरण का निर्माण कार्य औसत लागत से कम में करने के लिये उन्होंने सराहा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि द्वितीय चरण समय पर पूर्ण होने पर राज्य सरकार को कम लागत में परियोजना पूर्ण करने के लिये पुरस्कार मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि 1200 मेगावाट के प्रथम चरण में तैयार 600-600 मेगावाट की दो इकाइयों की लागत 7820 करोड़ है। यह एक ग्रीन फील्ड परियोजना है। देश में इस परियोजना के समानान्तर अन्य परियोजना से तुलना करने पर यह लक्षित होता है ।
श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के प्रथम चरण की प्रति मेगावाट लागत सवा छह करोड़ है, वहीं अन्य परियोजनाओं की लागत जैसे एनटीपीसी कटवा 6.78 करोड़ प्रति मेगावाट, एनटीपीसी खरगोन 6.96 करोड़, महाजेनको भुसावल 6.5 करोड़, तमिलनाडु मेट्टूर 7.63 करोड़, छत्तीसगढ़ मड़वा 7.44 करोड़ और जे.पी. निगरी 7.44 करोड़ प्रति मेगावाट है।
इसी तरह श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के द्वितीय चरण में 660-660 मेगावाट की दो इकाई स्थापित की जायेंगी। कुल 1320 मेगावाट की इन इकाइयों की लागत 6500 करोड़ है, जो अन्य प्रदेश में स्थापित हो रही ताप विद्युत परियोजनाओं की तुलना में सबसे कम है।
परियोजना की वर्तमान लागत (ईपीसी) 4 करोड़ प्रति मेगावाट है, जबकि समकालीन अन्य परियोजनाओं जैसे कि राजस्थान सूरतगढ़ 4.23 करोड़, राजस्थान छाबरा 4.31 करोड़, एनटीपीसी नार्थ करनपुरा 4 करोड़ तथा गुजरात वानकबोरी 4.44 करोड़ प्रति मेगावाट है। इस तरह यदि दोनों चरण की कुल क्षमता 2520 मेगावाट की लागत 14 हजार 320 करोड़, प्रति मेगावाट 5.68 करोड़ रुपये आंकलित है, जो समकालीन परियोजनाओं में सबसे कम है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने उदबोधन में उल्लेख किया कि समय पर किये गये सही निर्णय, पक्की निगरानी, जागरूक प्रयास और जनता के पैसों का सही उपयोग हुआ है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि द्वितीय चरण की परियोजना समय पर पूरी होने पर परियोजना की लागत अन्य परियोजनाओं की तुलना में कम होगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्र ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल और प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल सहित अन्य अतिथि मौजूद थे।